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8th Pay Commission.
केंद्र सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग की घोषणा के बाद मध्यप्रदेश में भी वेतन आयोग की प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्य सरकार ने आयोग के टर्म्स ऑफ रिफरेंस मिलते ही उच्चस्तरीय कमेटी गठित करने की योजना बनाई है।
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कर्मचारियों के वेतन में 40% वृद्धि की संभावना
8वें वेतन आयोग के तहत मध्यप्रदेश के 12 लाख कर्मचारियों के वेतन में 40% तक की वृद्धि हो सकती है। 1.5 की वर्तमान वेतन दर को 1.6 तक बढ़ाने का अनुमान है। इससे राज्य सरकार पर 12 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।
डीए 60% तक पहुंचने की संभावना
मध्यप्रदेश में वर्तमान में कर्मचारियों को 50% डीए मिल रहा है, जबकि केंद्र सरकार 53% डीए प्रदान कर रही है। 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर डीए 60% तक बढ़ सकता है।
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वेतन-भत्तों पर वित्तीय प्रभाव
वर्तमान में मध्यप्रदेश सरकार वेतन-भत्तों पर 88,581 करोड़ रुपए खर्च करती है, जो राज्य के बजट का 16.65% है। 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर यह खर्च 1 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।
पिछले वेतन आयोगों का कार्यान्वयन
- 6वां वेतन आयोग: केंद्र में 2006 से लागू हुआ, जबकि मध्यप्रदेश में 2008 में लागू किया गया।
- 7वां वेतन आयोग: केंद्र में 2016 से लागू हुआ, जबकि मध्यप्रदेश में जुलाई 2017 से।
- 8वां वेतन आयोग: केंद्र की सिफारिशें 2025 तक आने की संभावना है। मध्यप्रदेश में इसे 2028 में लागू किया जा सकता है, जो चुनावी साल होगा।
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वेतन वृद्धि से जुड़े महत्वपूर्ण आंकड़े
- फिटमेंट फार्मूला: 2.11 से 1.6 तक बढ़ने की संभावना।
- वेतन वृद्धि: औसतन 40% तक।
- महंगाई भत्ता: 60% तक बढ़ सकता है।
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