जहरीले कफ सिरप कांड में कटारिया फार्मा सील, जांच रिपोर्ट में पुष्टि के बाद टीम ने की कार्रवाई

छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत के कारण बने जहरीले कफ सिरप मामले में अब जबलपुर की कटारिया फार्मा कंपनी पर कार्रवाई की गई है। ड्रग इंस्पेक्टर की टीम ने दुकान और गोदाम को सील कर दिया।

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Neel Tiwari
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Photograph: (thesootr)

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JABALPUR. छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत का कारण बने जहरीले कफ सिरप मामले में अब जबलपुर की फॉर्म कंपनी पर कार्रवाई हुई है। रविवार को ड्रग इंस्पेक्टर की टीम ने मध्यप्रदेश की जबलपुर की कटारिया फार्मा पर  दोबारा पहुंची और उसकी दुकान और गोदाम को सील कर दिया। जांच में यह पुष्टि हो चुकी है कि इसी फार्मा कंपनी से सप्लाई हुआ सिरप अमानक और घातक पाया गया है।

नायब तहसीलदार की मौजूदगी में कार्रवाई

रविवार को कार्रवाई के दौरान रांझी के नायब तहसीलदार आदर्श जैन भी मौके पर मौजूद रहे। टीम ने जबलपुर की कटारिया फार्मा की दुकान और उसके गोदाम पर ताला लगाकर सील कर दिया। यह वही स्टॉकिस्ट है जिसने संदिग्ध ‘Coldrif’ (कोल्ड्रिफ) और ‘Nextro-DS’ (नेक्स्ट्रो-डीएस) ब्रांड की सिरप की 660 बोतलें खरीदी थीं, जिनमें से अधिकांश छिंदवाड़ा को सप्लाई की गई थीं।

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लैब रिपोर्ट में जहरीले सिरप की पुष्टि

जबलपुर के ड्रग इंस्पेक्टर प्रवीण पटेल ने बताया कि कुछ दिन पहले कटारिया फार्मा से जब्त किए गए सिरप के सैंपल्स को भोपाल की प्रयोगशाला भेजा गया था। लैब रिपोर्ट में यह पुष्टि हुई है कि यही वही अमानक कफ सिरप है, जिसके सेवन से छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत हुई थी। रिपोर्ट आने के बाद औषधि नियंत्रण विभाग ने तुरंत एक्शन लेते हुए फार्मा कंपनी को सील कर दिया है।

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कफ सिरफ से मौत

बीते महीने छिंदवाड़ा जिले के परासिया ब्लॉक और आसपास के गांवों में सर्दी-खांसी से पीड़ित बच्चों को स्थानीय डॉक्टरों ने कफ सिरप दिया था। कुछ ही दिनों में बच्चों की हालत बिगड़ने लगी, और उनके गुर्दे (किडनी) फेल होने लगे। इलाज के दौरान बच्चों की मौत छिंदवाड़ा और नागपुर के अस्पतालों में हुई थी।जांच में पाया गया कि सिरप में डायएथिलीन ग्लायकॉल नामक जहरीला रसायन मौजूद था, जो किडनी फेलियर का कारण बनता है।

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3 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी

👉छिंदवाड़ा में  कफ सिरप कांड से हुई बच्चों की मौत के जहरीले कफ सिरप मामले में जबलपुर की कटारिया फार्मा कंपनी पर कार्रवाई की गई। रविवार को ड्रग इंस्पेक्टर की टीम ने फार्मा की दुकान और गोदाम को सील कर दिया।

👉 कटारिया फार्मा ने संदिग्ध 'Coldrif' और 'Nextro-DS' सिरप की 660 बोतलें खरीदी थीं, जिनमें से अधिकांश छिंदवाड़ा को सप्लाई की गईं। यह सिरप अमानक और घातक पाया गया, जिसकी पुष्टि लैब रिपोर्ट से हुई।

👉 छिंदवाड़ा के बच्चों की मौत सर्दी-खांसी के इलाज में दिए गए सिरप के कारण हुई। सिरप में डायएथिलीन ग्लायकॉल नामक जहरीला रसायन था, जो किडनी फेलियर का कारण बना। इसके सेवन से बच्चों की मौत हो गई।

जबलपुर से सप्लाई हुआ था जहरीला सिरप

छिंदवाड़ा में मौतों की पुष्टि के बाद राज्य औषधि नियंत्रण विभाग ने तत्काल पांच सदस्यीय टीम गठित की थी, जिसमें जबलपुर, बालाघाट, मंडला और छिंदवाड़ा के अधिकारी शामिल हैं। जांच में यह सामने आया कि संदिग्ध सिरप की बड़ी खेप जबलपुर की कटारिया फार्मा से खरीदी गई थी। टीम ने पहले ही इस फार्मा से सैंपल जब्त किए थे, और अब रिपोर्ट आने के बाद निर्णायक कदम उठाया गया है।

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अब होगी कानूनी कार्रवाई

ड्रग इंस्पेक्टर प्रवीण पटेल ने यह भी बताया कि कटारिया फार्मा को सील करने के साथ ही अब अगली कानूनी प्रक्रिया शुरू की जा रही है। रिपोर्ट में सिरप अमानक पाया गया है। यह वही बैच है जिससे छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत हुई थी। इसलिए दुकान और गोदाम सील कर दिए गए हैं, और अब कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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