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JABALPUR. मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी को जबलपुर हाईकोर्ट से एक बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनके पासपोर्ट रिन्यूअल और यूनाइटेड किंगडम (UK) जाने की अनुमति देने संबंधी अंतरिम आवेदन स्वीकार कर लिए हैं। यह अनुमति उनकी बेटी के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के उद्देश्य से दी गई है, जो यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक में पढ़ाई कर रही हैं।
पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी के विरुद्ध दो आपराधिक मामले लंबित हैं - पहला मामला ग्वालियर के डबरा थाने में दर्ज है जिसमें उन पर IPC की धारा 509 और SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(1)(r) के तहत आरोप हैं।
दूसरा मामला अलीराजपुर के जोबट थाने में दर्ज है जिसमें उन पर IPC की धारा 228A, POCSO अधिनियम की धारा 23 और JJ एक्ट की धारा 74 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। इन मामलों को रद्द करने की याचिकाएं हाईकोर्ट में लंबित हैं।
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जीतू पटवारी के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि उनकी बेटी यूनाइटेड किंगडम के वॉरविक विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं और उनका दीक्षांत समारोह 14 जुलाई से 25 जुलाई 2025 के बीच होना है। इस अवसर पर शामिल होने के लिए उन्हें पासपोर्ट का नवीनीकरण और वीजा की जरूरत है। उन्होंने यह भी बताया कि उनका पासपोर्ट 03 सितंबर 2020 को ही एक्सपायर हो चुका है और लंबित FIR के चलते नवीनीकरण में बाधा आ रही है।
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राज्य की ओर से डिप्टी एडवोकेट जनरल ने याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि पटवारी को पहले निचली अदालत से अनुमति लेनी चाहिए थी। उन्होंने एक अन्य केस (रुचिर जैन बनाम म.प्र. राज्य) का हवाला भी दिया, लेकिन न्यायालय ने स्पष्ट किया कि जब मामला पहले से ही हाइकोर्ट में विचाराधीन है, तो इसी अदालत में पासपोर्ट नवीनीकरण और यात्रा की अनुमति हेतु आवेदन देना वैध और उचित है।
जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने कहा कि केवल लंबित आपराधिक मामलों के आधार पर किसी भी नागरिक को विदेश यात्रा के मौलिक अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई फैसलों का उल्लेख किया, जिनमें मेनका गांधी बनाम भारत संघ, सुमित मेहता बनाम दिल्ली राज्य और कुलदीप सिंह बनाम भारत संघ (पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट) जैसे निर्णय शामिल हैं।
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हाईकोर्ट ने जीतू पटवारी को 60 दिन की विशेष अनुमति दी है जो 30 अगस्त 2025 तक प्रभावी रहेगी। यह राहत इसलिए दी गई क्योंकि एक मामले में अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है। दूसरे मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है लेकिन कोई नोटिस नहीं भेजा गया है।
कोर्ट ने यह भी निर्देशित किया कि पासपोर्ट नवीनीकरण और वीज़ा प्राप्त करने के बाद पटवारी को एक शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा, जिसमें यह स्पष्ट रूप से लिखा होगा कि वे न्यायालय द्वारा दी गई इस स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेंगे।
इस आदेश के बाद राजनीतिक हलकों में भी चर्चाएं तेज हो गई हैं, क्योंकि एक ओर जहां FIR को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष को घेरने की कोशिश हो रही थी, वहीं हाईकोर्ट से मिली यह आंशिक राहत उनके पक्ष में एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है।
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