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Photograph: (the sootr)
JABALPUR. मध्य प्रदेश परिवहन विभाग में पदस्थ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी RTO संतोष पाल और उनकी पत्नी रेखा पाल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED), भोपाल जोनल कार्यालय ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में दोनों की लगभग 3.38 करोड़ रुपए संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क कर ली है। यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार से जुड़े गंभीर आरोपों के चलते की गई है।
EOW की FIR से शुरू हुई ED की जांच
ED ने यह जांच आर्थिक अपराध शाखा (EOW), भोपाल द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। यह एफआईआर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं के तहत दर्ज की गई थी। जिसमें संतोष पाल और रेखा पाल पर अपने ज्ञात आय स्रोतों से कहीं अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगे थे। प्रारंभिक जांच के बाद मामला मनी लॉन्ड्रिंग के दायरे में आने पर ED ने अपनी कार्रवाई तेज की।
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73 लाख की आय, 4.80 करोड़ की संपत्ति
ED की जांच में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। जांच के अनुसार, दोनों की कुल सत्यापित वैधानिक आय लगभग 73.26 लाख रुपये पाई गई। इसके विपरीत, उन्होंने करीब 4.80 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की और खर्च की।
जांच में यह साफ हुआ कि लगभग 4.06 करोड़ रुपये की संपत्ति आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक है, जिसे Disproportionate Assets माना गया। इन तथ्यों के आधार पर ED ने इन संपत्तियों को “अपराध की आय” (Proceeds of Crime) मानते हुए कुर्क करने की कार्रवाई की।
नकद जमा और EMI का संदिग्ध पैटर्न
जांच के दौरान ED को बैंक खातों में बार-बार भारी नकद जमा होने के सबूत भी मिले। खास बात यह रही कि ये नकद जमा अक्सर लोन की EMI चुकाने से ठीक पहले किए जाते थे। ED का मानना है कि यह तरीका बैंकिंग सिस्टम के जरिए बेहिसाब नकदी को खपाने का संकेत देता है, जो मनी लॉन्ड्रिंग की स्पष्ट कार्यप्रणाली (Modus Operandi) मानी जा रही है।
जबलपुर में घर, प्लॉट, खेत और दुकानें कुर्क
ED द्वारा कुर्क की गई संपत्तियों में जबलपुर जिले में स्थित आवासीय मकान, आवासीय प्लॉट, कृषि भूमि और व्यावसायिक दुकानें शामिल हैं। इन सभी अचल संपत्तियों को जांच एजेंसी ने अवैध आय से अर्जित मानते हुए अस्थायी रूप से कुर्क किया है।
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आगे और बढ़ सकती हैं मुश्किलें
कानूनी जानकारों के अनुसार, PMLA के तहत संपत्तियों की कुर्की के बाद यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो ये संपत्तियां स्थायी रूप से जब्त भी हो सकती हैं। साथ ही, मामले में अभियोजन (Prosecution) की प्रक्रिया तेज होने की संभावना है। ED की कार्रवाई ने परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार और अवैध कमाई के मामलों पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
RTO संतोष पाल और उनकी पत्नी वरिष्ठ लिपिक रेखा पाल के खिलाफ ED की यह कार्रवाई यह भी दर्शाती है कि भ्रष्टाचार से जमा संपत्ति अब जांच एजेंसियों की नजर से बच पाना मुश्किल होता जा रहा है।
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