पार्षद कमलेश कालरा के घर पर हुए एमआईसी मेंबर और विधायक रमेश मेंदोला के खास जीतू यादव के समर्थक गुंडों द्वारा किए हमले में विधायक मालिनी गौड़ ने खुलकर मोर्चा खोला हुआ है। वहीं इस मामले में उनके बेटे और हिंदरक्षक संगठन के संयोजक एकलव्य गौड़ ने अप्रत्यक्ष तौर पर चुप्पी साधने वालों पर जमकर निशाना साधा है, उन्हें कायर तक संबोधित किया है।
यह नया संदेश दिया एकलव्य ने
एकलव्य गौड़ ने दस जनवरी को सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक ट्वीट किया और साथ ही इसमें द्रौपदी के चीरहरण की घटना का भी फोटो लगाया। इसमें कहा गया कि- पांचाली के चीरहरण पर जो चुप पाए जाते हैं, इतिहासों के पन्नों में वो सब कायर कहलाते हैं।
इसके पहले यह कहा था एकलव्य ने
इसके पहले जब जीतू समर्थकों की गिरफ्तारी नहीं हो रही थी, तब उन्होंने संदेश ट्वीट किया था कि- याचना नहीं अब रण होगा, संघर्ष महाभीषण होगा।
बीजेपी के किन नेताओं पर है यह निशाना
दरअसल यह निशाना बीजेपी के उन बड़े नेताओं पर है जो इस बड़ी घटना पर भी चुप्पी साधे हुए हैं। द सूत्र ने पहले ही लिखा था कि इस बड़ी घटना पर भी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, मंत्री तुलसी सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, सांसद शंकर लालवानी के साथ ही सभी विधायकों ने चुप्पी साधी है। जो मंत्री ताई महाजन के बेटे के शोरूम पर हमला होने और पोते के साथ मारपीट में सीपी से सख्ती की बात कर रहे थे और उनके शोरूम पर भी गए थे वह इस मामले में चुप है। सांसद ने अपना दो लाइन का संदेश 9 जनवरी की रात को डाला जबकि वह खुद को सिंधी समाज का इकलौता सांसद बताते हैं। महापौर घटना के छठे दिन कालरा के घर गए। विधायक रमेश मेंदोला तो जीतू के साथ ही है। वहीं विधायक मधु वर्मा, महेंद्र हार्डिया से लेकर उषा ठाकुर, मनोज पटेल, गोलू शुक्ला सभी ने चुप्पी साध रखी है।
पूरी तरह से विधानसभा दो व चार की लड़ाई हो गई
वहीं राजनीतिक तौर पर पहले से ही विधानसभा दो और चार में पटरी नहीं बैठी है, लेकिन इस घटना ने तो दोनों को आमने-सामने ही कर दिया है। विधायक मालिनी गौड़ इस मोर्चे पर बहुत ही आक्रामक होकर आगे आई हैं, वह कालरा और उनके परिजनों को लेकर बीजेपी दफ्तर में प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के पास भी ले गईं और फिर सीएम डॉ. मोहन यादव के पास एयरपोर्ट भी गई थीं। उन्होंने साफ कर दिया है कि जीतू पर कार्रवाई होने तक वह चुप नहीं बैठेंगी। वहीं पूरे शहर में भी अब हर मोबाइल में कालरा के बेटे को पीटने, नंगा करने और गालियां देने का वीडियो पहुंच चुका है। बात दिल्ली भी पहुंच चुकी है, लेकिन अभी तक पार्टी ने जीतू को ना पार्टी से बाहर करने की जहमत उठाई और ना ही उन्हें एमआईसी पद से हटाया गया। कालरा मांग कर चुके हैं कि उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाए और गिरफ्तारी की जाए। उधर जीतू बचाव के लिए कभी यादव कार्ड खेल रहे है तो कभी एससी समाज को आगे लाकर खुद को बचाने में जुटे हुए हैं।
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