/sootr/media/media_files/2025/04/18/CLpf9u43ubcZ70ZxgZmI.jpg)
जबलपुर शहर के मदन महल क्षेत्र में एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में लगे एक प्रतिष्ठित आध्यात्मिक गुरु को धार्मिक भावनाएं आहत करने वाले तत्वों के खिलाफ आवाज उठाने पर सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी दी गई। आरोपियों ने सोशल मीडिया पर संत को सिर तन से जुदा करने की धमकी दी थी। अब मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। वहीं इस मामले से जुड़े अन्य लोगों की तलाश के लिए विशेष पुलिस टीमें गठित कर छापेमारी की जा रही है। यह घटना धार्मिक सद्भाव, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कानून-व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती मानी जा रही थी, जिसे पुलिस ने प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया।
सोशल मीडिया बना धार्मिक विद्वेष फैलाने का माध्यम
जगद्गुरु राघव देवाचार्य के द्वारा की शिकायत के अनुसार, हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा ऐसी टिप्पणियाँ की गई थीं जो न केवल आपत्तिजनक थीं, बल्कि सीधे तौर पर हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली थीं। इन पोस्टों में अमर्यादित भाषा, धार्मिक प्रतीकों और मान्यताओं पर आक्षेप और अमर्यादित टिप्पणियां की गईं। इसे देखकर धर्माचार्य राघव देवाचार्य ने अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए इसका विरोध किया और प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। उनका मानना था कि समाज को बांटने वाली इस तरह की गतिविधियों को तुरंत रोका जाना चाहिए ताकि सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे।
ये खबर भी पढ़ें...
धमकी देने वाले अब भी फरार, स्वामी राघव देवाचार्य ने जताई नाराजगी, सरकार की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
धार्मिक गुरुओं की आवाज को डराने की कोशिश, पर नहीं झुके धर्माचार्य
जब जगतगुरु राघव देवाचार्य ने इस आपत्तिजनक गतिविधि का विरोध किया और प्रशासन से कार्रवाई की मांग की, तो उन्हें स्वयं ही धमकियों का सामना करना पड़ा। कुछ अराजक तत्वों ने न केवल उन्हें अपशब्द कहे, बल्कि सोशल मीडिया के माध्यम से जान से मारने की धमकी दी। यह स्थिति और अधिक संवेदनशील तब हो गई जब ये धमकियां सुनियोजित तरीके से कई माध्यमों से लगातार मिलने लगीं। बावजूद इसके, धर्माचार्य पीछे नहीं हटे और उन्होंने संविधान और कानून पर भरोसा रखते हुए पूरी घटना की लिखित शिकायत मदन महल पुलिस थाने में की।
ये खबर भी पढ़ें...
समाज विशेष को लेकर विवादित टिप्पणी से मचा बवाल, BJP के दो नेताओं को नोटिस, निष्कासन की चेतावनी
एसपी के निर्देश पर बनी विशेष टीम, तेजी से की गई कार्रवाई
राघव देवाचार्य की शिकायत मिलते ही जबलपुर एसपी संपत उपाध्याय ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए तत्काल संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि आरोपियों की पहचान कर शीघ्र गिरफ्तारी की जाए। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आनंद कलादगी और नगर पुलिस अधीक्षक रीतेश कुमार शिव के मार्गदर्शन में थाना मदन महल की एक विशेष जांच टीम गठित की गई। थाना प्रभारी संगीता सिंह के नेतृत्व में टीम ने आधुनिक तकनीकी संसाधनों और खुफिया जानकारियों की मदद से आरोपियों की पहचान की।
तीन आरोपी पुलिस के शिकंजे में, जेल भेजा गया
पुलिस टीम ने कड़ी कार्रवाई कर तीन आरोपियों आकिब अनवर अंसारी (20 वर्ष) निवासी पानी की टंकी के पास गोहलपुर, मोहम्मद फैजान (21 वर्ष) निवासी हिंद फर्नीचर के पास नया मोहल्ला ओमती, और सलमान (19 वर्ष) निवासी मुजावर मोहल्ला के पास केवट मोहल्ला थाना गढ़ा को चिन्हित कर गिरफ्तार कर लिया। तीनों को विधिवत गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। पुलिस ने जानकारी दी है कि इस प्रकरण में शामिल अन्य आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमें संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं।
ये खबर भी पढ़ें...
MP में छह जिलों के DEO और DCP को कारण बताओ नोटिस, 25 अप्रैल तक का अल्टीमेटम, जानें वजह
धर्म, समाज और कानून की गरिमा को ठेस पहुंचाने वालों को नहीं मिलेगा बचाव
यह मामला दर्शाता है कि किस प्रकार कुछ असामाजिक तत्व धार्मिक भावना भड़काने, समाज में विद्वेष फैलाने और धार्मिक गुरुओं को डराने की कोशिश कर रहे हैं। परंतु प्रशासन और पुलिस की तत्परता ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी गतिविधियों को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। धर्म की रक्षा करने वालों की गरिमा बनाए रखना प्रशासन की जिम्मेदारी है, और जबलपुर पुलिस ने इस मामले में वह जिम्मेदारी बखूबी निभाई है। विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए पुलिस प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
ये खबर भी पढ़ें...
बिना कोर्ट आदेश के कब्जा दिलवाना पड़ा भारी, हाईकोर्ट ने भोपाल कलेक्टर और तहसीलदार को लगाई फटकार
जबलपुर न्यूज | Jabalpur News | स्वामी राघव देवाचार्य | मध्य प्रदेश