BHOPAL. राजधानी भोपाल में डीजे की तेज आवाज से एक 13 साल के लड़के की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि लड़का मां दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए चल समारोह में डीजे पर डांस कर रहा था, अचानक डीजे की आवाज तेज होने से वह बेहोश हो गया। परिजन उसे लेकर अस्पताल गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
तेज आवाज के कारण बेहोश हुआ लड़का
परिवारवालों का कहना है कि समर दुर्गा विसर्जन को जाते समय डीजे के सामने डांस कर रहा था। अचानक डीजे का साउंड तेज हुआ तो वह बेहोश हो गया। उसकी मां मदद के लिए चिल्लाती रही, लेकिन डीजे वाले ने साउंड कम नहीं किया। बच्चे को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लड़का सेंट जोसेफ स्कूल में पांचवीं का छात्र था।
घटना के बाद भी डीजे नहीं हुआ बंद
बताया गया कि चल समारोह में डीजे की तेज आवाज बज रही थी। लोग घर के बाहर नाच रहे थे। समर भी तेज आवाज सुनकर भीड़ में शामिल हो गया और डांस करने लगा। तभी अचानक वह गिर गया, जबकि बाकी लोग नाचते रहे। लड़के की मां मदद के लिए चिल्लाती रही, लेकिन डीजे बंद नहीं किया गया।
तेज साउंड के बाद बेहोश हुआ
लड़के के बड़े भाई अमन बिल्लौरे ने बताया कि घटना सोमवार रात करीब 8 बजे की है। जब चल समारोह दूर था, तब डीजे का साउंड भी कम था। हमारे इलाके में आते ही डीजे वाले ने साउंड बड़ा दिया, जिसके बाद समर बेहोश हो गया। परिवार वाले समर को अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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अनियमित हृदय धड़कन के कारण हो सकती है मौत
भोपाल के सेज अपोलो अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. किस्ले श्रीवास्तव ने बताया कि अनियमित हृदय धड़कन के कारण ऐसा संभव है। खासकर यदि बच्चे को पहले से हार्ट की कोई समस्या थी। तेज शोर और अचानक गतिविधि के कारण दिल की धड़कन रुकने की संभावना हो सकती है।
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लड़के को थी हार्ट की समस्या
लड़के की मां क्षमा बिल्लौरे ने बताया कि उसे पहले से हार्ट की समस्या थी, लेकिन हाल ही में वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया था। परिवार वालों ने मामले में पुलिस से शिकायत नहीं की है और पोस्टमार्टम भी नहीं कराया, जिससे कारणों की पुष्टि नहीं हो पाई।
क्या है परमीशन...
ये हैं अधिकार-
- अनुच्छेद- 32 के तहत आप सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
- अनुच्छेद- 226 के तहत हाई कोर्ट जा सकते हैं।
- रात में लाउड स्पीकर और डीजे बजाने पर रोक लगाने की मांग भी कर सकते हैं।
- 268 IPC के तहत मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है, इसमें 200 रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
तेज शोर हो तो क्या करें?
- तेज शोर होने पर आप ईयर-प्लग का इस्तेमाल करें।
- आस-पास शोर होने से रोकें।
- बीच-बीच में शोर से दूर हो जाएं।
- घबराहट महसूस करें तो डॉक्टर से मिलें।
- बच्चों को तेज आवाज से दूर रखें।