8 लाख पार मिशन में लालवानी की उम्मीद कैलाश और रमेश पर ही टिकी, मधु और मालिनी भी करेंगे बड़ी मदद

लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा वोट की लीड देने वाली विधानसभा इंदौर एक और इंदौर दो ही है। विधानसभा चुनाव में 2023 भी सबसे ज्यादा वोट से जीत हासिल करने वाली विधानसभा इंदौर दो ही है।

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Pratibha ranaa
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कैलाश विजयवर्गीय, शंकर लालवानी, रमेश मेंदोला

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संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर लोकसभा सीट पर बीजेपी ( loksabha elections 2024 ) का मिशन देश की नंबर वन जीत (वोट के लिहाज से) हासिल करने की है। इस बार जीत में मिशन 8 लाख पार का नारा है। इसके लिए बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी को सबसे ज्यादा उम्मीद नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ ही उनके सखा और विधायक रमेश मेंदोला से बहुत ज्यादा है। वहीं इस मिशन के लिए मधु वर्मा और मालिनी गौड़ भी अहम साबित होने वाले हैं।

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इसलिए कैलाश और रमेश सबसे अहम

लोकसभ चुनाव में सबसे ज्यादा वोट की लीड देने वाली विधानसभा इंदौर एक और इंदौर दो ही है। विधानसभा चुनाव में 2023 भी सबसे ज्यादा वोट से जीत हासिल करने वाली विधानसभा इंदौर दो ही है। यहां रमेश मेंदोला ने मप्र के साथ ही राजस्थान, छत्तीसगढ़ में भी सबसे बड़ी जीत ली थी।
 
इंदौर विधानसभा 1- साल 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस विधायक (संजय शुक्ला) होने के बाद भी 1 लाख तीन हजार वोट की लीड ली थी। बीजेपी को 1.66 लाख तो कांग्रेस को 63638 वोट ही मिले थे। वहीं विधानसभा 2023 में बीजेपी के कैलाश विजयवर्गीय ने 57 हजार वोट से जीत हासिल की। 

इंदौर विधानसभा 2- यहां 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां से भी 1 लाख 3 हजार वोट की लीड ली थी। बीजेपी को 1.57 लाख वोट तो कांग्रेस को करीब 54 हजार करीब वोट थे। वहीं विधानसभा 2023 में रमेश मेंदोला ने 1.07 लाख वोट से जीत हासिल की। 
(इस बार इन दोनों ही सीट को मिलाकर बीजेपी करीब 3 लाख वोट की लीड लेने का मिशन लेकर चल रही है)

मधु वर्मा और मालिनी गौड़ का योगदान रहेगा अहम

वहीं मिशन 8 लाख के लिए राउ सीट और इंदौर चार सीट भी खासी अहम होगी।

  • राऊ- साल 2019 में यहां कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी विधायक थे जो अब प्रदेशाध्यक्ष है, लेकिन इसके बाद भी बीजेपी ने 80 हजार की भारी लीड ली थी। बीजेपी को 1.46 लाख तो कांग्रेस को केवल करीब 67 हजार वोट थे। वहीं विधानसभा 2023 में बीजेपी के मधु वर्मा ने पटवारी को 35500 हजार वोट से हराया।
  • इंदौर विधानसभा 4- इंदौर दो की तरह यह भी बीजेपी का गढ़ है जो 1990 से ही बीजेपी के पास है। 2019 लोकसभा में यहां से बीजेपी को करीब 79 हजार की लीड मिली थी। बीजेपी को 1.27 लाख तो कांग्रेस को केवल 49 हजार करीब वोट ही मिले थे। विधानसभा चुनाव 2023 में मालिनी गौड़ ने यहां से 69 हजार से अधिक वोट से जीत हासिल की।

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देपालपुर और सांवेर से भी इस बार झोली भरने की इसलिए उम्मीद

  • देपालपुर- यहां से कांग्रेस विधायक रहे विशाल पटेल अब बीजेपी में आ चुके हैं। जब 2019 में वह कांग्रेस से विधायक थे तब लोकसभा में बीजेपी को 66 हजार वोट की लीड मिली थी। अब पटेल के आने के बाद बीजेपी को यह लीड 1 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। लोकसभा में कांग्रेस को 60 हजार तो बीजेपी को 1.15 लाख वोट मिले थे। साल 2023 चुनाव में बीजेपी के मनोज पटेल 13698 वोट से जीते थे।
  • सांवेर- यहां से 2019 में कांग्रेस विधायक रहे तुलसी सिलावट मार्च 2020 में ही बीजेपी में चुके हैं। जब वह कांग्रेस विधायक थे तभी बीजेपी को यहां लोकसभा चुनाव में 67 हजार की लीड मिली थी। बीजेपी को 1.31 लाख तो कांग्रेस को 64 हजार वोट ही मिले थे। वहीं 2023 विधानसभा में बीजेपी यहां से करीब 69 हजार वोट से जीते।

इंदौर विधानसभा 3 और 5 लीड के हिसाब से कमजोर कड़ी

  • इंदौर विधानसभा 3- यह सबसे छोटी विधानसभा है। यहां से बहुत अधिक लीड की गुंजाइश नहीं रहती है। लेकिन विधानसभा चुनाव 2023 में इस बार बीजेपी ने जीत का रिकार्ड बनाया और गोलु शुक्ला 14757 वोट से जीते। वहीं 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को यहां से करीब 25 हजार वोट की लीड मिली थी। कांग्रेस को 51583 तो बीजेपी को 77 हजार करीब वोट मिले थे। 
  • इंदौर विधानसभा 5- यहां से बीजेपी महापौर चुनाव में हार चुकी है। लेकिन इसके बाद विधानसभा चुनाव 2023 में फिर पलटवार किया और कांग्रेस के सत्तू पटेल को बीजीप के महेंद्र हार्डिया ने 15671 वोट से हराया। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यहां से केवल 34 हजार की लीड मिली थी। कांग्रेस को 1.10 लाख तो बीजेपी को 1.44 लाख वोट मिले थे। जबकि यह मप्र की वोट के लिहाज से सबसे बड़ी विधानसभा है। बीजेपी इस बार यहां से भारी लीड मिलने की कोशिश में जुटी है। मिशन 8 लाख पार के लिए इस सीट से बीजेपी को भारी लीड लेना जरूरी होगा।
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