बिल पास करने एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने मांगी 56 हजार की रिश्वत, लोकायुक्त ने दबोचा

लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने मंडला जिले में कार्यपालन यंत्री नरेंद्र कुमार गुप्ता को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। आरोपी ने आवेदक से बिल भुगतान के बदले 56 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।

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Neel Tiwari
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Photograph: (thesootr)

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लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने गुरुवार को मध्यप्रदेश के मंडला जिले में बड़ी कार्रवाई की। उन्होंने जनजातीय कार्य विभाग में पदस्थ कार्यपालन यंत्री (एग्जीक्यूटिव इंजीनियर) नरेन्द्र कुमार गुप्ता को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। आरोपी EE आवेदक से बिल का भुगतान करने के बदले 56 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था। लोकायुक्त की टीम ने योजना बनाकर जाल बिछाया और आरोपी को 20 हजार रुपए की पहली किश्त लेते ही दबोच लिया।

ठेकेदार से बिल पास कराने के नाम पर मांगी रकम

शिकायतकर्ता रौशन कुमार तिवारी, नगर परिषद डूमरकछार (अनुपपुर) से जुड़े ठेकेदार हैं और वर्तमान में नारायणगंज, मंडला में रहते हैं। उनकी फर्म बोरिंग बिल्डर्स ने वर्ष 2024 में जनजातीय कार्य विभाग मंडला में रिपेयर और मेंटेनेंस का काम किया था।

काम पूरा होने के बावजूद विभागीय बिल का भुगतान लंबित था। जब ठेकेदार ने भुगतान की मांग की तो EE नरेन्द्र कुमार गुप्ता ने उसे कह दिया कि बिना रिश्वत के बिल पास नहीं होगा और इसके एवज में 56 हजार रुपए की मांग रख दी।

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ठेकेदार ने की थी लोकायुक्त से शिकायत

पीड़ित ठेकेदार ने इसकी शिकायत लोकायुक्त जबलपुर से की। शिकायत की जांच और पुष्टि के बाद टीम ने टतय योजना के मुताबिक मंगलवार को ठेकेदार ने कार्यालय में EE को 20 हजार रुपए नकद सौंपे। जैसे ही आरोपी ने रकम ली, लोकायुक्त की टीम ने तुरंत दबिश देकर उसे पकड़ लिया।

आरोपी के पास से रकम बरामद की गई और उसकी गिनती की गई और केमिकल से उसके हाथ धुलाकर यह भी सिद्ध हुआ कि उसने यह रकम ली थी, जिसके बाद पंचनामा तैयार किया गया।

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4 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी

👉लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने मंडला जिले में जनजातीय कार्य विभाग के कार्यपालन यंत्री नरेन्द्र कुमार गुप्ता को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। आरोपी ने ठेकेदार से 56 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।

👉ठेकेदार ने लोकायुक्त से इसकी शिकायत की और जांच के बाद टीम ने एक जाल बिछाया। ठेकेदार ने आरोपी को 20 हजार रुपए की पहली किश्त दी, जैसे ही आरोपी ने रकम ली, लोकायुक्त ने उसे दबोच लिया।

👉आरोपी के पास से रिश्वत की रकम बरामद की गई, और केमिकल से उसके हाथ धुलाकर पुष्टि की गई कि उसने पैसे लिए थे। इसके बाद पंचनामा तैयार किया गया।

👉लोकायुक्त ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) के तहत मामला दर्ज किया। यह पहली बार था जब आरोपी को पक्के सबूतों के साथ पकड़ा गया।

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नरेंद्र गुप्ता पर कायम हुआ मामला

लोकायुक्त ने आरोपी EE नरेन्द्र कुमार गुप्ता के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) की धारा-7, 13(1)(B) और 13(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इस कार्रवाई को लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने अंजाम दिया।

ट्रैप दल में निरीक्षक राहुल गजभिये के साथ निरीक्षक जितेंद्र यादव और निरीक्षक शशिकला मस्कुले भी मौजूद थी। बताया जा रहा है कि आरोपी द्वारा रिश्वत मांगने और बिल अटकाने की शिकायतें पहले भी अनौपचारिक रूप से सामने आई थीं, लेकिन यह पहली बार है जब उसे पक्के सबूतों के साथ पकड़ा गया।

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