जीतू यादव के समर्थक गुंडे TI अनिल गुप्ता के सामने ही कांड करके निकले, वह देखते रहे

पार्षद कमलेश कालरा के घर पर 4 जनवरी को हुए उत्पात के दौरान जूनी इंदौर के टीआई अनिल गुप्ता मौजूद थे, लेकिन गुंडों को पकड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। जानें क्या है पूरा मामला इस लेख में...

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Sanjay gupta
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पार्षद कमलेश कालरा के घर पर समर्थक गुंडों द्वारा 4 जनवरी की दोपहर में किए गए कांड के सबसे बड़े गवाह और कोई नहीं बल्कि उसी थाना क्षेत्र जूनी इंदौर के टीआई अनिल गुप्ता हैं। जब यह गुंडे घर में उत्पात मचाकर और बच्चे को नग्न कर पीटकर निकले थे, तब टीआई घर के बाहर पहुंच चुके थे, लेकिन इतने लोग देखकर साहब की गाड़ी से उतरकर पकड़ने की हिम्मत नहीं हुई और उन्हें जाने दिया गया।

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टीआई को कर दिया था रहवासियों ने फोन

अब जानकारी सामने आई है कि इस घटना में जब मोहल्ले में गुंडे जीतू यादव (जाटव) के समर्थक गुंडों की कालरा के घर में एंट्री हुई तो मोहल्ले में हंगामा मच गया। कुछ लोगों ने थाने पर और टीआई को फोन कर दिया। टीआई गुप्ता जब मौके पर पहुंचे तो गुंडे कांड करके बाहर निकल रहे थे, लेकिन टीआई गुप्ता ने उन्हें जाने दिया। उनके जाने के बाद वह घर के अंदर पहुंचे और बच्चे को संभाला, लेकिन गुंडों को जाने दिया। 

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क्यों किया टीआई ने ऐसा

टीआई ने खाकी का मान क्यों नहीं रखा, इस पर डीसीपी ऋषिकेश मीना कहते हैं कि अनजान नंबर से घटना की जानकारी मिली थी और टीआई उस समय सिंधी कॉलोनी में ही थे। वह मौके पर पहुंच गए, जब उनका पहुंचना हुआ, तभी आरोपियों का निकलना हुआ। वहीं, आरोपियों को नहीं पकड़ने की बात पर डीसीपी ने कहा कि वह अकेले थे और फोर्स नहीं था, इसलिए यह हुआ, लेकिन उन्होंने घर में जाकर स्थिति संभाली। 

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बेवजह एसआईटी का खेल खेला

यदि टीआई के पास बल नहीं था तो टीआई पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन कर नाकाबंदी करा सकते थे और इन लोगों को घटना के बाद ही पकड़ा जा सकता था। लेकिन खुद ही राजनीतिक दबाव सिर पर लेकर काम करने वाली इंदौर पुलिस ने यह जरूरी नहीं समझा। जब तक सीएम डॉ. मोहन यादव से पूरी तसल्ली नहीं कर ली कि क्या करना है, तब तक सख्त आदेश नहीं हुए। सीपी संतोष सिंह की पुलिस ने ना एसआईटी बनाने की जरूरत समझी और ना ही आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारी की। सीएम के आदेश के बाद ही पुलिस जागी और नतीजा यह हुआ कि जीतू के साथ ही मुख्य आरोपी, आरोपी चचेरा भाई अभिलाष यादव सहित कई लोग शहर से ही गायब हो गए, कुछ लोग तो नेपाल निकल गए। अब पुलिस खाली जमीन पर लाठी पीट रही है। 

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अभी तक नौ आरोपी ही पकड़ाए

पुलिस ने भले ही घटना में शामिल 29 लोगों की पहचान कर ली है, लेकिन अभी तक पकड़ाए केवल नौ आरोपी ही है। इसमें 6 को जेल भेजा, दो को रिमांड पर लिया एक की गिरफ्तारी अभी ली। वहीं बाकी सभी लोगों की तलाश में पुलिस एसआईटी छापे जरूर मार रही है लेकिन शहर में अब कोई नहीं है। दो टीम बाहर तलाश के लिए भेजी गई हैं।

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