हनी ट्रैप की पेन ड्राइव पर पूर्व CM कमलनाथ को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, नहीं होगी CBI जांच

हाईकोर्ट ने हनी ट्रैप कांड की पेन ड्राइव को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को राहत दी है। कोर्ट ने सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया।

author-image
Sanjay Gupta
New Update
honey trap
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

MP की राजनीति और ब्यूरोक्रेसी को हिला देने वाले चर्चित हनी ट्रैप कांड के वीडियो वाली पेन ड्राइव मामले में पूर्व सीएम कमलनाथ को बड़ी राहत मिली है। इस मामले में इंदौर हाईकोर्ट की खंडपीठ में दायर एक याचिका खारिज कर दी गई है।

याचिका में मांगी थी पेन ड्राइव

दरअसल, कमलनाथ ने हनी ट्रैप कांड को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि इस मामले की एक पेन ड्राइव उनके पास है। लेकिन यह पेन ड्राइव कभी भी एसआईटी के पास नहीं पहुंची। एसआईटी ने उन्हें नोटिस देकर यह उपलब्ध कराने के लिए कहा था।

इसी मामले में याचिकाकर्ता व अधिवक्ता भूपेंद्र सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने एसआईटी, पूर्व सीएम कमलनाथ व अन्य को पक्षकार बनाया था।

याचिका में कमलनाथ के बयान का हवाला देते हुए मांग की गई थी कि उन्हें यह पेन ड्राइव एसआईटी को सौंपनी चाहिए और इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। पेन ड्राइव होने पर ही इसकी जांच संभव है।

ऐसे समझिए पूरी खबर:

  • हनी ट्रैप पेन ड्राइव पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हुई थी।

  • याचिका में कमलनाथ के बयान को आधार बनाकर CBI जांच की मांग की गई थी।

  • कोर्ट ने पूछा- बयान खुद सुना या नहीं? याचिकाकर्ता ने इनकार कर दिया।

  • कोर्ट ने कहा- सिर्फ अखबार की खबर के आधार पर याचिका स्वीकार नहीं की जा सकती।

  • डबल बेंच ने याचिका खारिज कर दी, कमलनाथ को बड़ी राहत मिली।

हाईकोर्ट ने इस पर यह कहा

जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की डबल बेंच ने इस मामले में याचिकाकर्ता से पूछा कि जब कमलनाथ ने यह बयान दिया था, तो क्या वह वहां पर मौजूद थे? उन्होंने इससे इनकार किया। 

वहीं, बेंच ने कहा कि याचिका केवल अखबारों में छपे बयान के आधार पर दायर की गई है। किसी राजनेता के राजनीतिक बयान को गंभीरता से नहीं लिया जा सकता।

यह भी पढ़ें...मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को भेजा अवमानना का नोटिस, जानें पूरा मामला

क्या है एमपी का हनी ट्रैप केस?

हनी ट्रैप मामला 17 सितंबर 2019 को सामने आया था। दरअसल इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह ने ब्लैकमेलिंग की शिकायत की थी। जांच में पता चला कि कुछ रसूखदार महिलाएं नेताओं, अफसरों और बिजनेसमैन से नजदीकी बनाकर उनके वीडियो बनाती थीं और फिर उन्हें ब्लैकमेल करती थीं। 

यह भी पढ़ें..कमलनाथ के करीबी रहे पूर्व कांग्रेस नेता का बड़ा दावा: 150 सीटों पर हुई थी सौदेबाजी

मामला बढ़ा तो कमलनाथ सरकार ने 31 अक्टूबर 2020 को इसकी जांच के लिए एक स्पेशल टीम (SIT) बनाई। चुनाव 2023 से पहले कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाने की कोशिश की। कमलनाथ और डॉ. गोविंद सिंह ने दावा किया कि उनके पास सेक्स सीडी है, लेकिन चुनाव में किसी भी पार्टी ने इस मुद्दे को ज्यादा नहीं उठाया और मामला धीरे-धीरे शांत हो गया।

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें

📢🔃 🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

MP News | kamalnath | इंदौर हनी ट्रैप केस | मप्र सेक्स स्केंडल हनी ट्रैप | Indore High Court | honey trap case MP

honey trap case MP जस्टिस विवेक रूसिया Indore High Court मप्र सेक्स स्केंडल हनी ट्रैप इंदौर हनी ट्रैप केस कमलनाथ kamalnath MP News
Advertisment