8 साल पहले लाइसेंस कैंसिल, फिर भी संस्कृति संचालनालय ने दिया 11 विभागों का सुरक्षा ठेका, किया करोड़ों का भुगतान

भोपाल के संस्कृति संचालनालय में सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर करोड़ों रुपए का भुगतान किया गया है, जबकि कंपनी पर आपराधिक मामले चल रहे हैं और जीएसटी नहीं भरा गया है।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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भोपाल में सरकारी विभागों के सुरक्षा ठेकों को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है। जहां एक कंपनी, क्लासिक सिक्योरिटी (Classic Security), जिसका लाइसेंस 8 साल पहले रद्द कर दिया गया था, को लगातार सुरक्षा का ठेका दिया जा रहा है। यह कंपनी न केवल विवादों में घिरी हुई है, बल्कि इसके संचालक पर भी आपराधिक मामले दर्ज हैं।

बावजूद इसके, संस्कृति संचालनालय जैसे सरकारी विभागों ने कंपनी को सिक्योरिटी सेवा देने का ठेका जारी रखा है, और उन्हें करोड़ों रुपए का भुगतान किया जा रहा है। इस लेख में हम इस मामले की गहराई से जांच करेंगे और यह समझने की कोशिश करेंगे कि कैसे सरकार की जिम्मेदार संस्थाएं इस गंभीर मुद्दे पर आंखें मूंदे बैठी हैं।

क्लासिक सिक्योरिटी कंपनी का विवाद

क्लासिक सिक्योरिटी के संचालक राजकुमार पांडे (Rajkumar Pandey) के खिलाफ 9 आपराधिक मामले (9 criminal cases) दर्ज हैं। यह मामले भोपाल के विभिन्न थानों में दर्ज हैं, जिनमें टीटी नगर, एमपी नगर और कमलानगर शामिल हैं।

इन मामलों में गंभीर आरोप हैं, लेकिन फिर भी कंपनी को सुरक्षा ठेके पर काम करने की अनुमति दी जाती है। गृह विभाग ने 2017 में इस कंपनी का लाइसेंस रिन्यू नहीं किया था, लेकिन इसके बावजूद संस्कृति संचालनालय ने ठेका जारी रखा।

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टैक्स चोरी और जीएसटी की अनदेखी

कंपनी पर जीएसटी (GST) चोरियों का भी आरोप है। क्लासिक सिक्योरिटी को संस्कृति संचालनालय द्वारा करीब 5 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया, जिसमें 18% जीएसटी (18% GST) शामिल था, लेकिन कंपनी ने एक भी रुपया जीएसटी (GST) के रूप में नहीं जमा किया। इसके बावजूद विभाग ने हर महीने लाखों का भुगतान किया। जीएसटी अधिकारी (GST officers) ने हाल ही में कंपनी के ठिकानों पर छापेमारी की और जांच जारी रखी है।

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12 साल में सरकारी विभागों में ठेका

क्लासिक सिक्योरिटी कंपनी को पिछले 12 साल से 11 सरकारी विभागों (11 government departments) में सिक्योरिटी सेवा देने का ठेका दिया गया है। इन विभागों में प्रमुख रूप से मध्यप्रदेश तीर्थ स्थान एवं मेला प्राधिकरण, संचालनालय धार्मिक न्यास एवं धर्मस्य, राज्य आनन्द संस्थान और कई साहित्य अकादमियां शामिल हैं। यह आश्चर्यजनक है कि एक कंपनी जिसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है, उसे इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा रही है।

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इन 11 विभागों में सिक्योरिटी... 

  1. असिस्टेंट डायरेक्टर, रविन्द्र भवन (डायरेक्टर ऑफ कल्चर मध्यप्रदेश) 
  2. डायरेक्टर ऑफ कल्चर 
  3. मध्यप्रदेश तीर्थ स्थान एवं मेला प्राधिकरण 
  4. संचालनालय, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्य 
  5. शासकीय ललित कलां संस्थान 
  6. इंडियन कौंसिल फॉर कल्चर रिलेशन 
  7. आचार्य शंकर संस्कृत एकता न्यास 
  8. पंजाबी साहित्य अकादमी 
  9. भोजपुरी साहित्य अकादमी 
  10. मराठी साहित्य अकादमी 
  11. राज्य आनन्द संस्थान में क्लासिक सिक्योरिटी लगी हुई है।

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संस्कृति संचालनालय का दावा

संचालनालय के डायरेक्टर एनपी नामदेव (NP Namdev) का कहना है कि सिक्योरिटी सेवा देने के लिए दूसरी कंपनियां भी अनुबंधित हैं, लेकिन जांच के बाद ही इस मामले पर कोई ठोस बयान दिया जाएगा। हालांकि, यह स्थिति स्पष्ट करती है कि विभाग ने लगातार इस कंपनी को ठेका क्यों दिया।

मामले की जांच और भविष्य की दिशा

जीएसटी विभाग (GST Department) ने मामले की गंभीरता को समझते हुए छापेमारी की और कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। इस मामले में गहरी जांच जारी है और उम्मीद की जाती है कि जल्द ही दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, यह भी जरूरी है कि ऐसे ठेके देने की प्रक्रिया को पारदर्शी और उचित तरीके से चलाया जाए ताकि भविष्य में किसी भी कंपनी को इस तरह की गतिविधियों का अवसर न मिले।

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