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Photograph: (The Sootr)
JABALPUR. मध्यप्रदेश में एक विवादित जमीन को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है। रत्ना प्रभा लांबा ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उनका आरोप है कि पुलिस ने बिना कोर्ट ऑर्डर के उनकी जमीन खाली करवाई। आरोप है कि 80 लाख रुपए में यह कब्जा भू-माफिया महेंद्र सिंह गुजराल को दिलवाया गया। यह मामला अब हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है।
DGP आईजी और SP तलब, CSP पांडे को भी नोटिस
इस मामले में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने डीजीपी, आईजी, एसपी जबलपुर और सीएसपी एच.आर. पांडे सहित जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को निर्धारित की गई है।
10.807 हेक्टेयर की जमीन का है मामला
यह पूरा विवाद ग्राम पोलीपाथर की 10.807 हेक्टेयर जमीन से जुड़ा है, जिसे पांच भागीदारों ने 1976 में खरीदा था। वर्षों बाद आपसी विवाद के चलते यह मामला मध्यस्थ के पास पहुंचा, जहां 1997 में मध्यस्थ ने स्पष्ट कर दिया कि त्रिलोकी नाथ काकड़ ही इस भूमि के स्वामी हैं। उनके निधन के बाद उनके बेटे अरुण काकड़ ने उत्तराधिकारी के रूप में नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू की।
अरुण काकड़ ने 2022 में रत्ना प्रभा लांबा को पावर ऑफ अटॉर्नी दी, जिसके आधार पर उन्होंने खसरा रिकॉर्ड से अन्य साझेदारों के नाम हटवाने की कोशिश की। इसी बीच पता चला कि भूमि के कुछ हिस्से सरला बोथरा और नीरज सुखेचा को बेचे जा चुके हैं, जिनमें भारी स्टांप शुल्क का भुगतान नहीं हुआ था और एक निषेधाज्ञा याचिका भी खारिज हो चुकी थी।
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पुलिस पर गंभीर आरोप: बिना जांच, दिलवाया कब्जा
रत्ना प्रभा लांबा ने याचिका में आरोप लगाया कि दिनांक 28 अगस्त 2024 को हाईकोर्ट से पुलिस अधीक्षक को केवल जांच के निर्देश दिए गए थे, लेकिन बिना जांच किए, सीएसपी एच.आर. पांडे के नेतृत्व में गोरखपुर, ग्वारीघाट पुलिस ने मिलकर 29 सितंबर 2024 को जबरन कब्जा हटवाया और उसे महेंद्र सिंह गुजराल को सौंप दिया।
80 लाख की डीलिंग के लगे आरोप
याचिका में दावा किया गया है कि एएसपी द्वारा की गई जांच में स्पष्ट रूप से यह बात सामने आई है कि सीएसपी एच.आर. पांडे ने अवैध रूप से पुलिस बल को इकठ्ठा किया और बिना किसी कानूनी आदेश के कार्रवाई की। याचिका में यह भी उल्लेख है कि याचिकाकर्ता का बयान एएसपी के समक्ष दर्ज हुआ, जिसमें बताया गया कि इस कब्जा दिलवाने की एवज में 80 लाख रुपए की डील हुई थी।
महेंद्र सिंह गुजराल पर भू माफिया होने के आरोप
रत्ना प्रभा की याचिका में यह भी बताया गया है कि महेंद्र सिंह गुजराल 'भू-माफिया' है। उन पर अलग-अलग न्यायालयों में करीब 23 मामले लंबित हैं। साथ ही, 2017 में उनके खिलाफ EOW (आर्थिक अपराध शाखा) द्वारा आईपीसी की धारा 420 में एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है। 2023 में भी एक अन्य आपराधिक केस उनके खिलाफ पंजीबद्ध हुआ, जिसकी जांच अभी लंबित है।
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अधिकारियों पर एक करोड़ के जुर्माने की मांग
हाईकोर्ट ने मामले को सुनवाई योग्य मानते हुए पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी यह भी जानना चाहा है कि आखिर किस कानूनी प्रावधान या कोर्ट के आदेश के तहत रत्ना प्रभा लांबा की संपत्ति का कब्जा महेंद्र सिंह गुजराल को दिया गया। साथ ही, याचिकाकर्ता ने दोषी अधिकारियों पर 1 करोड़ रुपए के जुर्माने की मांग की है।
मांगी गई राहत और अगली सुनवाई
याचिका में मांग की गई है कि याचिकाकर्ता को उसकी जमीन का कब्जा लौटाया जाए और अवैध कब्जा दिलवाने में शामिल पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, इस पूरे घटनाक्रम में न तो किसी तीसरे पक्ष को जमीन से संबंधित कोई नया अधिकार दिया जाए और न ही जमीन की स्थिति में कोई बदलाव किया जाए।
एमपी हाईकोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए 28 जुलाई को लिस्ट किया है, जहां पुलिस अधिकारियों को अपने जवाब दाखिल करने होंगे।
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