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मध्य प्रदेश बीजेपी कार्यकारिणी का गठन हो चुका है और टीम हेमंत खंडेलवाल सामने आ गई है। यह टीम हेमंत के साथ संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा की छाप वाली अधिक है।
वहीं इसमें इंदौर के गौरव रणदिवे को महामंत्री, डॉ. निशांत खरे उपाध्यक्ष हैं और सांवेर के भगवान सिंह परमार को एससी मोर्चा का प्रमुख बनाया गया है।
वहीं इंदौर में संभागीय संगठन मंत्री रह चुके जयपाल सिंह चावड़ा को किसान मोर्चा प्रमुख और मूल रूप से ग्वालियर-भिंड रीजन के शैलेंद्र बरुआ को भी उपाध्यक्ष का दर्जा मिला है। इस तरह इंदौर का वजन काफी बढ़ाया गया है।
गौरव रणदिवे का महामंत्री बनना यानी नए समीकरण
इन सभी के बीच में रणदिवे का महामंत्री बनना इंदौर की राजनीति में नए समीकरणों को जन्म दे रहा है। खंडेलवाल के प्रदेशाध्यक्ष बनते ही द सूत्र ने सबसे पहले खुलासा किया था नई तिकड़ी बन गई है जिसमें विधायक मालिनी गौड़ के पुत्र एकलव्य गौड़, सावन सोनकर और रणदिवे हैं।
इसमें साथ ही प्रताप करोसिया भी शामिल है। अब रणदिवे के महामंत्री बनने से इस गुट को बड़ा सपोर्ट मिल गया है। मराठी लॉबी जो ताई सुमित्रा महाजन से जुड़ी रही है। वह भी इस गुट के साथ हो रही है।
वहीं भाई यानी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से थोड़ा दूरी रखने वाले नेता जैसे देपालपुर विधायक मनोज पटेल भी इनके साथ हो लिए हैं। महू विधायक उषा ठाकुर भी इनसे दूर नहीं होंगी, क्योंकि वह भाई गुट से काफी दूर हैं।
विधायक मधु वर्मा, विधायक महेंद्र हार्डिया न्यूट्रल हैं और सभी के साथ हैं। विधायक रमेश मेंदोला, विधायक गोलू शुक्ला, नगराध्यक्ष सुमित मिश्रा की अपनी तिकड़ी है।
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कैलाश से खिलाई मिठाई, भोजन भाभी के साथ
महामंत्री बनने के बाद रणदिवे ने सभी बड़े नेताओं खंडेलवाल, सीएम, ताई, पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे, सत्तन गुरु, बाबूसिंह, कैलाश विजयवर्गीय व अन्य के लिए आभार जताया।
गौरव गुरुवार रात को ही मिलने के लिए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के यहां गए, यहां उनके पुत्र आकाश विजयवर्गीय, सावन सोनकर, हरिनारायण यादव व अन्य साथ थे।
एक घंटे तक साथ में चर्चा हुई, फिर कैलाश विजयवर्गीय और उनकी पत्नी दोनों ने गौरव को मिठाई खिलाई। गौरव फिर रात को ही मोघे के यहां गए।
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बाद में विधानसभा चार की विधायक मालिनी गौड़ के यहां गए और यहां विधायक ने उन्हें टीका लगाया, साथ में भोजन किया। इस दौरान विधानसभा चार में जमकर आतिशबाजी हुई और खुलकर बताया गया कि गौरव रणदिवे, विधायक गौड़ के साथ हैं और यह गुट मजबूत हुआ है।
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कालरा कांड से ही गौरव दे रहे भाभी का साथ
बीजेपी एमआईसी मेंबर रहते हुए जीतू जाटव और पार्षद कमलेश कालरा के बीच हुए विवाद के दौरान रणदिवे ने अहम भूमिका निभाई थी। इस बुरे कांड में मजबूती से कालरा और विधानसभा चार का साथ दिया, जिसके बाद जीतू को 6 साल के लिए पार्टी से निकाला गया था।
इसके बाद से ही विधायक गौड़ गुट और गौरव रणदिवे की मजबूत बॉन्डिंग रही है। बाद में पद से हटने के बाद जब दो नंबर के करीबी सुमित मिश्रा नगराध्यक्ष बने और चार नंबर गुट और रणदिवे दरकिनार हुए तो फिर यह करीब आए और खंडेलवाल के अध्यक्ष बनते ही सक्रिय हुए। इसका नतीजा अब पद के रूप में दिखा है।
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हेमंत ने संपर्क, काम और सब देखकर दिया पद
हेमंत खंडेलवाल ने गौरव को केवल संपर्क या टीम हितानंद से जुड़े होने के चलते पद नहीं दिया है। खासकर महामंत्री पद देना बताता कि वह इंदौर की राजनीति को संतुलन में ला रहे हैं।
साथ ही गौरव के पांच साल लंबे इंदौर नगराध्यक्ष कार्यकाल में हुए पार्टी के एकतरफा कामों को भी मान्यता दी गई है। खंडेलवाल ने प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद गौरव को मंदसौर व अन्य जगह पार्टी के कुछ काम भी दिए और उनकी क्षमताओं को परखा था। इसके बाद ही उन्हें यह अहम पद दिया गया है।
इंदौर से यह पद से चूके
उधर नगराध्यक्ष इंदौर के पद से चूके टीनू जैन एक और पद पाने से चूक गए। इसी तरह उपाध्यक्ष रहे जीतू जिराती भी बाहर हो गए हैं। नानूराम कुमावत भी पिछड़ा मोर्चा के लिए लगे थे लेकिन पद नहीं मिला।
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