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भारत सरकार की सार्वजनिक तेल कंपनियों के एलपीजी सिलेंडर ( LPG cylinder ) डिस्ट्रीब्यूटर्स चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं। इसमें एचपीसीएल (HPCL), बीपीसीएल (BPCL) और आईओसीएल के डिस्ट्रीब्यूटर्स शामिल हैं।
यह आंदोलन उनकी एक सूत्री मांग को लेकर है। इसकी शुरुआत एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन के आव्हान पर देशभर में हो चुकी है।
एलपीजी एसोसिएशन के राष्ट्रीय महामंत्री यज्ञेश राठी ने कहा कि तीनों सरकारी तेल कंपनियों के एलपीजी वितरक इसमें शामिल रहेंगे।
क्यों नाराज हैं एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स
मध्यप्रदेश में भी एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स इन दिनों काफी नाराज हैं। वे चाहते हैं कि सरकार सेवा शुल्क और होम डिलीवरी शुल्क बढ़ाए। कई सालों से इन शुल्कों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।
पहले दिन इंदौर के 75 में से 20 वितरक कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर अपर कलेक्टर रोशन राय को ज्ञापन दिया।
डिस्ट्रीब्यूटर्स का कहना है कि उन्हें मिले शुल्क में पांच साल से कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। खर्चा बढ़ गया है, पर कमाई वहीं की वहीं है।
भोपाल-इंदौर समेत पूरे राज्य में दिखेगा इसका असर
एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.एस. शर्मा ने कहा कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो वे 6 नवंबर से हड़ताल पर चले जाएंगे। भोपाल में हर दिन करीब 15 हजार सिलेंडर घर-घर पहुंचाए जाते हैं।
एसोसिएशन के राष्ट्रीय महामंत्री यज्ञेश राठी ने बताया कि पहले प्रति सिलेंडर 70 रुपये मिलते थे। अब भी उतना ही मिलता है। इसीलिए वे आंदोलन कर रहे हैं।
एसोसिएशन ने चरणबद्ध तरीके से एलपीजी हड़ताल (lpg distributors strike) की चेतावनी दी है। इस वजह से लोगों में चिंता बढ़ गई है। उपभोक्ताओं को डर है कि गैस सिलेंडर की सप्लाई रुक सकती है।
डिस्ट्रीब्यूटर चाहते हैं कि सरकार उनकी मांगें जल्द मान ले। उनका कहना है कि अगर बात नहीं बनी तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे।
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आंदोलन की चरणबद्ध योजना
- पहले चरण में सभी वितरक और कर्मचारी काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं।
- दूसरे चरण में 29 अक्टूबर को शाम 7 बजे वे जिला मुख्यालय पर मशाल और मोमबत्ती जलाकर विरोध करेंगे।
- तीसरे चरण में 6 नवंबर को "नो मनी नो इंडेंट" अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद अंतिम चरण में अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।
- वितरकों का कहना है कि अगर सेवा शुल्क और होम डिलीवरी प्रभार नहीं बढ़ाया गया तो आंदोलन और तीखा होगा।
- इसी मांग को लेकर एसोसिएशन ने शुक्रवार को भी प्रदर्शन किया। जिला स्तर पर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया।
शॉर्ट में समझें पूरी खबर
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| मुख्य मांग | डिलीवरी और सेवा शुल्क में वृद्धि |
| प्रभावित क्षेत्र | संपूर्ण मध्यप्रदेश |
| उपभोक्ता असर | गैस आपूर्ति में देरी/बाधा |
| चेतावनी | 6 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल |
| जिम्मेदार पक्ष | एलपीजी वितरक संघ |
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उपभोक्ताओं की चिंता क्यों बढ़ी?
लगातार विरोध की वजह से कई जगह लोगों को गैस बुक कराने में दिक्कत हो रही है। कई उपभोक्ताओं को पहले से ही देरी का सामना करना पड़ रहा है।
अगर यही स्थिति आगे बढ़ी तो असर और बढ़ जाएगा। तीर्थस्थलों में रसोई चलाना मुश्किल हो सकता है। रेस्टोरेंट और छोटे कारोबार भी प्रभावित होंगे। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि सरकार को जल्द कदम उठाना चाहिए। नहीं तो उपभोक्ता परेशानी (consumer trouble) और बढ़ सकती है।
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