BHOPAL. मध्य प्रदेश में लोकायुक्त ( Lokayukta ) की नियुक्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ( Umang Singhar ) ने आरोप लगाया है कि राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति असंवैधानिक तरीके से की गई है। उन्होंने कहा कि इस नियुक्ति में शुरू से ही नेता प्रतिपक्ष की स्वीकृति नहीं ली गई। उन्होंने सीएम मोहन यादव को पत्र भी लिखा है और मांग की है कि इस नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से रोका जाए।
यहां बता दें कि न्यायमूर्ति सत्येन्द्र कुमार सिंह को मध्य प्रदेश का नया लोकायुक्त नियुक्त किया गया है।
जीएडी ने आदेश में क्या लिखा ?
मध्य प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ( जीएडी ) ने शनिवार रात इस संबंध में एक आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया है कि न्यायमूर्ति सिंह को मध्य प्रदेश लोकायुक्त और उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1981 के तहत लोकायुक्त नियुक्त किया गया है।
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उमंग सिंघार ने क्या कहा
उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया X पर लेटर पोस्ट करते हुए लिखा- 'प्रदेश की भाजपा सरकार अब केंद्र की भाजपा सरकार की तरह तानाशाही रवैया अपना चुकी है। मध्य प्रदेश से भाजपा सरकार द्वारा संविधान बदलने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। मैं इसकी घोर निन्दा करता हूं। लोकायुक्त की नियुक्ति में असंवैधानिक प्रक्रिया अपनाई गई है। तत्काल लोकायुक्त की नियुक्ति समारोह को रोका जाए एवं नियुक्ति की संवैधानिक प्रक्रिया अपनाई जाए।
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नियुक्ति प्रक्रिया अवैध
नेता प्रतिपक्ष ने पत्र में लिखा है- मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति निश्चित रूप से जनहित का कार्य है। सरकार द्वारा एक नाम पर अपना अंतिम निर्णय लेकर लोकायुक्त नियुक्ति की अधिसूचना 9 मार्च को जारी कर दी गई, इसमें नेता प्रतिपक्ष से कोई परामर्श नहीं लिया गया है। सरकार द्वारा लोकायुक्त की नियुक्ति हेतु अपनाई गई प्रक्रिया विधि संगत ना होकर अवैध है।
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क्या है लोकायुक्त की नियुक्ति की आवश्यक शर्त
उमंग सिंघार ने बताया कि लोकायुक्त की नियुक्ति के संबंध में आवश्यक शर्त है कि मध्य प्रदेश लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त अधिनियम 1981 के अनुसार, राज्यपाल महोदय द्वारा नियुक्ति एमपी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश और नेता प्रतिपक्ष से परामर्श लेने के उपरांत की जानी चाहिए। इसलिए मेरी सरकार से अपील है कि इस अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।