लोकायुक्त इंदौर में 10 हजार की रिश्वत में पकड़ाए जूनियर इंजीनियर ने लेटर लिखकर चीफ इंजीनियर कामेश श्रीवास्तव को बताया जिम्मेदार

जूनियर इंजीनियर शैलेंद्र पाटकर ने रिश्वत मामले में इंदौर के चीफ इंजीनियर कामेश श्रीवास्तव को जिम्मेदार ठहराया और खतरे का हवाला दिया। जानें क्या पूरा मामला...

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Sanjay Gupta
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लोकायुक्त इंदौर में 7 अगस्त को 10 हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए जूनियर इंजीनियर शैलेंद्र पाटकर ने अब एमपीईबी एमडी इंदौर अनूप सिंह को पत्र लिखा है। इस तीन पन्नों के पत्र में उन्होंने इस ट्रैप कार्रवाई को चीफ इंजीनियर इंदौर सिटी कामेश श्रीवास्तव की साजिश बताया है। साथ ही अपने और अपने परिवार को खतरा भी बताया है।

जानें क्या हुआ पाटकर के साथ

लोकायुक्त इंदौर ने सूर्यकांत सोनोने, राजमोहल्ला निवासी, की शिकायत पर पाटकर के ऑफिस में छापा मारकर उन्हें पकड़ा था। शिकायत थी कि गोदाम में स्टीम मशीन लगाने के लिए 10 किलोवाट का बिजली कनेक्शन लेने के लिए 40 हजार फीस के साथ दस हजार की रिश्वत मांगी जा रही है। एसपी लोकायुक्त राजेश सहाय को 6 अगस्त को शिकायत मिलने पर टीम बनाकर 7 अगस्त को ट्रैप की कार्रवाई की गई। इसमें पाटकर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा-7 के अंतर्गत केस दर्ज किया गया।

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पहले लेटर लिख कहा कि झूठा केस बनाया

पाटकर ने इस कार्रवाई के बाद एक पत्र लोकायुक्त एसपी को भी लिखा और कहा कि उन्हें झूठे केस में फंसाया जा रहा है। पाटकर ने लोकायुक्त एसपी को लिखे पत्र में कहा कि- मैं सुभाष चौक पर पदस्थ था। 7 अगस्त को करीब 12.30 बजे एक व्यक्ति मेरे केबिन में आया और मेरी जेब में रुपए डाल दिए, जिन्हें मैंने जेब से निकालकर फेंक दिया। इतने में कुछ लोग अंदर आए और मुझे पकड़ लिया। मुझे लोकायुक्त कार्यालय में ले आए और मेरे साथ बहुत ज्यादा मारपीट की और मेरी पेंट की जेब में रुपए रख दिए। मुझ पर झूठा केस बनाया गया। मैंने मना किया लेकिन बोले टारगेट पूरा करना है। महोदय, मेरा निवेदन है कि इस केस में झूठी एफआईआर निरस्त की जाए, जिससे मुझे न्याय मिले।

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लोकायुक्त इंदौर में 10 हजार की रिश्वत की खबर पर एक नजर

👉लोकायुक्त इंदौर ने 7 अगस्त को 10 हजार की रिश्वत लेते हुए जूनियर इंजीनियर शैलेंद्र पाटकर को रंगेहाथ पकड़ा था। अब पाटकर ने एमपीईबी एमडी अनूप सिंह को तीन पन्नों का पत्र लिखकर यह कार्रवाई चीफ इंजीनियर कामेश श्रीवास्तव की साजिश बताई है।

👉पाटकर का आरोप है कि कामेश श्रीवास्तव ने अपने करीबी रिटायर्ड बाबू राजेश गुप्ता के जरिए उन्हें फंसवाया। पत्र में उन्होंने कामेश पर बीते 10 सालों से परेशान करने, होटल खर्चा और सामान मंगाने जैसी जबरन मांगों के आरोप भी लगाए हैं।

👉पाटकर का कहना है कि उनके खिलाफ पहले भी झूठे केस कराए गए जो गलत साबित हुए। अब उन्होंने अपने और परिवार की सुरक्षा को लेकर गंभीर खतरा बताया है।

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अब चीफ इंजीनियर कामेश को लेकर यह लिखा

अब पाटकर ने इंदौर एमपीईबी एमडी अनूप सिंह को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि इंदौर सिटी चीफ इंजीनियर कामेश श्रीवास्तव ने साजिश रचते हुए मुझे अपने करीबी बाबू राजेश गुप्ता (जो 30 मई को रिटायर हो चुके हैं) के जरिए फंसवाया है। गुप्ता ने सूर्यकांत सोनोने को रुपए दिए और मुझे झूठे केस में फंसवाया। दस साल से कामेश मुझे परेशान कर रहे हैं। देवास में रहते हुए जब मैं भी वहां पदस्थ था (2016 में), तब मुझसे वह होटल का खर्चा भरवाते थे, सागौन का फर्नीचर तक मंगवाया था, नर्मदा से ताजी मछलियां मंगवाते थे। फिर उनकी डिमांड बढ़ गई। जब मैंने इससे मना किया तो उन्होंने झूठी शिकायतें करवाना शुरू कर दीं।

मेरे खिलाफ पहले भी वह देवास में केस करा चुके हैं, जो गलत साबित हुआ। अब जब वह इंदौर चीफ इंजीनियर बनकर आए तो मुझसे खुन्नस निकाली और राजेश गुप्ता की मदद से मुझे झूठे केस में फंसवा दिया। कामेश मेरे खिलाफ कुछ भी कर सकते हैं और मुझे तथा मेरे परिवार को खतरा है।

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