राजेश जैन अपहरण कांड में नहीं साबित हो सकी फिरौती, HC ने कम कर दी आरोपियों की सजा

जबलपुर हाईकोर्ट ने 2013 के राजेश जैन अपहरण मामले में आरोपियों को दी गई उम्रकैद की सजा को घटाकर सात साल कर दी। कोर्ट ने फिरौती के सबूत न होने के कारण आरोपियों पर आईपीसी की धारा 364-A नहीं लागू की।

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Neel Tiwari
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Photograph: (The Sootr)

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MP News. जबलपुर हाईकोर्ट ने साल 2013 के चर्चित राजेश जैन अपहरण कांड के दोषियों को दी गई उम्रकैद की सजा को बदलते हुए अब केवल सात साल की कठोर कैद और 10,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। 25 जुलाई को इस मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था जिसे 10 सितंबर को सुनाया गया है।

जबलपुर हाईकोर्ट में जस्टिस विवेक अग्रवाल और देव नारायण मिश्रा की डिविजनल बेंच ने पाया कि ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों को आईपीसी की धारा 364-A (फिरौती के लिए अपहरण) के तहत उम्रकैद की सजा दी थी, जबकि सबूतों के आधार पर यह धारा लागू नहीं होती।

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कोर्ट में नहीं साबित हो सका फिरौती का मामला

हाईकोर्ट ने कहा कि धारा 364-A के लिए यह साबित होना जरूरी है कि अपहरण के दौरान न केवल फिरौती मांगी गई, बल्कि पीड़ित को जान से मारने की धमकी दी गई हो या उसे गंभीर चोट पहुंचाई गई हो। इस मामले में अपहरण और बंधक बनाना तो सिद्ध हुआ। लेकिन, न तो पीड़ित को चोट पहुंचाई गई और न ही कोई ठोस सबूत मिले कि जान से मारने की धमकी दी गई थी। इसलिए आरोपियों की सजा को धारा 365 (साधारण अपहरण) और 120-B (आपराधिक साजिश) के तहत बदला गया।

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4 पॉइंट्स में समझें राजेश जैन अपहरण कांड से जुड़ी पूरी खबर... 

सजा में बदलाव: जबलपुर हाईकोर्ट ने 2013 के चर्चित राजेश जैन अपहरण कांड में आरोपियों को दी गई उम्रकैद की सजा को घटाकर 7 साल की कठोर कैद और 10,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। कोर्ट ने पाया कि आरोपियों के खिलाफ फिरौती और जान से मारने की धमकी का ठोस सबूत नहीं मिला, इसलिए धारा 364-A लागू नहीं की जा सकती थी।

फिरौती का मामला साबित नहीं हुआ: हाईकोर्ट ने कहा कि फिरौती के लिए अपहरण (धारा 364-A) तब लागू होती है जब अपहरण के दौरान पीड़ित को जान से मारने की धमकी दी जाए या उसे गंभीर चोट पहुंचाई जाए। इस मामले में ऐसी कोई ठोस जानकारी या प्रमाण नहीं मिले, इसलिए सजा को आईपीसी की धारा 365 (साधारण अपहरण) और 120-B (आपराधिक साजिश) के तहत बदला गया।

अपहरण का तरीका: 24 अगस्त 2013 को राजेश जैन को प्रॉपर्टी डील के बहाने खंडवा से इंदौर बुलाया गया और वहां से उनका अपहरण कर लिया गया। उन्हें नशीला पदार्थ पिलाकर तीन दिन तक उत्तर प्रदेश में घुमाया गया और बाद में फरीदाबाद के एक मकान में बंधक बना लिया गया।

पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी: मध्य प्रदेश और हरियाणा पुलिस की संयुक्त टीम ने अपहरणकर्ताओं की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की और व्यापारी को छुड़ाया। पुलिस ने मौके से एके-47 राइफल, गोलियां, हैंड ग्रेनेड, पिस्तौल और उत्तर प्रदेश पुलिस की वर्दियां बरामद की थीं।

धोखे से बुलाकर किया था व्यापारी राजेश जैन को अगवा

24 अगस्त 2013 को कारोबारी राजेश जैन को प्रॉपर्टी डील के बहाने खंडवा से इंदौर बुलाया गया और वहीं से उनका अपहरण कर लिया गया। अपहरणकर्ताओं ने उन्हें नशीला पदार्थ पिलाकर तीन दिन तक उत्तर प्रदेश में घुमाया और 27 अगस्त को फरीदाबाद के सेक्टर-3 स्थित एक मकान में बंधक बनाकर रखा।

इसके बाद आप यह थे कि भदौरिया गैंग ने अपहरण के बाद 5 करोड़ रुपए की फिरौती भी मांगी थी। मध्य प्रदेश और हरियाणा पुलिस की संयुक्त टीम ने दबिश देकर व्यापारी को छुड़ाया था। इस दौरान पुलिस ने मौके से एके-47 राइफल, 1000 से अधिक गोलियां, छह हैंड ग्रेनेड, कई पिस्तौल और उत्तर प्रदेश पुलिस की वर्दियां भी बरामद की थीं।

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