नर्मदापुरम-रतलाम में लोकायुक्त का छापा: क्लर्क और कृषि विस्तार अधिकारी रिश्वत लेते गिरफ्तार

मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम और रतलाम जिले में लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार की दो घटनाओं में कार्रवाई की है। नर्मदापुरम के लोक निर्माण विभाग में क्लर्क और रतलाम में कृषि विस्तार अधिकारी रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए हैं।

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Sandeep Kumar
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आमीन हुसैन@रतलाम/नर्मदापुरम

मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम और रतलाम में लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार के खिलाफ महत्वपूर्ण कदम उठाए। इन दो स्थानों पर लोकायुक्त की अलग-अलग टीम ने कार्रवाई की है। पहले बात करते है नर्मदापुरम की, जहां पर क्लर्क को 12 हजार रुपए की रिश्वत पकड़ा गया है। वहीं रतलाम में भी उज्जैन की लोकायुक्त टीम ने कृषि विस्तार अधिकारी को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। आइए जानते हैं क्या पूरा मामला...

नर्मदापुरम में लिपिक गिरफ्तार

नर्मदापुरम में लोक निर्माण विभाग के लिपिक पवन सक्सेना को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। पवन सक्सेना ने एक ठेकेदार से सड़क निर्माण के दौरान जमा एफडी और राशि के रिफंड को वापस करने के बदले 12 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। इस रकम को पहले 5 हजार रुपए की किस्त के रूप में लिया गया था, और बाद में शेष 7 हजार रुपए लेते वक्त लोकायुक्त ने उसे पकड़ लिया।

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कृषि विस्तार अधिकारी की गिरफ्तार

रतलाम जिले के सैलाना क्षेत्र में भी लोकायुक्त की टीम ने एक कृषि विस्तार अधिकारी मगनलाल मेडा को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। अधिकारी ने शिकायतकर्ता से कीटनाशक, खाद और बीज की दुकान खोलने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के बदले रिश्वत मांगी थी। पहले 15 हजार रुपए लिए गए, फिर शेष 10 हजार रुपए लेते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

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लोकायुक्त की कार्रवाई से प्रशासन में हलचल 

नर्मदापुरम और रतलाम में हुए इन छापों ने प्रशासन को हड़बड़ाया है। यह घटनाएँ यह संकेत देती हैं कि भ्रष्टाचार का जड़ें बहुत गहरी हैं और प्रशासन को इन्हें समाप्त करने के लिए कठोर कदम उठाने होंगे। लोकायुक्त की इन कार्रवाइयों से एक मजबूत संदेश गया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अब कोई समझौता नहीं होगा।

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भ्रष्टाचार पर कार्रवाई 

इन दोनों घटनाओं ने यह साफ कर दिया है कि लोकायुक्त का छापा अब भ्रष्टाचार के मामलों में कड़ी कार्रवाई कर रहा है। राज्य सरकार और प्रशासन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाने के लिए लोकायुक्त को पूरी तरह से स्वतंत्र और सक्रिय बना दिया है। लोकायुक्त की कार्रवाई से यह दिखता है कि अब प्रशासन भ्रष्टाचार के मामलों में सख्ती से काम करेगा।

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