BHOPAL. मध्य प्रदेश बीजेपी में संगठन चुनावों को लेकर छाई सियासी धुंध अब कुछ छंटती नजर आ रही है। 'द सूत्र' को अंदरखाने से कुछ पुख्ता जानकारियां मिली हैं। इनमें सबसे पहले तो यह है कि बीजेपी अब सभी जिलों के अध्यक्ष की सूची एक साथ जारी कर सकती है। इसकी तैयारियां चल रही हैं। पहले कहा जा रहा था कि दो या तीन बार में जिला अध्यक्षों के नामों का ऐलान होगा, लेकिन अब इससे कुहासा छंट गया है।
दूसरी तरफ प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर तमाम कयासबाजी में अब पूर्व मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह का नाम तेजी से उभरा है। मौजूदा दौर की खींचतान में प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए वे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। सियासी समीकरण उनके पक्ष में नजर आ रहे हैं।
तय समय से पिछड़े चुनाव
आपको बता दें कि संगठन के हिसाब से बीजेपी के 62 जिले हैं। 31 दिसंबर 2024 तक रायशुमारी के बाद इन सभी जिलों में अध्यक्ष नियुक्त किए जाने थे, लेकिन लगातार जारी राजनीतिक खींचतान के चलते संगठन चुनाव तय समय से पिछड़ गए। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की मंशा थी कि 30 से 35 जिलों के अध्यक्षों के नाम का ऐलान कर दिया जाना चाहिए। फिर नए प्रदेश अध्यक्ष के हिसाब से बाकी जिलों के नामों का ऐलान हो जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वैसे भी बीजेपी के संविधान के मुताबिक, कम से कम 50 फीसदी जिला अध्यक्ष होना जरूरी होता है। सीएम ने इसी हिसाब से 30-35 जिला अध्यक्षों के नामों का ऐलान करने की बात कही थी, पर माना जा रहा है कि इसमें मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का हस्तक्षेप है।
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अब टूट रही है परम्परा
गौरतलब है कि भूतपूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा और नंदकुमार सिंह चौहान के समय परम्परा थी कि कार्यकाल पूरा कर चुके प्रदेश अध्यक्ष का हस्तक्षेप नहीं रहता था। सिर्फ संगठन मंत्री चयन प्रक्रिया में रहते थे। अभी वीडी ही टीम बना रहे हैं। इसके इतर अब पार्टी ने तय किया है कि सभी जिलों के अध्यक्षों के नाम का ऐलान एक साथ किया जाए। फिलहाल बड़े पैमानें पर इसकी तैयारियां चल रही हैं। इसके पीछे पार्टी की मंशा यह भी है कि यदि कहीं विरोध के सुर उठते हैं तो एक साथ पूरी सूची होने से मामले मीडिया की नजर में ज्यादा नहीं आएंगे।
बृजेंद्र प्रताप के पक्ष में ऐसे हैं समीकरण
वहीं, प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चल रही रस्साकसी के बीच पन्ना से विधायक व शिवराज सरकार में मंत्री रहे बृजेंद्र प्रताप सिंह का नाम तेजी से उभरा है। उनकी दिल्ली में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से एक दौर की मुलाकात हो गई है। दरअसल, प्रदेश अध्यक्ष को लेकर पूरा मामला उलझा हुआ है। इसके पीछे की कहानी भी रोचक है। पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया लगातार अपने लिए लगे हैं। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर नहीं चाहते हैं कि भदौरिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए।
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शिवप्रकाश भी बृजेंद्र प्रताप के समर्थन में
बृजेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर वीडी शर्मा, नरेंद्र सिंह तोमर और शिवराज तीनों एक राय हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश भी बृजेंद्र प्रताप सिंह के पक्ष में हैं। गौरतलब है कि बृजेंद्र प्रताप अभी पन्ना से विधायक हैं। वे चार बार के विधायक हैं। वे शिवराज सिंह चौहान के खेमे के माने जाते हैं। शिवराज सरकार में वे मंत्री भी थे।
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इंदौर में टीनू का नाम होल्ड, भोपाल में रविंद्र का नाम तय!
इधर, प्रदेश के दो बड़े शहरों इंदौर और भोपाल में भी जिला अध्यक्ष को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। इंदौर में पहले दीपक जैन (टीनू) के नाम पर नगर अध्यक्ष के लिए सहमति बन गई थी, लेकिन अब यह भी होल्ड हो गया है। वहीं, इंदौर ग्रामीण जिला अध्यक्ष की बात करें तो इसमें अंतर दयाल पर सहमति बन गई थी, फिर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की असहमति ने पेंच फंसा दिया है। अब नगर अध्यक्ष के लिए रेस में सुमित मिश्रा आ गए हैं। ग्रामीण की कमान दोबारा चिंटू वर्मा को ही मिल सकती है। भोपाल में रविंद्र यति प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
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