मध्य प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के करीबी विजय नगर थाना इंदौर के पूर्व टीआई रविंद्र सिंह गुर्जर का पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने डिमोशन कर दिया है। उन्हें इंस्पेक्टर से फिर से सब इंस्पेक्टर बना दिया गया है। अब वह तीन साल तक सब इंस्पेक्टर की रैंक पर ही रहेंगे। एक जांच में दोषी पाए जाने का बाद फैसला किया गया। उन्होंने अवैध वसूली के लिए स्कूली नाबालिग छात्रों को ऑनलाइन सट्टे में फंसाया था।
यह है मामला
स्कूली बच्चों को ऑनलाइन सट्टे में फंसाने को लेकर उनकी शिकायत हुई थी। इस ब्लैकमेलिंग कांड में अन्य पुलिसकर्मी भी दोषी पाए गए हैं। मामला जून 2023 का है। इस दौरान विजयनगर थाने में पदस्थ रहे सिपाही मुकेश लोधी, लोकेंद्र सिंह सिसोदिया ने फर्जी पुलिसकर्मी अजय शर्मा के साथ मिलकर स्कूलों नाबालिग बच्चों को पकड़ा था। एसआई संजय धुर्वे ने बच्चों पर ऑनलाइन सट्टे का आरोप लगाकर परिजनों से रुपए मांगे, एक बच्चे के चाचा ने एटीएम से दस हजार रुपए निकाल कर दिए और बच्चों को रिहा कराया।
जांच में यह आया
तत्कालीन डीसीपी अभिषेक आनंद ने एसीपी भूपेन्द्र सिंह से इसकी जांच कराई थी। इसमें पाया गया कि टीआई गुर्जर भी इस अवैध वसूली में शामिल है। पुलिसकर्मियों के साथ ही नकली पुलिसकर्मी अजय शर्मा भी वसूली कांड में लिप्त हैं। यह जांच रिपोर्ट सीपी को भेज दी गई। इसके बाद तत्कालीन सीपी मकरंद देउस्कर ने विभागीय जांच डीसीपी हंसराज को दी। इसमें भी तीनों पर आरोप साबित हुए। इसके बाद सीपी ने गुर्जर का डिमोशन आदेश जारी कर दिया।
नकली सिपाही के साथ गुर्जर करते थे वसूली
जांच में यह साबित हुआ कि विजयनगर थाने पर नकली पुलिसकर्मी बनकर अजय शर्मा वसूली कांड में शामिल है और यह टीआई रविंद्र गुर्जर के साथ मिलकर ही कांड करता है। वहीं बदनामी से बचने के लिए पुलिस ने पुलिस का साथ दिया था और लसूडिया पुलिस में अजय शर्मा पर केस कर लिया, लेकिन बच्चों के परिजनों की शिकायत, सीसीटीवी फुटेज से कांड का खुलासा हो गया।
thesootr links
द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें