राहुल जी! गुल्लक टीम से जो वादा किया, वो कब निभाएंगे, बच्चे आपकी राह देख रहे हैं...

कांग्रेस में भले ही महू की रैली को लेकर उत्साह है, लेकिन आष्टा में गुल्लक टीम निराश है। परमार दंपति के सुसाइड के बाद बच्चों से बात करके घर आने का ढांढस बंधाने वाले राहुल गांधी को शायद अपना वादा याद नहीं हैं। पढ़िए The Sootr की ग्राउंड रिपोर्ट

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Sanjay Sharma
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मनोज परमार के बच्चों के साथ राहुल गांधी। Photograph: (the sootr)

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बाबा साहब डॉ. अंबेडकर की जन्मस्थली महू में जय भीम, जय बापू, जय संविधान रैली को लेकर कांग्रेस बड़ी तैयारी में जुटी है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सांसद प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से लेकर प्रदेश के सभी नेता भी इस रैली में शामिल होंगे। कांग्रेस में भले ही इस रैली को लेकर उत्साह है लेकिन 150 किमी दूर आष्टा में गुल्लक टीम निराश है। डेढ़ महीने पहले ईडी की रेड के बाद पत्नी के साथ मनोज परमार के सुसाइड के बाद जो कांग्रेस नेता उनके परिवार के साथ खड़े नजर आए थे वे अब गायब हैं।

मनोज परमार के बच्चों से मोबाइल पर बात करके उनके घर आने का ढांढस बंधाने वाले राहुल गांधी को भी शायद अपना वादा याद नहीं हैं। जो बच्चे राहुल गांधी और कांग्रेस के सपोर्ट के लिए देश के कोने-कोने तक घूमते रहे, जिन बच्चों ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो पदयात्रा में उनके साथ पैदल चले वे राहुल गांधी आज इस परिवार के साथ खड़े नहीं दिख रहे हैं।

क्या गुल्लक टीम का दुख बांटने जाएंगे राहुल गांधी 

27 जनवरी को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी बाबा साहब के स्मारक से कांग्रेस की रैली को शुरू करने महू पहुंच रहे हैं, लेकिन क्या वे गुल्लक टीम का दुख बांटने उनके घर आष्टा आएंगे... फिलहाल कांग्रेस इस पर चुप है। एक दिन पहले यानी 26 जनवरी की रात तक राहुल गांधी या प्रियंका गांधी का आष्टा जाने का कोई कार्यक्रम तय नहीं है। मनोज परमार के पुत्र जतिन, यश और बेटी जिया को भी राहुल गांधी से मिलाने प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी या अन्य किसी नेता ने भी कोई पहल नहीं की है। न ही प्रदेश कांग्रेस संगठन से उन्हें कोई संदेश दिया गया है। ऐसे में इस परिवार को लग रहा है कि बड़े वादे और मदद का भरोसा देने वाली कांग्रेस शायद उन्हें भूल गई है। हांलाकि जतिन और जिया को अब भी उम्मीद है कि राहुल गांधी उनकी मदद करेंगे और दुख की इस घड़ी में उनके घर जरूर आएंगे।

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भारत जोड़ो यात्रा में मनोज परमार के बच्चों के साथ राहुल गांधी। Photograph: (the sootr)

 

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रैली से पहले आष्टा पहुंचा `द सूत्र` 

बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के स्मारक से 27 जनवरी को कांग्रेस जय भीम, जय बापू, जय संविधान रैली की शुरूआत कर रही है। इसकी अगुवाई लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सांसद प्रियंका गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे करेंगे। ठीक एक दिन पहले यानी 26 जनवरी को जब कांग्रेस राहुल- प्रियंका की अगुवाई वाली रैली की तैयारी में जुटी थी तब `द सूत्र` की टीम आष्टा पहुंची। दिवंगत मनोज परमार के बच्चे अब भी राहुल गांधी का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है राहुल ने जो भरोसा उनके परिवार को दिलाया है वे उन्हें निराश नहीं करेंगे।

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द सूत्र से बातचीत करते मनोज परमार के बेटे जतिन और बेटी जिया। Photograph: (the sootr)

 

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जिद नहीं, लेकिन हम चाहते हैं वे हमारे घर आएं...

जतिन कहते हैं हमें पता है राहुलजी देश के नेता हैं, वे बहुत व्यस्त रहते हैं। वे घर आए ये हमारी जिद नहीं है, लेकिन हम चाहते हैं वे इस घड़ी में हमारे घर जरूर आएं। वहीं जिया राहुल गांधी ने हम भाई-बहन की टीम को गुल्लक टीम नाम दिया है। हमारी टीम लगातार राहुल जी का सपोर्ट कर रही थी, इस वजह से हमारे पिता पर दबाव बनाया गया। देश में नीरव मोदी-विजय माल्या जैसे लोग लोन लेकर भाग गए और देशभर की एजेंसियां छोटे से गांव में रहने वाले व्यक्ति को प्रताड़ित कर रही हैं। राहुल जी सबको सुनने वाले नेता हैं, हम उनसे जुड़े हुए हैं। मैं चाहती हूं वो हमारी बात सुनें, मैं दिल्ली नहीं जा सकती इसलिए चाहती हूं वो घर आएं और मेरे भाइयों से जरूर मिलें।

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अपने वादे को भूलती दिख रही कांग्रेस

उधर, राहुल-प्रियंका की अगुवाई में व्यस्त कांग्रेस उस वादे को भूलती दिख रही है जो सवा महीने पहले उसके शीर्ष नेताओं ने किया था। दरअसल, ईडी की रेड से परेशान होकर आष्टा में रहने वाले मनोज परमार ने अपनी पत्नी के साथ 13 दिसंबर की सुबह आत्महत्या कर ली थी। मनोज के बच्चे उस गुल्लक टीम के सदस्य है जो देश भर में राहुल गांधी की सभाओं, भारत जोड़ा यात्रा और दूसरे आयोजनों में पहुंचती रही है। गुल्लक टीम की शुरूआत मनोज परमार के छोटे बेटे यश की पहल पर साल 2023 में राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हुई थी। इसके बाद से अब तक यश के अलावा उसके बड़े भाई जतिन और बहन जिया 20 से ज्यादा बार राहुल गांधी से मिल चुके हैं।

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जीतू पटवारी ने राहुल गांधी से कराई थी बच्चों की बात

मनोज परमार की आत्महत्या की खबर के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी आष्टा पहुंचे थे। उन्होंने ही परमार के बेटे और गुल्लक टीम के मेंबर जतिन की बात राहुल गांधी से कराई थी। मोबाइल फोन पर बात करने के दौरान राहुल गांधी ने जतिन और पूरे परिवार को ढांढस बंधाया था। उन्होंने जल्द उनसे मिलने उनके घर आष्टा आने का भी भरोसा दिलाया था। इसके बाद राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और तमाम बड़े नेता भी परमार परिवार के घर पहुंचे थे। हांलाकि इसके बाद अब कांग्रेस नेता गुल्लक टीम और मनोज परमार की आत्महत्या को भूलते नजर आ रहे हैं। क्योंकि सवा महीना बीत चुका है लेकिन मनोज परमार की आत्महत्या के मामले में कांग्रेस की ओर से कानूनी मदद उपलब्ध नहीं कराई गई है और न ही अफसरों के दुर्व्यवहार के संबंध में थाने में की गई शिकायत पर कार्रवाई का दबाव बना सकी है।

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