BHOPAL. मध्य प्रदेश में 27 और 28 जनवरी को वाली बस ऑपरेटर्स हड़ताल स्थगित हो गई है। राजधानी भोपाल और नर्मदा पुरम संभाग के बस संचालकों द्वारा 27 और 28 जनवरी को प्रस्तावित दो दिन की हड़ताल को अब स्थगित कर दिया गया है। यह फैसला ट्रांसपोर्ट कमिश्नर विवेक शर्मा से हुई चर्चा के बाद लिया गया है। बस संचालकों की हड़ताल का मुख्य कारण था अस्थायी परमिट पर लगी रोक, जिसे लेकर उन्होंने विरोध जताया था। इस हड़ताल के कारण प्रदेशभर में लगभग 4,000 बसें सड़क पर नहीं चल पातीं, जिनमें से 250 बसें केवल भोपाल से संचालित होती हैं।
क्यों होने थी हड़ताल
दरअसल, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 1 जनवरी 2025 से यात्री बसों के अस्थायी परमिट पर रोक लगा दी थी, जिसके विरोध में बस ऑपरेटर्स ने हड़ताल का ऐलान किया था। इस फैसले का असर भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, होशंगाबाद, हरदा, बैतूल, राजगढ़, शाजापुर, देवास, और सागर जिलों में देखने को मिला था। इस हड़ताल को पूरी तरह समर्थन मिला था और 26 जनवरी की रात से ही बसें खड़ी होना शुरू हो गई थीं।
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बस ऑपरेटर्स और ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के बीच चर्चा
रविवार (26 जनवरी) की देर शाम ट्रांसपोर्ट कमिश्नर विवेक शर्मा ने बस संचालकों को चर्चा के लिए बुलाया और बैठक में सहमति बनी कि जिन बस संचालकों के दिसंबर 2024 तक स्थाई परमिट के आवेदन लंबित हैं, उन्हें 1 फरवरी 2025 से अस्थायी परमिट जारी किए जाएंगे। इसके अलावा, जनवरी माह का जो टैक्स जमा किया गया है, वह फरवरी में एडजस्ट किया जाएगा। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने इस दौरान भरोसा दिलाया कि शासन स्तर पर जल्दी ही रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (RTA) का गठन किया जाएगा और इसके लिए कुशल अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।
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हाईकोर्ट ने आदेश पर लगाई रोक
इस समझौते के बाद बस संचालकों ने अपनी हड़ताल को स्थगित कर दिया है, और अब 27-28 जनवरी को होने वाली हड़ताल नहीं होगी। इसी बीच जबलपुर हाईकोर्ट ने 24 अक्टूबर 2024 को दिए गए आदेश पर रोक लगा दी, जिससे अब अस्थायी परमिट जारी करने में कोई दिक्कत नहीं रहेगी।
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बैठक में शामिल प्रमुख लोग
बैठक में कई प्रमुख बस संचालक भी मौजूद थे, जिनमें गोपाल पैगवार, रूपेंद्र सिंह सिद्दू, दीपेश विजयवर्गीय, धर्मेंद्र उपाध्याय, शिवराज सिंह, शिव नागर, कृष्णा प्रजापति, रमेश कटियार, सुरेश मेहता, मंगल चौहान, और अकील खान शामिल थे।
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