जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार के बाहर गलियारे में यह छात्र इसलिए नहीं लेटे हुए हैं कि छात्रावास में उनके रहने के लिए जगह नहीं है, बल्कि यह छात्र यहां अनशन पर इसलिए डटे हैं, क्योंकि छात्रावास में उनके लिए खाना और चिकित्सा व्यवस्था नहीं है। मैस और डॉक्टर की मांग को लेकर पिछले चार दिनों से यह छात्र लगातार अनशन कर रहे हैं।
तीन मांगों में से दो मांगें अब भी अधूरी
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर अनशन पर बैठे इन छात्रों की तीन मांगे थी। छात्रों ने इनकी प्रवेश प्रक्रिया पूरा करने के साथ ही छात्रावास में मैस और डॉक्टरी सुविधा की मांग की थी। आरडीवीवी प्रशासन के द्वारा प्रवेश प्रक्रिया तो पूरी कर दी गई है पर छात्रों ने आरोप लगाया है की कुल सचिव का कहना है कि यहां पर ना कभी मैस चला है ना चल पाएगा।
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कर्मचारी दो हम खुद बनवा लेंगे खाना
छात्रों ने आरडीवीवी प्रशासन को यह भी विकल्प दिया है कि वह उन्हें केवल कर्मचारी उपलब्ध करा दें, वह लोग खुद आपस में रुपए जमा करके खाना बनवा लेंगे, लेकिन इस मांग के साथ ही एक चिकित्सक की मांग भी अब तक पूरी नहीं की गई है। अनशन पर बैठे छात्र अपनी मांगों को लेकर अडिग है और जब तक उनकी तीनों मांगे पूरी नहीं होती तब तक इस अनशन से उठने से इनकार कर रहे हैं।
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कहां गया करोड़ों रुपए का फंड?
आपको बता दें कि पीएम उषा योजना के तहत विश्वविद्यालय को ग्रेडिंग के हिसाब से लगभग 100 करोड़ रुपए का फंड विकास के लिए मिलना था। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के ग्रेडिंग में पिछड़ जाने के कारण उसे यूजीसी के द्वारा 20 करोड़ रुपए का फंड मिला था। विश्वविद्यालय के द्वारा साल 2022-23 में 35 करोड़ रुपए के घाटे का बजट पेश किया गया था जिसे पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय ने नए कोर्स चालू करने एवं ज्यादा एडमिशन को बढ़ावा देने पर जोर दिया था। लेकिन यह सारी कवायत केवल कागजों तक ही सीमित रही क्योंकि बड़ी संख्या में नए लॉन्च किए गए कोर्सेज में छात्रों ने एडमिशन ही नहीं लिया।
मूलभूत सुविधाओं का अभाव
छात्रावास में रहने वाले छात्रों की यदि माने तो इसका एक मुख्य कारण यह भी है कि छात्रावास में खाना उपलब्ध नहीं है और मूलभूत सुविधाओं के लिए भी छात्रों को तरसना पड़ता है। इसलिए दूसरे शहर से आने वाले छात्र-छात्राएं रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की जगह प्राइवेट कॉलेजों की ओर रुख कर रहे हैं। कुलगुरु से लेकर कुल सचिव तक लगातार आरोपों के बीच घिरे रहने वाले रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय का प्रशासन इस तरह से ही यदि यूनिवर्सिटी का उन्नयन करेगा तो आने वाले सालों में भी यूनिवर्सिटी का बजट घाटे में ही जाना तय है।
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जल्द पूरी होगी मांगे - कुलसचिव
छात्र संघ के अभिषेक तिवारी ने जहां कुलपति पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने यह साफ कह दिया है कि विश्वविद्यालय में ना कभी मैस चला है ना चलेगा तो वही रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रोफेसर राजेन्द्र कुररिया ने बताया कि छात्रों की मांगों में से एक मांग पूरी कर दी गई है और बाकी दो मांगों के लिए भी प्रयास किया जा रहे हैं जो जल्द ही पूरी की जाएगी। अनशन पर बैठे छात्रों का यह कहना है कि जब तक यह मांगे पूरी नहीं होगी तब तक यह अनशन चलता रहेगा।
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