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Photograph: (THESOOTR)
BHOPAL. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण का अभियान लगातार गति पकड़ रहा है। राज्य सरकार की सबसे लोकप्रिय योजना मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना अब एक नए ऐतिहासिक पड़ाव पर पहुंचने वाली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सिवनी से हर लाड़ली बहना के खाते में 1500 रुपए की राशि सीधे ट्रांसफर करेंगे।
सिवनी से हो सकता है ‘सुभद्रा योजना’ का शंखनाद
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 12 नवंबर 2025 को सिवनी से “सुभद्रा योजना” की शुरुआत कर सकते हैं। इसके साथ ही बहनों के लिए उपयोजना की घोषणा भी मुख्यमंत्री डॉ. यादव कर सकते हैं।
सीएम सचिवालय के सूत्रों के अनुसार यह योजना लाड़ली बहना योजना का विस्तारित स्वरूप होगी, जिसके तहत बहनों को बढ़ी हुई राशि प्रदान की जाएगी। इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम में 1 करोड़ 26 लाख से अधिक महिलाओं को लाभ मिलेगा। हालांकि, सुभद्रा योजना को लेकर सीएम सचिवालय एवं अन्य जिम्मेदार अफसरों ने आधिकारिक पुष्टि नहीं की।
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“भैया मोहन” का वादा पूरा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव हर लाड़ली बहना के खाते में 1500 रुपए की राशि सीधे ट्रांसफर करेंगे। इस पहल पर महिलाओं ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि भैया मोहन हमारे साथ वैसे ही खड़े हैं, जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी बहन सुभद्रा का ध्यान रखा था।”
योजना की ऐतिहासिक उपलब्धियां
जून 2023 से अक्टूबर 2025 तक, लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को 29 किस्तों में नियमित आर्थिक सहायता दी जा चुकी है।
अब तक कुल 44,917.92 करोड़ रुपए की राशि सीधे लाभार्थी महिलाओं के खातों में पहुंचाई गई है जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुई है।
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रक्षा बंधन पर तीन बार मिला विशेष तोहफा
- सरकार ने लाड़ली बहनों के लिए रक्षा बंधन पर भी खुशी दोगुनी की।
- अगस्त 2023, 2024 और 2025 में हर बार महिलाओं को ₹250 की विशेष सहायता राशि दी गई।
- यह कदम मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता और बहनों के प्रति आत्मीय जुड़ाव को दर्शाता है।
आर्थिक आत्मनिर्भरता का सशक्त मॉडल
लाड़ली बहना योजना ने महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया है। वे अब न केवल अपनी जरूरतें खुद पूरी कर रही हैं बल्कि बैंकिंग प्रणाली से भी मजबूती से जुड़ चुकी हैं। इससे महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है और वे घर के निर्णयों में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं।ट
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प्रदेशभर में 1.26 करोड़ से अधिक लाभार्थी
मध्यप्रदेश के सभी 52 जिलों में अब तक 1,26,36,250 बहनों को योजना का लाभ मिल चुका है।
सबसे अधिक लाभार्थी इंदौर (4,40,723) में हैं, इसके बाद सागर (4,19,903), रीवा (4,03,182) और छिंदवाड़ा (3,90,311) जिले शीर्ष पर हैं।
हर जिले में बढ़ा आत्मविश्वास
उज्जैन, धार, बालाघाट, जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर, देवास, मुरैना और रतलाम समेत सभी जिलों में लाखों महिलाओं तक योजना का लाभ पहुंचा है। यह योजना अब गांव-गांव तक महिलाओं के जीवन में स्थायी परिवर्तन ला रही है।
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महिलाओं के जीवन में आई नई रोशनी
लाड़ली बहनों ने प्राप्त राशि से बच्चों की शिक्षा, घर-गृहस्थी और छोटे व्यवसायों में निवेश किया है। इससे न केवल उनका आर्थिक आधार मजबूत हुआ, बल्कि समाज में सम्मान और आत्मविश्वास भी बढ़ा है।
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की ओर
लाड़ली बहना और सुभद्रा योजना ने मिलकर महिलाओं को “आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश” के निर्माण की सशक्त कड़ी बना दिया है। आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं और राज्य की प्रगति की सच्ची भागीदार बन गई हैं।
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