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मध्य प्रदेश सरकार की अगली कैबिनेट बैठक 9 दिसंबर को खजुराहो में होने जा रही है। इस बैठक में खासतौर पर बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास पर जोर दिया जाएगा।
इस बैठक (मोहन कैबिनेट बैठक ) के दौरान बुंदेलखंड को बड़ा पैकेज देने का ऐलान किया जा सकता है। मुख्यमंत्री मोहन यादव और अन्य मंत्री इस बैठक में हिस्सा लेंगे। साथ ही क्षेत्र के विकास को लेकर जरूरी फैसले ले सकते हैं। वहीं 8 दिसंबर को मुख्यमंत्री विभागीय समीक्षा भी करेंगे।
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लाड़ली बहनों को भी मिल सकती है बड़ी सौगात
साथ ही, खजुराहो में ही 9 दिसंबर को लाड़ली बहना सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में प्रदेश की महिलाओं के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की जा सकती है।
अधिकारियों ने बैठक और सम्मेलन की तैयारियां पूरी कर ली हैं। दोनों कार्यक्रमों ( खजुराहो कैबिनेट ) के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।
संभवत: इसी सम्मेलन के दौरान सीएम मोहन लाड़ली बहना योजना की 31वीं किस्त (1500 रुपए) जारी कर सकत हैं। हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। उम्मीद की जा रही है कि इस दिन महिलाओं के खातों में पैसे ट्रांसफर किए जा सकते हैं।
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ऐसा है बुंदेलखंड क्षेत्र
बुंदेलखंड क्षेत्र में कुल 13 जिले आते हैं। इसमें मध्य प्रदेश के 6 जिले...दतिया, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, दमोह और सागर शामिल हैं। खजुराहो...छतरपुर जिले का ही हिस्सा है। वहीं उत्तर प्रदेश के 7 जिले...चित्रकूट, बांदा, झांसी, जालौन, हमीरपुर, महोबा और ललितपुर आते हैं।
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इन समस्याओं से जूझ रहा बुंदेलखंड
पानी की भारी कमी: बुंदेलखंड में पानी की बहुत बड़ी समस्या है। नदिया और जलाशय सूख चुके हैं, जिससे पानी के लिए लोग रोज संघर्ष करते हैं। खेती और घरेलू जरूरतों के लिए पानी की बहुत किल्लत हो रही है।
कृषि संकट: सूखा और जलवायु परिवर्तन ने खेती को बुरी तरह प्रभावित किया है। जमीन की उर्वरता घट रही है और फसलें कमजोर हो रही हैं।
बेरोजगारी की समस्या: बुंदेलखंड में उद्योगों की भारी कमी है। इससे यहां के युवाओं के लिए रोजगार के मौके बहुत कम हैं। बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है, और युवा वर्ग इससे जूझ रहा है।
स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी: यहां अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है। गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए लोग दूसरों शहरों में जाने को मजबूर होते हैं।
शिक्षा का अभाव: बुंदेलखंड में शिक्षा की सुविधाएं बहुत सीमित हैं। खासकर गांवों में बच्चों को अच्छे स्कूलों की कमी का सामना करना पड़ता है, जिससे उनका भविष्य प्रभावित हो रहा है।
गरीबी और पलायन: इस क्षेत्र में गरीबी बहुत है। लोग बेहतर जीवन की तलाश में बड़े शहरों की ओर पलायन करते हैं। यह पलायन यहां के विकास को और भी प्रभावित करता है।
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