Bhopal : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। लोकायुक्त (Lokayukta) थाने की वह हवालात, जो पिछले 20 साल से बंद थी, अब फिर से खोली गई है। इस हवालात में इस बार कैश कांड (Cash Scam) में गिरफ्तार सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को रखा गया है।
यह वही हवालात है, जिसमें साल 2004 में तत्कालीन कमर्शियल टैक्स विभाग (Commercial Tax Department) के डिप्टी कमिश्नर आर.के. जैन (R.K. Jain) को रखा गया था। आर.के. जैन ने इसी हवालात में आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद से इस हवालात को सील कर दिया गया था। अब 20 साल बाद यह पहली बार खुला है, जिससे यह मामला और भी सनसनीखेज हो गया है।
वकील ने जताई जान को खतरे की आशंका
Saurabh Sharma के वकील राकेश पराशर (Rakesh Parashar) ने कोर्ट में अर्जी दायर कर बताया कि उनके मुवक्किल को जांच एजेंसियों (Investigating Agencies) से जान का खतरा है। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया है और उन्हें कोर्ट में पेश होने से रोका जा रहा है।
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वकील का कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो सौरभ शर्मा के साथ रिमांड के दौरान कुछ भी अनहोनी हो सकती है। यह आरोप और भी गंभीर हो जाता है जब यह पता चलता है कि सौरभ शर्मा ने खुद को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद उन्हें गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार कर लिया गया।
लोकायुक्त पर आरोप और कोर्ट की सुनवाई
वकील ने कोर्ट में दिए आवेदन में यह भी कहा कि लोकायुक्त (Lokayukta) के अधिकारियों ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए सौरभ शर्मा को जबरन हिरासत में लिया। इसके अलावा, उन्होंने दोषी लोकायुक्तकर्मियों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की मांग की है। वकील का यह भी कहना है कि अगर कोर्ट ने सख्त कदम नहीं उठाए, तो आमजन का कानून और न्यायालयीन प्रक्रिया पर से विश्वास उठ जाएगा। इस प्रकरण ने एक बार फिर लोकायुक्त और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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इतिहास दोहराने का डर
साल 2004 में आर.के. जैन (R.K. Jain) की आत्महत्या के बाद से इस हवालात में किसी को नहीं रखा गया था। अब सौरभ शर्मा को उसी हवालात में रखा जाना, कहीं न कहीं लोगों के मन में डर पैदा कर रहा है। क्या इतिहास खुद को दोहराएगा या इस बार न्याय की जीत होगी?