मोहन सरकार ने फिर लिए 3500 करोड़, कर्ज 53100 करोड़ तक पहुंचा

2025 के अंत तक, मोहन सरकार ने 53 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। सरकार का कुल कर्ज 2025 में 35 सौ करोड़ और बढ़ा है। यह कर्ज विकास योजनाओं के लिए लिया गया है।

author-image
Sanjay Dhiman
New Update
Mohan government again took 3500 crores

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

5 पाइंट में समझिए पूरी खबर

  • मोहन सरकार ने 2025 के आखिरी दिनों में 3500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया, जिससे कुल कर्ज 53100 करोड़ रुपए तक पहुंचा।
  • यह कर्ज भारतीय रिजर्व बैंक से तीन किस्तों में लिया गया और 31 दिसंबर 2030 तक चुकाने की योजना है।
  • पहला कर्ज 1200 करोड़ रुपए का है, जो 5 साल में चुकाना होगा और कृषि, सिंचाई योजनाओं के लिए होगा।
  • दूसरा कर्ज भी 1200 करोड़ का है, जो 11 साल में चुकाया जाएगा, और तीसरा कर्ज 1100 करोड़ का है।
  • सरकार का कहना है कि यह कर्ज निवेश के रूप में लिया गया है, जो प्रदेश के विकास कार्यों के लिए इस्तेमाल होगा।

BHOPAL.मोहन सरकार ने 2025 के आखिरी दिन 35 सौ करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। इसे मिलाकर चालू वित्त वर्ष में सरकार द्वारा लिया गया कुल कर्ज 53 हजार 100 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। इस कर्ज को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से तीन किस्तों में लिया गया। यह कर्ज 2030 से 2048 तक सरकार को चुकाना होगा। इससे पहले, शीतकालीन सत्र की शुरुआत के दौरान सरकार ने बाजार से कर्ज लिया था। जिससे सरकार के कर्ज का कुल आंकड़ा बढ़ा।

वित्त वर्ष की शुरुआत में ही सरकार पर 4 लाख 21 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था। लेकिन सरकार ने इस नए कर्ज को वित्तीय योजनाओं के तहत इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। 30 दिसंबर को लिया गया पहला कर्ज 1200 करोड़ रुपए का था, जो 5 साल के लिए लिया गया है और इसका भुगतान 31 दिसंबर 2030 तक होगा।

यह राशि कृषि योजनाओं, सिंचाई, पावर प्रोजेक्ट्स और कम्युनिटी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के लिए इस्तेमाल की जाएगी। दूसरा कर्ज भी 1200 करोड़ रुपए का है और यह 11 साल के लिए लिया गया है, जिसका भुगतान 31 दिसंबर 2036 तक करना होगा। तीसरा कर्ज 1100 करोड़ रुपए का है, जिसे 23 साल में चुकाना होगा। 

यह खबरें भी पढ़ें...

इस साल टाइगर स्टेट एमपी में 55 बाघों की मौत, सुरक्षा पर सवाल

एमपी में अवैध कॉलोनी के लिए नया अधिनियम, 10 साल की सजा, एक करोड़ का जुर्माना

कर्ज को लेकर सरकार का बयान

डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बार-बार कर्ज को लेकर यह स्पष्ट किया है कि यह कोई बोझ नहीं, बल्कि एक निवेश है। उनके अनुसार, यह कर्ज प्रदेश में विकास कार्यों और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए लिया जाता है, और इसी उद्देश्य के लिए इसका उपयोग होता है। सरकार का कहना है कि यह कर्ज सरकार की मौजूदा आर्थिक स्थिति के अंदर है और इसके लिए कोई अतिरिक्त बोझ नहीं है।

सरकार की वित्तीय स्थिति

सरकार ने अपनी रेवेन्यू को लेकर भी कुछ आंकड़े साझा किए हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार का रेवेन्यू सरप्लस 12487.78 करोड़ रुपए था, जिसमें सरकार की आमदनी 2 लाख 34 हजार 26.05 करोड़ और खर्च 2 लाख 21 हजार 538.27 करोड़ था।

वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार की रिवाइज्ड आमदनी 2 लाख 62 हजार 9.01 करोड़ और खर्च 2 लाख 60 हजार 983.10 करोड़ बताया गया है। हालांकि, पिछले वित्त वर्ष में भी सरकार का सरप्लस 1025.91 करोड़ रुपए था। यह दर्शाता है कि कर्ज लेने की सीमा अभी बाकी है और यह कर्ज सरकार की वित्तीय स्थिति के अनुकूल लिया गया है।

यह खबरें भी पढ़ें...

एमपी कांग्रेस के भीतर संगठन सृजन बनाम सत्ता संघर्ष की जंग

एमपी परिवहन नियमों में बदलाव, अब बस कंडक्टर सीट पर भी टैक्स

मोहन सरकार द्वारा लिए गए कर्जों का विवरण

तारीखकर्ज की राशि (करोड़ ₹ में)भुगतान की अवधि (वर्षों में)
02 दिसंबर1,000 + 1,000 + 1,000 (कुल 3,000)क्रमशः 8 साल, 13 साल और 23 साल
12 नवंबर1,500 + 1,500 + 1,000 (कुल 4,000)क्रमशः 16 साल, 22 साल और 19 साल
28 अक्टूबर2,700 + 2,500 (कुल 5,200)क्रमशः 21 साल और 22 साल
30 सितंबर1,500 + 1,500 (कुल 3,000)क्रमशः 20 साल और 23 साल
23 सितंबर1,500 + 1,500 (कुल 3,000)क्रमशः 18 साल और 21 साल
09 सितंबर1,500 + 1,500 + 1,000 (कुल 4,000)क्रमशः 17 साल, 19 साल और 20 साल
26 अगस्त2,500 + 2,300 (कुल 4,800)क्रमशः 20 साल और 18 साल

मोहन सरकार RBI भारतीय रिजर्व बैंक वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा कर्ज भुगतान 35 सौ करोड़ रुपए का कर्ज
Advertisment