लाड़ली बहना को 1250 रुपए ही मिलेंगे, वित्त मंत्री कह रहे नहीं बढ़ेंगे, CM का दावा- 3 हजार तक करेंगे
एक तरफ सीएम मोहन यादव मंच से भाषणों में कहते हैं कि लाड़ली बहना योजना की राशि 1250 रुपए से बढ़ाकर 3000 रुपए की जाएगी। दूसरी ओर, सूबे के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि राज्य के प्रस्तावित बजट में अभी कोई प्लान नहीं है।
BHOPAL. लाड़ली बहना योजना...यह वही स्कीम है, जिसके बूते मध्यप्रदेश में बीजेपी ने बड़ी विक्ट्री हासिल की और विपक्ष को पस्त कर दिया। फिर यही मॉडल बीजेपी ने बाकी चुनावी राज्यों मसलन, हरियाणा, महाराष्ट्र और फिर दिल्ली में अपनाया और प्रचंड जीत हासिल की है। अब विडम्बना यह है कि मध्यप्रदेश में ही लाड़ली बहना योजना को लेकर विरोधाभास सामने आए हैं।
एक तरफ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंच से अपनों भाषणों में कहते हैं कि लाड़ली बहना योजना की राशि 1250 रुपए से बढ़ाकर 3000 रुपए तक की जाएगी। दूसरी ओर, सूबे के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि राज्य के प्रस्तावित बजट में लाड़ली बहना योजना की राशि बढ़ाने का कोई प्लान नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा है कि योजना के तहत जो राशि अभी महिलाओं को दी जा रही है, वह जारी रहेगी।
सीएम ने कहा था, तीन हजार करेंगे
गौरतलब है कि श्योपुर जिले के विजयपुर में हुए उपचुनाव के समय सीएम डॉ.मोहन यादव ने मंच से कहा था कि बीजेपी ने लाड़ली बहनों के लिए वचन पत्र में जो वादा किया है, उसे पूरा किया जाएगा। सरकार ने राशि को 1000 रुपए से बढ़ाकर 1250 किया था और जल्द ही राशि को 3000 रुपए महीना किया जाएगा। यही नहीं, सीएम ने पिछले दिनों योजना से वंचित रह गईं लाड़ली बहनों के नाम भी चुनाव के बाद जोड़ने का काम शुरू करने की बात कही थी।
इसके उलट सरकार ने सरकार ने 1 लाख 63 हजार महिलाओं को ladalI bahana योजना के दायरे से बाहर कर दिया है। हालांकि इसके पीछे तर्क यह दिया गया कि इन महिलाओं की उम्र 60 साल से ज्यादा हो गई है। वहीं, योजना की शुरुआत से कब तक कई महिलाएं योजना के लिए पात्र हो गई हैं, लेकिन अब तक उनके नाम नहीं जोड़े गए हैं। कांग्रेस ने इसे लेकर सवाल खड़े किए थे। वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने कहा था, प्रदेश में लाड़ली बहनों से मोहन यादव सरकार की धोखाधड़ी जारी है। ऐसा लगता है, जैसे बीजेपी लाड़ली बहना योजना खत्म करना चाहती है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने 9 जनवरी 2025 को एक्स पर लिखा था...
मध्यप्रदेश की माताओं-बहनों,
बीजेपी सरकार ने विधानसभा चुनाव में वादा किया था, हर महीने 3000 रुपए देंगे, लेकिन केवल 1250 रुपए ही दे रहे हैं। पुराने मुख्यमंत्री मामा बनकर धोखा दे रहे थे। नए वाले भी मामू बनाकर वादे से मुकर रहे हैं। यानी, लाड़ली बहनों से झूठ बोल रहे हैं। नए नाम जोड़ नहीं रहे हैं, पुराने भी कम करते जा रहे हैं। इस महीने फिर 1.63 लाख लाड़ली बहनों के नाम काट रहे हैं। जीतू ने लाड़ली बहना योजना के आंकड़े जारी करते हुए दावा किया था कि सरकार अब तक कई नाम काट चुकी है।
जीतू ने जारी किए थे आंकड़े...
तारीख
महिलाओं की संख्या
4 अक्टूबर 2023
1.31 करोड़
11 जनवरी 2024
1.29 करोड़
11 दिसंबर 2024
1.28 करोड़
12 जनवरी 2025
1.26 करोड़
स्कीम से खाली हो गया खजाना
दरअसल, सरकार ladalI bahana योजना ने मध्यप्रदेश का खजाना खाली कर दिया है। सरकार कर्ज लेकर नारी सशक्तिकरण का नारा बुलंद कर रही है। स्थिति है कि कर्ज लेने में मध्यप्रदेश पूरे देश अव्वल है। इसकी बड़ी वजह फ्रीबीज यानी रेवड़ियां ही हैं। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो अकेले लाड़ली बहना योजना में मध्यप्रदेश सरकार अब तक अपने बजट की करीब 11 फीसदी राशि खर्च कर चुकी है।
आसान भाषा में कहें तो मध्यप्रदेश का वर्ष 2024-25 का बजट 3 लाख 65 हजार करोड़ से ज्यादा का था, जबकि सरकार अकेले लाड़ली बहना योजना पर करीब 20 महीनों में 30 हजार 765 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। ये वो राशि है, जो महिलाओं के खाते में डिपोजिट हुई है। इसके इतर योजना के प्रचार-प्रसार और कार्यक्रमों पर विधानसभा चुनाव के दौरान करीब 120 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है।
दूसरे राज्यों में महिलाओं को ज्यादा राशि
अब यदि इसे दूसरे एंगल से देखें तो सरकार दावा करती है कि मध्यप्रदेश की ladalI bahana योजना के बाद महिला सशक्तिकरण की इस अनूठी पहल अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल है। महाराष्ट्र, झारखंड, दिल्ली और हरियाणा जैसे राज्यों ने लाड़ली बहना योजना को मील का पत्थर मानते हुए अपनाया है। अब यदि इन राज्यों में महिलाओं को मिलने वाली राशि देखें तो सभी जगह ज्यादा राशि मिल रही है। यानी मध्यप्रदेश इस योजना का जनक है और यहीं महिलाओं को 21 महीने से 1250 रुपए ही मिल रहे हैं।