क्रिकेट के मंच से सियासी बयान, इतिहास से राजनीति तक, कैलाश विजयवर्गीय के बयान क्यों बने चर्चा का विषय?

मध्यप्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का बयान ताजमहल को लेकर एक नया विवाद खड़ा कर गया है। उन्होंने इसे मंदिर से मकबरे में बदले जाने की बात की। इसके अलावा, बिहारियों और एक कांग्रेस विधायक को लेकर भी उनकी टिप्पणियां चर्चा का विषय बनीं।

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Ramanand Tiwari
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Why did Kailash Vijayvargiya statements become a topic of discussion

Photograph: (the sootr)

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BHOPAL.मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार मामला केवल राजनीति तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इतिहास और सामाजिक टिप्पणी तक पहुंच गया है।

ताजमहल पर दावा, इतिहास की नई व्याख्या

बीना में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने ताजमहल को लेकर बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि ताजमहल मूल रूप से एक मंदिर था, जिसे मुगल शासक शाहजहां ने मकबरे में बदल दिया। उनके मुताबिक, मुमताज को पहले बुरहानपुर में दफनाया गया था। लेकिन बाद में जिस स्थान पर मंदिर निर्माण चल रहा था, वहीं शव को दफन कर ताजमहल बनाया गया।

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कार्यक्रम का मंच, बयान का असर

विजयवर्गीय बुधवार को बीना में स्वर्गीय राकेश सिरोठिया की स्मृति में आयोजित क्रिकेट टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे। खेल आयोजन के मंच से दिया गया यह बयान अब राजनीतिक और सामाजिक चर्चाओं का विषय बन गया है।

बयान ने बढ़ाई नई बहस

मंत्री विजयवर्गीय ने अपने संबोधन में बिहारियों को लेकर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि बिहार का आदमी विनम्र हो जाए, यह जरूरी नहीं, लेकिन हमारे राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नवीन नितिन विनम्रता के साथ आगे बढ़े हैं। इस टिप्पणी को लेकर भी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

कांग्रेस विधायक का भाजपा से जुड़ाव

इसी कार्यक्रम में कैलाश विजयवर्गीय ने बीना विधायक निर्मला सप्रे का जिक्र करते हुए कहा कि वे कांग्रेस से चुनाव जीतकर आई थीं, लेकिन अब भाजपा के साथ हैं। उनके इस बयान को राजनीतिक हलकों में आगामी समीकरणों से जोड़कर देखा जा रहा है।

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क्यों अहम है यह पूरा घटनाक्रम?

कैलाश विजयवर्गीय के ये बयान ऐसे समय आए हैं, जब प्रदेश की राजनीति पहले से ही गर्म है। इतिहास, सामाजिक टिप्पणी और दलगत बदलाव-तीनों को एक मंच से जोड़कर दिया गया संदेश आने वाले दिनों में राजनीतिक चर्चा को और तेज कर सकता है।

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