MP NEWS: मध्य प्रदेश के खंडवा में पानी की किल्लत के कारण शुक्रवार को एक नया मोड़ सामने आया। तीन महिलाओं ने महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित एक चिट्ठी भेजकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। इन महिलाओं का कहना है कि पानी जीवन का बुनियादी अधिकार है, और अगर उन्हें यह नहीं मिल सकता तो वे इच्छा मृत्यु की मांग कर रही हैं।
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क्या है पूरा मामला
दरअसल, खंडवा शहर में स्टेट हाइवे पर पानी की मांग को लेकर चक्का जाम किया गया था। इसके बाद अधिकारियों ने पानी की मांग करने वालों पर FIR दर्ज की। महिलाओं का कहना है कि पानी एक संवैधानिक अधिकार है, और यह उनके जीवन का आधार है। वे यह भी कह रही हैं कि यदि प्रशासन उन्हें पानी नहीं दे सकता, तो उन्हें संविधान के तहत इच्छा मृत्यु दी जाए।
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महिलाओं की चिट्ठी और उनके आरोप
एक महिला ने राष्ट्रपति को भेजी गई चिट्ठी में आरोप लगाया है कि कई सालों से खंडवा में पेय जल की आपूर्ति का निजीकरण किया है। इस कार्य को एक कंपनी द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि 200 बार पाइपलाइन फूट चुकी है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है। अनीता का कहना है कि पानी की मांग करने वालों पर तो नगर निगम और जिला प्रशासन ने तुरंत एफआइआर दर्ज की, लेकिन पानी की लूट करने वालों पर छह साल से कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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क्या बोले कांग्रेस नेता
कांग्रेस नेता मुल्लू राठौर ने इस पूरे मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि वे घटना स्थल पर जरूर गए थे। इस वीडियो और चिट्ठी में उनका कोई रोल नहीं है। उन्होंने इस आरोप को खारिज किया कि उनका इस मुद्दे से कोई राजनीतिक संबंध है।
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