दिग्विजय को हाथ पकड़ मंच पर ले आए सिंधिया, तुड़वा दी तीन महीने पुरानी कसम, वायरल हुआ वीडियो

केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मंच पर न बैठने वाली कसम को तुड़वा दिया। यह वाक्या हुआ राजधानी भोपाल में आयोजित एक निजी स्कूल के शुभारंभ कार्यक्रम में।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (the sootr)

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केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मंच पर न बैठने वाली कसम को तुडवा दिया। यह वाक्या हुआ राजधानी भोपाल में आयोजित एक निजी स्कूल के शुभारंभ कार्यक्रम में। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री सिंधिया मुख्य अतिथि के तौर पर मंच पर बैठे थे, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मंच के सामने आम दर्शकों में बैठे थे। 

जैसे ही सिंधिया की नजर पूर्व सीएम पर पड़ी वे मंच से नीचे उतरकर उनका अभिवादन करते हुए उन्हें हाथ पकड़कर अपने साथ मंच पर ले गए। इस घटनाक्रम से पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की तीन महीने पहले खाई मंच पर न बैठने की कसम भी टूट गई। 

क्यो खाई थी दिग्विजय ने मंच पर न बैठने की कसम

इसी साल 28 अप्रैल को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मंच पर न बैठने की कसम सार्वजनिक रूप से खाई थी। यह कसर उन्होंने 28 अप्रैल 2025 को ग्वालियर में आयोजित कांग्रेस की एक रैली के दौरान खाई थी, इस रैली में मंच पर बैठने के लिए कई लोकल नेताओं के बीच विवाद की स्थिति बन गई थी, जिससे पूर्व सीएम काफी नाराज हो गए थे।

इस कार्यक्रम में वे मंच से नीचे उतर गए थे, साथ ही आगे किसी भी पार्टी के कार्यक्रम में मंच पर न बैठने की बात कही थी, उनकी इस कसम को वर्तमान केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रोचक तरीके से तुड़वा दिया। 

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वायरल हुआ घटना का वीडियो 

ज्योतिरादित्य सिंधिया का हाथ पकड़कर अपने पुराने साथी पूर्व सीएम को यूं हाथ पकडकर कर मंच पर ले जाने का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में सिंधिया मंच से उतरकर दिग्विजय सिंह का अभिवादन करते और फिर हाथ पकड़कर मंच पर ले जाते दिखाई दे रहे है। अलग-अलग प्लेटफार्म पर इस वीडियो को काफी लाइक और कमेंट मिल रहे है। 

 

सिंधिया और दिग्विजय सिंह से जुडे़ इस घटनाक्रम को ऐसे समझें

ऐसे टूटी दिग्विजय सिंह की कसम: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को दिग्विजय सिंह को मंच पर बुलाकर उनकी तीन महीने पहले खाई कसम तोड़ी।

मंच पर नहीं बैठने का लिया था संकल्प: 2025 में ग्वालियर में कांग्रेस रैली में दिग्विजय ने कार्यकर्ताओं के विवाद के कारण मंच पर न बैठने का ऐलान किया था।

सिंधिया ने दिग्विजय को मंच पर बुलाया: एक निजी स्कूल के उद्घाटन के दौरान, सिंधिया ने दिग्विजय सिंह को मंच पर आकर साथ बैठने का आमंत्रण दिया।

राजनीतिक रिश्तों में बदलाव का संकेत: यह घटनाक्रम भाजपा और कांग्रेस के बीच बढ़ते राजनीतिक रिश्तों का संकेत है, जहां पुराने समीकरण टूटते हुए दिखाई दे रहे हैं।

दिग्विजय की चुप्पी: दिग्विजय सिंह ने सिंधिया द्वारा मंच पर बुलाए जाने पर कोई विरोध नहीं किया, जिससे यह प्रतीत होता है कि वे इस बदलाव को स्वीकार कर रहे हैं।

दोनों के बीच रहे है तल्ख रिश्ते

मध्यप्रदेश की राजनीति के इन दो दिग्गजों के बीच बीते कई सालों से रिश्तों में कड़वाहट देखी गई है। दोनों इशारों में कई बार एक-दूसरे पर टीका-टिप्पणी करते दिखाई देते है। कांग्रेस में रहते हुए भी दोनों को एक दूसरे का प्रतिस्पर्धी माना जाता था।

दिग्विजय सिंह जहां हमेशा से मध्यप्रदेश की राजनीति के केंद्र में रहे है, वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर-चंबल बेल्ट के साथ ही केंद्र की राजनीति के बडे़ खिलाडी माने जाते थे। राजनीतिक जानकार तो यहां तक कहते है कि दिग्विजय सिंह के कारण ही सिंधिया ने बीजेपी का थामन थामा था। 

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सिंधिया के कारण ही गई थी कांग्रेस की सरकार 

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में राज्यसभा चुनावों को लेकर घटे घटनाक्रम से नाराज होकर केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने तत्कालीन कमलनाथ सरकार को प्रदेश में गिरा दिया था। वे अपने 22 समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।

एक साथ 22 विधायकों के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी, जिसके चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस्तीफा देना पड़ा था, वहीं सिंधिया समर्थक विधायकों की मदद से प्रदेश में एकबार फिर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा ने सरकार बना ली थी। 

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