खजुराहो के जिस होटल में अफसरों के लिए बुक थे 50 कॉटेज, उसी में फूड पॉइजनिंग से 3 की मौत

खजुराहो के रिसॉर्ट में फूड पॉइजनिंग से तीन कर्मचारियों की मौत हो गई और पांच अन्य गंभीर बीमार हो गए। प्रशासन ने रिसॉर्ट सील कर दिया और मृतकों के परिजन को आर्थिक सहायता की घोषणा की है।

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Sanjay Dhiman
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KHAJURAHO FOOD Poisoning case
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NEERAJ SONI@CHATARPUR.खजुराहो के एक रिसॉर्ट में खाने के बाद तीन कर्मचारियों की मौत हो गई। सात अन्य गंभीर बीमार हैं। डॉक्टरों ने इसे फूड पॉइजनिंग का मामला बताया है। शुरुआत में सभी कर्मचारियों को छतरपुर जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। इधर छतरपुर सीएमएचओं ने तीन लोगों की मौत की पुष्टि की है। 

खजुराहो से हालत बिगड़ने पर 11 गंभीर कर्मचारियों को ग्वालियर रेफर किया गया था। जानकारी के अनुसार ग्वालियर ले जाते समय दो कर्मचारियों की रास्ते में मौत हो गई। इलाज के दौरान अस्पताल में एक कर्मचारी की जान चली गई। बाकी आठ कर्मचारियों का इलाज चल रहा है, जिनमें से तीन वेंटिलेटर पर हैं। 

छतरपुर प्रशासन ने इस घटना के बाद रिसॉर्ट को सील कर दिया है। मृतकों के परिजनों को 20-20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। रिसॉर्ट का मालिक विनोद कुमार गौतम बेल्जियम में रहते हैं।

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गोभी की सब्जी खाई, इसके बाद बिगड़ी तबीयत

गंभीर अवस्था में पहुंचे कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने दोपहर में गोभी की सब्जी खाई थी। जिसके कुछ देर बाद ही उल्टी, दस्त और चक्कर आने लगे। एक के बाद एक कई कर्मचारियों की हालत खराब हो गई। सभी को पहले छतरपुर अस्पताल लाया गया। यहां से गंभीर बीमार लोगों को ग्वालियर रिफर किया गया। 

होटल से 3 किमी दूर एमपी कैबिनेट मीटिंग

खजुराहो के जिस रिसॉर्ट में यह घटना सामने आई है, उसके निकट ही होटल गौतम में फूड पॉइजनिंग का मामला सामने आया। इस होटल से 3 किलोमीटर दूरी पर मोहन सरकार की कैबिनेट बैठक चल रही है। दो दिनों से प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ पूरी कैबिनेट व आला अधिकारी यहां डेरा डाले हुए हैं।

कलेक्टर ने की आर्थिक सहायता की घोषणा

इस घटना को लेकर छतरपुर कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने मामले में संज्ञान लिया है। उन्होंने मृत कर्मचारियों के परिजनों को 20-20 हजार रुपए की तात्कालिक सहायता राशि स्वीकृत की है। उन्होंने इस मामले में होटल के खाने की जांच के आदेश भी दे दिए हैं। खाद्य विभाग ने होटल में बने भोजन के सैंपल लेकर जांच शुरू कर दी है।

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जीतू पटवारी ने पोस्ट में यह कहा..

खजुराहो में जो कैबिनेट बैठी थी, उसी जिले में 4 मौतें हो गईं। लेकिन सत्ता के मंत्री चुप हैं। 9 लोग अस्पताल भेजे गए, लेकिन सरकार के लोग अपनी मौज में हैं। यह शर्मनाक है कि सत्ता में बैठे लोगों को आम लोगों की मौत से कोई फर्क नहीं पड़ता। सरकार सिर्फ झूठ बोलने और पैसे खर्च करने में लगी है। यह असंवेदनशीलता और निष्ठुरता बेहद गलत है।

जनता सवाल कर रही है:
• गरीबों की मौत पर मंत्री क्यों चुप हैं?
• मंत्री अपनी जिम्मेदारी से क्यों भाग रहे हैं?
• मुख्यमंत्री जवाबदेही से क्यों बच रहे हैं?

परिजनों ने लगाया जाम, फंसे मंत्री और अधिकारी

इस घटना के सामने आने के बाद मृतक कर्मचारियों के परिजनों ने खजुराहो हाईवे पर जाम लगा दिया। परिजनों का आरोप था कि उन्हें घटना की सही जानकारी नहीं दी जा रही है।

इस जाम के कारण मोहन कैबिनेट बैठक में शामिल होने जा रहे कई मंत्री और आला अधिकारियों को रूट बदलना पड़ा। आक्रोशित लोगों ने उसी मार्ग पर जाम लगाया, जिससे मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों और अधिकारियों को निकलना था;

इस जाम के कारण देशी और विदेशी पर्यटकों को पैदल अपना सामान ले जाते देखा गया। जाम के कारण 2 किलोमीटर तक वाहनों की लंबी लाइन लग गई। घटना स्थल पर भारी पुलिस तैनात है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मोहन सरकार एमपी कैबिनेट खजुराहो फूड पॉइजनिंग
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