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mp transport rules changes
5 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी
👉मध्यप्रदेश में परिवहन विभाग ने बसों में कंडक्टर सीट पर मिलने वाली टैक्स छूट खत्म करने का फैसला लिया है।
👉परिवहन विभाग मोटरयान नियम, 1994 में संशोधन करने जा रहा है। नए नियमों का प्रारूप जारी किया गया है।
👉 नए नियमों के अनुसार, यात्री वाहनों में व्यापारिक माल या पार्सल नहीं ले जाया जा सकेगा।
👉 व्यापारिक माल का परिवहन केवल ई-वे बिल के माध्यम से ही मान्य होगा।
👉 नियमों में मप्र राज्य सड़क परिवहन निगम की जगह राज्य परिवहन उपक्रम का प्रावधान किया गया है।
मध्यप्रदेश में यात्री बसों से सफर करना अब और महंगा हो सकता है। परिवहन विभाग ने बसों में कंडक्टर सीट को मिलने वाली टैक्स छूट खत्म करने का फैसला किया है। इसका असर बस किराए पर पड़ना तय है।
ड्राइवर को राहत, कंडक्टर बाहर
अब तक यात्री बसों में चालक और परिचालक दोनों की सीट टैक्स से मुक्त थीं। लेकिन नए प्रस्तावित नियमों में परिचालक यानी कंडक्टर को इस छूट से बाहर कर दिया गया है। अब बस मालिकों को कंडक्टर सीट का भी टैक्स चुकाना होगा।
मोटरयान नियमों में होगा संशोधन
परिवहन विभाग मोटरयान नियम, 1994 में संशोधन करने जा रहा है। विभाग ने नियमों का प्रारूप जारी किया है। प्रस्तावित बदलावों पर 30 दिन के भीतर आपत्तियां मांगी गई हैं।
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सीटों की गिनती बदलेगी, टैक्स बढ़ेगा
संशोधित प्रारूप के अनुसार डीलक्स और एसी बसें चालक सहित कम से कम 36 सीटों की होंगी। एक्सप्रेस बसें चालक सहित 46 सीट से कम नहीं होंगी। वहीं साधारण बसों के लिए चालक सहित न्यूनतम 51 सीट तय की गई हैं।
अब तक इन बसों में कंडक्टर सीट टैक्स फ्री थी, इसलिए इन्हें 36, 45 और 50 सीटर माना जाता था। नए नियम लागू होने पर टैक्सेबल सीटों की संख्या बढ़ जाएगी।
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बसों में पार्सल ढोने पर लगेगी लगाम
नए नियमों के तहत यात्री वाहनों में निजी सामान के अलावा व्यापारिक माल या पार्सल नहीं ले जाया जा सकेगा। सीमित स्थिति में व्यापारिक माल का वजन वाहन के कुल सकल भार का 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।
ई-वे बिल अनिवार्य, उल्लंघन पर सख्ती
यदि नियमों के विपरीत व्यापारिक माल ले जाते हुए वाहन पकड़ा गया तो तुरंत माल उतरवाया जाएगा। जुर्माना भी लगेगा। व्यापारिक माल का परिवहन केवल ई-वे बिल के माध्यम से ही मान्य होगा।
नए नियमों में यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए शिकायत पोर्टल शुरू करने का दावा किया गया है। किराया और माल भाड़े की समीक्षा हर साल राज्य सरकार द्वारा अधिकृत समिति करेगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर किराए घटाए या बढ़ाए जाएंगे।
सड़क परिवहन निगम की जगह नया उपक्रम
नियमों के मसौदे में MP राज्य सड़क परिवहन निगम की जगह अब राज्य परिवहन उपक्रम का प्रावधान किया गया है। यही उपक्रम प्रदेश में बसों के संचालन और निगरानी की जिम्मेदारी संभालेगा। कई पुराने नियमों को पूरी तरह समाप्त भी कर दिया गया है।
मानकों के मुताबिक बनेगी बसों की बॉडी
अब लोक सेवा वाहनों की बॉडी ऑटोमोबाइल उद्योग मानकों और भारतीय मानक ब्यूरो के दिशा-निर्देशों के अनुसार बनानी होगी। यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा की जिम्मेदारी बस संचालकों की होगी।
ग्रामीण और नगरीय रूट तय
नए नियमों में बसों के लिए रूट भी स्पष्ट कर दिए गए हैं। ग्रामीण मार्ग वे होंगे जो गांवों, तहसील मुख्यालय या नगरीय निकायों को जोड़ते हैं। नगरीय मार्ग वही माने जाएंगे, जिनमें कम से कम पांच स्टॉपेज शहरी क्षेत्र में हों।
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बिना GPS अब नहीं दौड़ेगी एंबुलेंस
परिवहन नियमों में एंबुलेंस सेवाओं को लेकर भी सख्ती की गई है। अब प्रदेश में कोई भी सार्वजनिक या निजी एंबुलेंस बिना जीपीएस के संचालित नहीं हो सकेगी। सभी एंबुलेंस को टोल फ्री नंबर 112 या अन्य सरकारी नंबरों से जोड़ा जाएगा।
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समझिए बदलाव का असर
नए परिवहन नियम जहां एक ओर निगरानी और सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में कदम हैं। वहीं दूसरी ओर कंडक्टर सीट पर टैक्स से बस किराए में बढ़ोतरी की आशंका भी बढ़ गई है। अब इन बदलावों पर आम जनता और परिवहन क्षेत्र की प्रतिक्रियाएं अहम होंगी।
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