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भोपाल में स्थित टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के ऑफिस के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि कंपनी ने 13 साल बाद अचानक अपना कार्यालय बंद करने का फैसला लिया है। कंपनी ने जून 2025 से कार्यालय को बंद कर दिया था और अब धीरे-धीरे कार्यालय का सामान शिफ्ट किया जा रहा है। यह खबर तब सामने आई, जब कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी एमपी के वित्त मंत्री और डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा से मिले और उन्हें स्थिति के बारे में जानकारी दी।
टीसीएस के इस फैसले से शहर के आर्थिक और सामाजिक जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि यह कंपनी हर साल मध्य प्रदेश से 500 करोड़ रुपए का बिजनेस करती है और यहां के लगभग 1000 कर्मचारियों के रोजगार संकट भी खड़ा हो सकता है।
टीसीएस पलायन करने की तैयारी में
टीसीएस की भोपाल ब्रांच के बंद होने का कारण पता नहीं चल पाया है। लेकिन कंपनी के कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें ट्रांसफर करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। जूनियर एडमिन अजय पांडेय ने इस बारे में किसी भी बड़े फैसले की जानकारी से इनकार किया था। लेकिन कर्मचारियों के बीच चर्चा है कि कंपनी ने इस फैसले को धीरे-धीरे अंजाम देना शुरू कर दिया है।
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भोपाल से टीसीएस ऑफिस बंद होने वाली खबर पर एक नजर
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वित्त मंत्री का हस्तक्षेप
इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने टीसीएस के सीईओ को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि टीसीएस सितंबर 2025 तक भोपाल ब्रांच ऑफिस बंद कर रही है। पत्र में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि टीसीएस अपनी शाखा भोपाल में बनाए रखे, जैसा कि अहमदाबाद, पटना, लखनऊ, भुवनेश्वर और कोचि में किया गया है। वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि इस निर्णय से राज्य को करोड़ों रुपए का राजस्व नुकसान होगा और हजारों लोग बेरोजगार हो सकते हैं।
एमपी को होगा आर्थिक नुकसान
टीसीएस के भोपाल में ऑफिस बंद होने से सिर्फ नौकरी पर असर नहीं पड़ेगा, बल्कि राज्य को भी बड़ा आर्थिक नुकसान होगा। कंपनी का यह ऑफिस मध्य प्रदेश के उद्योगों और व्यापार के लिए महत्वपूर्ण था। टीसीएस का 500 करोड़ रुपए का बिजनेस मध्य प्रदेश से जुड़ा था, जिससे राज्य को टैक्स के रूप में भी काफी राजस्व प्राप्त हो रहा था।
इसके अलावा टीसीएस के करीब 1000 कर्मचारी भोपाल में काम कर रहे थे और इन कर्मचारियों के रोजगार का संकट सामने आ गया है। यदि टीसीएस अपना कार्यालय पूरी तरह से बंद कर देती है, तो इन कर्मचारियों को नई नौकरियों की तलाश करनी पड़ेगी, जो कि आर्थिक संकट को और बढ़ा सकता है।
राज्य सरकार का समर्थन
मध्यप्रदेश सरकार इस मामले में अपनी पूरी कोशिश कर रही है कि टीसीएस अपनी शाखा को बंद न करे। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने यह भी कहा है कि राज्य सरकार टीसीएस को सभी जरूरी सुविधाएं और मदद देने के लिए तैयार है ताकि वह अपना कार्यालय भोपाल में जारी रख सके। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि टीसीएस को अन्य स्थानों की तुलना में भोपाल में अधिक फायदे मिल सकते हैं, और इसे राज्य सरकार के साथ सहयोग बढ़ाना चाहिए।
यदि कंपनी बंद होगा तो क्या होगा?
टीसीएस का भोपाल से पलायन राज्य के लिए कई चुनौतीपूर्ण परिणाम लेकर आ सकता है। अगर कंपनी अपना ऑफिस बंद करती है, तो यह न केवल रोजगार की दृष्टि से बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी भारी असर डालेगा। राज्य को बड़ा राजस्व नुकसान होगा, और कर्मचारियों को अपनी नौकरी खोने के बाद नई नौकरी की तलाश करनी पड़ेगी, जिससे बेरोजगारी दर में वृद्धि हो सकती है।