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Photograph: (The Sootr)
BHOPAL. मध्यप्रदेश जल निगम फर्जी बैंक गारंटी के जरिये 55 करोड़ रुपए का चूना लगाने वाली इंदौर की तीर्थ गोपीकॉन कंपनी से रकम वसूलने में जुट गया है। सीबीआई जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने और कंपनी प्रमुख समेत चार लोगों के जेल जाने के बाद अब निगम ने कंपनी से जुड़ी संपत्तियों की खोज शुरू की है। इसके लिए इंदौर व उज्जैन के कलेक्टरों से भी आरोपी कंपनी व उसके सगे संबंधियों की संपत्तियों की जानकारी मांगी गई है।
973 गांवों में पहुंचाना था नल से जल
मामला इंदौर की तीर्थ गोपीकॉन कंपनी से जुड़ा है। जो नल से जल योजना अंतर्गत मप्र के 973 गांवों का ठेका पाने में सफल रही थी। करीब 311 करोड़ रुपए के इस ठेके के बदले कंपनी ने 173 करोड़ की जो बैंक गारंटी दी,वह जांच में फर्जी पाई गई।
इसके बाद जांच एजेंसी सीबीआई ने कंपनी के प्रमुख महेश कुंभानी,गौरव धाकड़,पंजाब नेशनल बैंक कोलकाता के वरिष्ठ प्रबंधक गोविंदचंद्र हंसदा व मो.फिरोजखान की गिरफ्तारी की। जो वर्तमान में जेल में हैं।
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वसूली के लिए संपत्ति खंगालने में जुटा निगम
मामले का खुलासा होने पर निगम ने तीर्थ गोपीकॉन का ठेका निरस्त कर दिया,लेकिन इस दरम्यान कंपनी निगम से करीब 55 करोड़ रुपए का भुगतान हासिल करने में सफल रही।
अब इसी रकम की वसूली के लिए निगम प्रबंधन गोपी तीर्थकॉन की संपत्ति खंगाल रहा है,ताकि 55 करोड़ की रिकवरी की जा सके।
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कंपनी के नाम कुछ नहीं,राजस्थान से भी लिया भुगतान
सूत्रों के मुताबिक,अब तक हुई जांच पड़ताल में कंपनी के नाम सीधे तौर पर कोई चल-अचल संपत्ति नहीं पाई गई है। यहां तक कि इसके प्रमुख पदाधिकारियों के नाम कोई संपत्ति नहीं मिलीं।
इसी कंपनी ने इंदौर मेट्रो व उज्जैन स्मार्ट सिटी के लिए भी काम किया,लेकिन वहां से यह भुगतान पहले ही हासिल कर चुका है।
इसी तरह,राजस्थान के एक सार्वजनिक उपक्रम से भी कंपनी ने सीबीआई की गिरफ्त में आने से दो माह पहले ही 46 करोड़ का भुगतान हासिल कर लिया था। इसके चलते मप्र जल निगम प्रबंधन इस भुगतान पर रोक लगवाने में भी असफल रहा।
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सगे-संबंधियों की संपत्ति की तलाश
मप्र जल निगम प्रबंधन अब प्रकरण के आरोपी महेश कुंभानी व गौरव धाकड़ के निकट परिजनों की संपत्ति का पता लगा रहा है,ताकि इनसे 55 करोड़ की रिकवरी की जा सके।
इसी सिलसिले में निगम प्रबंधन ने इंदौर व उज्जैन कलेक्टर्स को भी पत्र लिखकर जानकारी जुटाने में सहयोग करने को कहा है।
दरअसल,तीर्थ गोपीकॉन इंदौर मेट्रो व उज्जैन में स्मार्ट सिटी के लिए भी काम कर चुकी है। निगम के प्रबंध संचालक केवीएस चौधरी ने बताया कि 55 करोड़ की रिकवरी के लिए हरसंभव जतन किए जा रहे हैं।
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