18 कर्मचारियों का अनुमोदन और 20 का ट्रांसफर, जबलपुर में उड़ी ट्रांसफर नीति की खुलकर धज्जियां

NHM ने ग्रामीण से शहरी क्षेत्र में ट्रांसफर रोकने का आदेश दिया था। इसके बावजूद, जबलपुर सीएमएचओ ने नियमों की अनदेखी करते हुए 8 कर्मचारियों को शहर में भेजा। यह मनमानी कार्रवाई की गई।

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Neel Tiwari
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CMHO संजय मिश्रा

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JABALPUR. मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) कार्यालय जबलपुर में एक गंभीर अनियमितता का खुलासा हुआ है। मिशन संचालक द्वारा स्पष्ट निर्देश होने के बावजूद 8 संविदा कर्मचारियों के ग्रामीण से शहरी क्षेत्र में ट्रांसफर कर दिए गए, जिसमें राज्य सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के नियमों की भी  खुलकर धज्जियां उड़ाई गई हैं।

NHM संचालक ने दिए थे स्पष्ट निर्देश

भोपाल स्थित स्वास्थ्य मिशन संचालक कार्यालय ने 4 जुलाई 2025 को जारी आदेश में यह स्पष्ट किया था कि स्थानांतरण की स्वीकृति सामान्य प्रशासन विभाग की 29 अप्रैल 2025 की नीति के अनुरूप दी गई है और किसी भी संविदा कर्मचारी का ट्रांसफर ग्रामीण से शहरी क्षेत्र में नहीं किया जाना है। इसके बावजूद 17 जून 2025 को जबलपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) संजय मिश्रा द्वारा जारी आदेश में नीति को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया।

एक ही दिन में दो अलग-अलग आदेश

  • जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि 17 जून 2025 को एक ही जावक क्रमांक (2781) के अंतर्गत दो अलग-अलग ट्रांसफर आदेश निकाले गए।
  • पहला आदेश 12 कर्मचारियों के लिए निकला गया, फिर दूसरा आदेश 19 कर्मचारियों के लिए जारी हुआ लेकिन इनमें से 12 नाम दोनों आदेशों में कॉमन हैं।
  • इतना ही नहीं, 08 संविदा कर्मचारियों के लिए अलग-अलग व्यक्तिगत ट्रांसफर आदेश भी इसी दिन जारी किए गए, जिनमें से 07 पहले से ही मुख्य आदेश में शामिल थे।

अनुमोदन सिर्फ 18 का, ट्रांसफर हुए 20

CMHO जबलपुर ने कलेक्टर व मिशन संचालक से सिर्फ 18 संविदा कर्मचारियों के ट्रांसफर की मंजूरी ली थी, लेकिन कुल 20 के ट्रांसफर आदेश जारी कर दिए, जिनमें से 2 के आदेश बिना किसी अनुमोदन के थे।

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8 संविदा कर्मचारियों के ट्रांसफर आदेश निरस्त - जानिए नाम और कारण

  1. शिवानी मिश्रा, स्टाफ नर्स - चरगवां (ग्रामीण) से प्राइमरी स्कूल खेरमाई वार्ड (शहरी) - नीति विरुद्ध
  2. संजय कुमार, लैब टेक्नीशियन - कुम्ही, ब्लॉक सिहोरा (ग्रामीण) से उखरी ब्लॉग (शहरी) -  बिना कलेक्टर जिला स्वास्थ्य समिति अनुमोदन के
  3. रिंकू कश्यप, स्टाफ नर्स - सिहोरा (ग्रामीण) से भानतलैया वार्ड (शहरी) - नीति विरुद्ध
  4. अजय भारती - बरेला (ग्रामीण) से DPMU जबलपुर - नीति विरुद्ध
  5. नेहा चौधरी, HTLS - मझौली (ग्रामीण) से हाथीताल (शहरी) - नीति विरुद्ध
  6. रंजीता पॉल स्टाफ नर्स - शाहपुरा (ग्रामीण) से निर्मल जैन वार्ड (शहरी) - नीति विरुद्ध
  7. निशांक कुमार तिवारी फार्मासिस्ट - सिहोरा (ग्रामीण) से रामपुर नायगांव (शहरी) - नीति विरुद्ध
  8. डॉ. आकांक्षा वर्मा CHO - खिरहनीकला (ग्रामीण) से मानेगांव जबलपुर - बिना कलेक्टर जिला स्वास्थ्य समिति अनुमोदन के

जिला स्वास्थ्य समिति के सह अध्यक्ष जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने आदेश जारी करते हुए इन सभी त्रुटिपूर्ण स्थानांतरण आदेशों को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। साथ ही यह मामला विभागीय स्तर पर गंभीर प्रशासनिक चूक के रूप में देखा जा रहा है।

गलती या जानबूझकर नियमों का उल्लंघन

यह मामला केवल एक प्रशासनिक गलती नहीं लग रहा, बल्कि इसके पीछे किसी व्यवस्थित शिथिलता या व्यक्तिगत लाभ के प्रयास की आशंका जताई जा रही है। अब देखना यह है कि क्या इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही होगी या मामला सिर्फ आदेश निरस्तीकरण तक ही सीमित रहेगा? MP News

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