लोकसभा चुनाव 2024 : चंबल की इन सीटों पर क्या जातियां ही जीतेंगी

मध्य प्रदेश के चंबल क्षेत्र की तीन लोकसभा सीटों पर जातिगत समीकरण हावी है।  जिसकी वजह से चुनाव नतीजों का पलड़ा किसी भी तरफ झुक सकता है। ग्वालियर, मुरैना और भिंड में बसपा से चुनाव में उतरे तीनों प्रत्याशी कांग्रेस के बागी हैं।

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Sandeep Kumar
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BHOPAL. लोकसभा चुनाव 2024 में  मध्य प्रदेश की भिंड, मुरैना और ग्वालियर में जातिगत समीकरण हावी है। जिसकी वजह से चुनाव नतीजों का पलड़ा किसी भी तरफ झुक सकता है, वहीं राजगढ़ में दिग्विजय सिंह ( Digvijay Singh ) के मैदान में उतरने से मुकाबला एकतरफा नहीं है। आपको बता दें कि 9 लोकसभा सीटों ( Lok Sabha seats ) पर 7 मई को मतदान है ।

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नहीं होगी इन सीटों पर बीजेपी की राह आसान

ग्वालियर-चंबल इलाके में आने वाली चारों लोकसभा सीटें ग्वालियर, गुना, भिंड और मुरैना पर पिछली बार बीजेपी का कब्जा था। इस बार इनमें से केवल एक सीट गुना को छोड़ दिया जाए, तो बाकी तीन सीटों पर मुकाबला आसान नजर नहीं आता। ग्वालियर, भिंड व मुरैना में बीजेपी के तीनों प्रत्याशियों की व्यक्तिगत छवि पार्टी के प्रदर्शन पर नकारात्मक असर डाल रही है। यूपी से सटे होने की वजह से तीनों सीटों पर कास्ट फैक्टर निर्णायक है। मोदी और सरकारी स्कीम का फायदा बीजेपी को सीधे तौर पर मिल रहा है। इस इलाके में पीएम मोदी की सभा ने असर डाला है। ग्वालियर, मुरैना और भिंड में बसपा से चुनाव में उतरे तीनों प्रत्याशी कांग्रेस के बागी हैं। कांग्रेस को नुकसान है। बताया जा रहा है कि ऐसा लगता है बसपा ने बीजेपी की रणनीति के मुताबिक कैंडिडेट उतारे हैं।

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सबसे पहले बात कर लेते हैं मुरैना सीट की

मुरैना में जातीय फैक्टर काम करता है। पूर्व सांसद नरेंद्र तोमर से नजदीकी के चलते भाजपा प्रत्याशी शिव मंगल की अपनी कोई पहचान नहीं है। कांग्रेस प्रत्याशी सत्यपाल की जौरा, सबलगढ़, सुमावली, अम्बाह और श्योपुर विधानसभा में अच्छी पकड़ है। विधानसभा चुनाव में इस लोकसभा की 5 सीटें गंवा चुकी बीजेपी ने समीकरण ठीक करने के लिए कांग्रेस नेताओं को अपने पाले में शामिल किया है।

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अब बारी भिंड लोकसभा सीट की

भिंड में सबसे अधिक 30 प्रतिशत दलित वोटर हैं। इस सुरक्षित सीट पर भाजपा ने मौजूदा सांसद संध्या राय को प्रत्याशी बनाया है। वे मुरैना की रहने वाली हैं। उनके खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी दिख रही है। कांग्रेस ने भांडेर से विधायक फूल सिंह बरैया को टिकट दिया है, लेकिन बसपा के देवाशीष उनका समीकरण बिगाड़ रहे हैं। विधानसभा में बीजेपी-कांग्रेस दोनों के पास बराबर 4-4 सीटें हैं।

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क्या है ग्वालियर लोकसभा सीट का समीकरण 

विधानसभा 2023 में मतदान के दिन शिवपुरी के चकरामपुर गांव में कुशवाह परिवार के चार लोगों की हत्या यहां मुद्दा बना हुआ है। भाजपा प्रत्याशी भारत सिंह कुशवाह पर आरोपियों को संरक्षण देने के आरोप लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस ने प्रवीण पाठक को उतार कर ब्राह्मण वोटर्स को साध लिया है। वहीं, कांग्रेस के बागी कल्याण सिंह गुर्जर बसपा से मैदान में उतर कर गुर्जर वोट में सेंध लगा रहे हैं।

गुना में कांग्रेस ने अपनाया बीजेपी का दांव 

ग्वालियर-चंबल में गुना ही एक मात्र ऐसी सीट है, जहां कभी जातीय फैक्टर नहीं दिखा, लेकिन कांग्रेस ने यादवेंद्र राव यादव को मैदान में उतारकर जातीय फैक्टर पर फोकस किया है। पिछली बार केपी यादव को टिकट देकर बीजेपी ऐसा कर चुकी है। बीजेपी का दांव कांग्रेस ने अपनाया है, इसलिए पिछले दिनों अशोकनगर में गृहमंत्री ने केपी यादव को राजनीतिक रूप से जिम्मेदारी देने की बात कह यादव समाज को साधने की कोशिश की थी।

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