निर्वस्त्र इंदौर...प्यादे पकड़ लिए, SIT बना दी, बुलडोजर क​ब आएगा साहब?

बीजेपी पार्षद कमलेश कालरा के घर में घुसकर महिलाओं से बदसलूकी और नाबालिग को निर्वस्त्र करने के मामले में पुलिस ने प्यादे पकड़ लिए। संगठन ने जीतू यादव को बर्खास्त कर दिया। सरकार ने जांच के लिए SIT बना दी। अब सख्त कार्रवाई का ढोंग शुरू हो गया है।

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Ravi Kant Dixit
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इंदौर संस्कारों का शहर है, सौहार्द का शहर है। वहां गुंडों की कोई जगह नहीं। जनता जागी तो सरकार को हफ्तेभर बाद कार्रवाई की सुध आई। बीजेपी पार्षद कमलेश कालरा के घर में घुसकर महिलाओं से बदसलूकी और नाबालिग को निर्वस्त्र करने के मामले में पुलिस ने प्यादे पकड़ लिए। संगठन ने जीतू यादव को बर्खास्त कर दिया। एमआईसी से हटा दिया। सरकार ने जांच के लिए एसआईटी बना दी। दबिश शुरू हो गई। जीतू भूमिगत हो गया। उसका भाई फरार है। अब सख्त कार्रवाई का ढोंग शुरू हो गया है।

जनता पूछ रही है कि मध्यप्रदेश के सबसे बड़े और देश के सबसे स्वच्छ शहर को पूरी दुनिया में बदनाम करने वालों के घर बुलडोजर कब चलेगा? चलेगा भी या नहीं? यह सवाल है। यूं अपराधियों को नेस्तनाबूत करने का दंभ भरने वाले जिम्मेदार सरगना पर क्या सख्त और ठोस कार्रवाई करेंगे। वह तो उनका 'अपना' ही है। 

वह जुआरी भी है, गुंडा भी है और डकैत भी है...। यह हम नहीं कह रहे, पुलिस ने ऐसे ही अपराधों की धाराएं उस पर पहले से लगा रखी हैं। जीतू यह भी कहता है कि संगठन जाए भाड़ में। अब फिर यही सवाल है कि कि इतने बड़े अपराधी के घर पर क्या बुलडोजर चलेगा? 

फिलहाल तो जिस तरह कछुआ रेंग रहा है, उससे इस बात की संभावना ना के बराबर है। क्योंकि जब बात अपनों की आती है तो ढोंग ही होता है। ये कोई अभी से थोड़ी है...महाभारत काल से चला आ रहा है। तब भी आंखों पर पट्टियां बंधी थीं। भीष्म सब देखते हुए भी ढोंग कर रहे थे। 

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हद देखिए...तीन दिन कुछ किया ही नहीं?

3 जनवरी को 40 गुंडों ने पार्षद कमलेश कालरा के घर पर हमला किया। नाबालिग को निर्वस्त्र किया। वीडियो वायरल किया। शुरुआती तीन दिन किसी ने कुछ कहा ही नहीं। चौथे दिन जब जनता सड़क पर उतरी, तब से फौरी कार्रवाई का दौर शुरू हुआ। फिर तो लोगों ने बवाल काट दिया। इंदौर झुलसने लगा। संवेदनाओं का राग गाने वाले जनप्रतिनिधि और नेता कालरा के घर हाल जानने तक नहीं पहुंचे। फिर जब बात भोपाल और ​दिल्ली तलक पहुंची, तब जाकर प्यादों की धरपकड़ शुरू हुई।  

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ऐसे चला घटनाक्रम-

  • 25 दिसंबर: कमलेश कालरा और नगर निगम के कर्मचारी में विवाद हुआ। निगमकर्मी ने यादव का नाम लिया।
  • 26 दिसंबर: कालरा ने आरोप लगाया कि जीतू यादव ने उन्हें फोन कर धमकाया।
  • 27-28 दिसंबर: जीतू ने कालरा को फोन कर माफी मांगते हुए वीडियो वायरल करने को कहा।
  • 3 जनवरी: कुछ ऑडियो वायरल हुए। इनमें दोनों पार्षद और निगमकर्मी की बातचीत थी।
  • 4 जनवरी: 40 से ज्यादा बदमाश कालरा के घर में घुसे। बेटे को पीटा, निर्वस्त्र कर दिया।
  • 5 जनवरी: जीतू को पार्टी से निकालने की मांग उठी। कालरा मां-पत्नी व बेटा सीएम से मिले।
  • 6 जनवरी: बीजेपी ने दोनों को नोटिस जारी किए। सिंधी समाज ने बंद की घोषणा की।
  • 7 जनवरी: कार्रवाई नहीं हुई तो कालरा पुलिस कमिश्नर से मिले। खुदकुशी की बात कही।
  • 8 जनवरी: दो और ऑडियो वायरल हुए। इनमें जीतू संगठन को भाड़ में जाए कहते सुनाई दिए।
  • 9 जनवरी: पुलिस ने पहली कार्रवाई में छह आरोपियों को चिह्नित कर गिरफ्तार किया।
  • 10 जनवरी: पीएमओ और मानवाधिकार आयोग ने रिपोर्ट तलब की और दो आरोपी गिरफ्तार हुए।

अब द सूत्र आपको बताता है सरकार की संवेदनशीलता की कहानियां...जिसमें घटना होने पर सरकार ने तुरंत बुलडोजर न्याय दे दिया। 

दरअसल, पिछले दिनों तक मध्यप्रदेश में सरकार का बुलडोजर सरपट दौड़ रहा था। 14 दिसंबर 2023 को भोपाल में बीजेपी कार्यकर्ता पर हमला करने वाले आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाकर इस मुहिम का आगाज किया गया। अब तक राज्य में 50 से अधिक स्थानों पर बुलडोजर कार्रवाई के जरिए आरोपियों के अवैध निर्माण ध्वस्त किए जा चुके हैं। 

सवाल फिर उठता है कि जब बात अपनों पर आई थी तो सरकार ने अपराधियों के घर तोड़ दिए थे। भोपाल और इंदौर का मामला इस बात का उदाहरण है। 25 जून 2024 को इंदौर में बीजेपी नेता मोनू कल्याणे की हत्या के आरोपी अर्जुन पथरोड़ का घर तोड़ा गया था। इससे पहले 14 दिसंबर 2023 को भोपाल में बीजेपी कार्यकर्ता पर हमला करने वाले आरोपियों फारुख राइन, असलम और बिलाल के घर जमींदोज किए गए थे। अब फिर बात अपने की है, पर यहां अपना ही सवालों के घेरे में है। 

केस 01

पिछले दिनों छतरपुर में सिटी कोतवाली पर पथराव के मामले में कांग्रेस के पूर्व जिला उपाध्यक्ष हाजी शहजाद अली की 20 करोड़ रुपए की हवेली को प्रशासन ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया था। इस हवेली का निर्माण बिना अनुमति के 20 हजार वर्ग फीट में किया गया था। इसी के साथ उनके भाई और पार्षद आजाद अली के घर को भी जमींदोज किया गया।

केस 02

16 दिसंबर 2023: नर्मदापुरम में नायब तहसीलदार पर हमला करने वाले सोनू और मयंकके अवैध निर्माण को बुलडोजर से ढहा दिया गया।

केस 03

6 जुलाई 2024: भिंड में सौरभ वाल्मीकि हत्याकांड के मुख्य आरोपी मुकद्दर के तीनों मकानों पर बुलडोजर चलाया गया।

ये चंद उदाहरण हैं। अब इंदौर के पार्षद विवाद मामले में तो जीतू यादव बीजेपी का ही है, देखने वाली बात होगी कि सरकार उस पर कितनी सख्त कार्रवाई करती है।

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डिस्क्लेमर:

यहां 'द सूत्र' का मकसद बुलडोजर संस्कृति को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि हमारा आशय सख्त कार्रवाई से है। जब घर पर बुलडोजर चलता है तो आरोपी के साथ उसका परिवार भी टूटता है, जबकि अपराध से परिवार का कोई लेना देना नहीं है। हमारा उद्देश्य हुक्मरानों को यह बताने का है कि जब अपराध होता है तो चश्मा एक सा होना चाहिए। एक ही चश्मे से दो तरह से नहीं देखा जा सकता। ...तो सरकार इंदौर की जनता का सम्मान कीजिए, अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दीजिए।

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