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मध्यप्रदेश का हरदा इन दिनों हॉट-स्पॉट बना हुआ है। यहां 21 दिसंबर को करणी सेना का ‘जनक्रांति आंदोलन’ प्रस्तावित है। संगठन ने आंदोलन के लिए 21 सूत्रीय मांगें रखी हैं। प्रदेशभर से पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के जुटाने का दावा किया गया है। सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया जा रहा है। गांव-गांव संपर्क अभियान चलाया गया है।
इसी बीच, हरदा जिला प्रशासन ने आंदोलन से पहले ऐसा कदम उठाया है, जिसे आंदोलन को कमजोर करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। प्रशासन ने हरदा शहर की 23 होटल, धर्मशाला और छात्रावासों को पहले ही बुक कर लिया है।
प्रशासन का तर्क
प्रशासन ने कानून-व्यवस्था के लिए बाहर से पुलिस बल बुलाया है। पुलिस के रुकने के लिए इन स्थानों को कब्जे में लिया गया है। ये सभी स्थान 19 दिसंबर से प्रशासन के कब्जे में रहेंगे। अगले आदेश तक प्रशासन का इन जगहों पर नियंत्रण बना रहेगा।
हालांकि, संगठन के कुछ पदाधिकारियों का आरोप है कि जिला प्रशासन की इस कवायद का असली मकसद आंदोलन को फेल करना है। उनका कहना है कि जब प्रदेश के अलग-अलग जिलों से ​हजारों कार्यकर्ता हरदा पहुंचेंगे तो उन्हें रुकने के लिए कोई जगह ही नहीं मिलेगी।
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कलेक्ट्रेट में भी सख्ती
इधर, हरदा कलेक्टर सिद्धार्थ जैन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत कलेक्ट्रेट परिसर में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिए हैं। इन आदेशों के तहत सामूहिक ज्ञापन देने से पहले अनुमति जरूरी होगी। आवेदन में आयोजक और अधिकतम पांच लोगों के नाम, पता और मोबाइल नंबर देने होंगे।
ज्ञापन देने की तारीख और समय पहले बताना जरूरी होगा। तय समय से 30 मिनट से ज्यादा देरी मान्य नहीं होगी। अनुमति प्राप्त पांच लोगों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को कलेक्ट्रेट परिसर में प्रवेश नहीं मिलेगा।
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हरदा आंदोलन की खबर को शॉर्ट में समझें👉 करणी सेना 21 दिसंबर को अपनी 21 मांगों को लेकर हरदा में जनक्रांति आंदोलन करेगी। 👉 प्रशासन ने रुकने की व्यवस्था रोकने के लिए शहर की 23 होटल, धर्मशालाएं बुक कर ली हैं। 👉 कलेक्ट्रेट में पाबंदी लगा दी गई है, अब केवल 5 लोग ही अनुमति लेकर ज्ञापन दे सकेंगे। 👉 यह आंदोलन राजपूत समाज पर हुए पुराने लाठीचार्ज और आरक्षण जैसे मुद्दों को लेकर है। 👉 परशुराम सेना समर्थन में है, जबकि भीम आर्मी मांगों के खिलाफ उसी दिन प्रदर्शन करेगी। | |
क्यों हॉट स्पॉट बना हरदा?
दरअसल, जुलाई में राजपूत समाज पर हुए लाठीचार्ज, आर्थिक आधार पर आरक्षण और अन्य मुद्दों को लेकर करणी सेना यह आंदोलन कर रही है। संगठन ने लाखों लोगों के जुटने का दावा किया है। करणी सेना परिवार पिछले तीन महीनों से गांव-गांव संपर्क कर रहा है।
जिलाध्यक्ष सुनील सिंह राजपूत का कहना है कि जिले में पांच हजार से ज्यादा घरों में न्योता दिया गया है और उन्हें सर्व समाज का समर्थन मिल रहा है। उनका कहना है कि यह आंदोलन किसी जाति के खिलाफ नहीं है, बल्कि व्यवस्था सुधार और दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर है।
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समर्थन और विरोध दोनों
परशुराम सेना ने करणी सेना के आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है। वहीं, भीम आर्मी ने करणी सेना की कुछ मांगों का विरोध करते हुए 21 दिसंबर को अलग आंदोलन करने का ऐलान किया है।
भीम आर्मी के संभागीय अध्यक्ष महेंद्र काशिव का कहना है कि कुछ मांगें एससी-एसटी कानून को कमजोर करने वाली हैं। उनके खिलाफ वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखेंगे। करणी सेना का का प्रदर्शन
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