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मध्य प्रदेश की एसआईटी टीम ने 20 बच्चों की मौत के मामले में बड़ा एक्शन लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कफ सिरप कोल्ड्रिफ बनाने वाली दवा कंपनी के मालिक रंगनाथन को चेन्नई से हिरासत में लिया है। उन्हें पकड़ने के लिए 20 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था।
बता दें कि छिंदवाड़ा, बैतूल जैसे इलाकों में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से अब तक 20 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस गंभीर घटना के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने तुरंत इस सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके साथ ही पंजाब और राजस्थान राज्यों ने भी इस सिरप पर बैन लगा दिया है।
3 दिन पहले हुआ था फरार
इस मामले की जांच के लिए एक 7 सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) बनाई गई है, जिसने बुधवार को तमिलनाडु में स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी की फैक्ट्री और रजिस्टर्ड पते पर छापेमारी की। यह कंपनी वही है, जिसने यह खतरनाक कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाया था।
एसआईटी के प्रमुख जितेंद्र जाट ने बताया कि फैक्ट्री को सील कर दिया गया है और कंपनी के मालिक रंगनाथन 3 दिन पहले ही वहां से फरार हो गया था। एसआईटी ने फैक्ट्री से सीसीटीवी फुटेज और जरूरी दस्तावेज जब्त कर लिए हैं। इस बीच, बैतूल से एक 7 साल की बच्ची किंजल को भी सिरप दिए जाने के बाद गंभीर हालत में भोपाल के हमीदिया अस्पताल रेफर किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल बुधवार को पहुंचे नागपुर
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल बुधवार को नागपुर पहुंचे। उन्होंने वहां के अस्पतालों में भर्ती 5 बच्चों के परिजनों से मुलाकात की और उनकी हालत के बारे में जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने ही राज्य में कफ सिरप से 20 बच्चों की मौत होने की पुष्टि की है। इस दौरान, सरकार ने एक और अहम कदम उठाया और छिंदवाड़ा के जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. नरेश गोत्राडे को उनके पद से हटा दिया गया है।
कोल्ड्रिफ सिरप से बच्चों की मौत का मामला वाली खबर पर नजर
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वहीं, स्वास्थ्य मंत्री की यात्रा के बीच एक और बड़ी खबर यह आई कि आरोपी डॉक्टर डॉ. प्रवीण सोनी की जमानत अर्जी को अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया है। इसका मतलब है कि डॉक्टर को फिलहाल जेल में ही रहना पड़ेगा। यह कदम मामले की गंभीरता को देखते हुए उठाया गया है।
डॉक्टर गुरुवार को करेंगे प्रदर्शन
प्रोगेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (PMTA) ने मध्य प्रदेश में गुरुवार से डॉ. प्रवीण सोनी की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदेशभर में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राकेश मालवीय ने बताया कि सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे, ताकि उनका विरोध शांतिपूर्ण तरीके से दर्ज किया जा सके।
हालांकि, इस बीच राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों से अपील की है कि वे हड़ताल न करें। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हड़ताल से मरीजों को परेशानी हो सकती है, और यह समय है जब सभी को मिलकर इस मुद्दे का हल निकालना चाहिए।
जवाबदारी सामूहिक- सीएम मोहन यादव
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा- हमारा राज्य बड़ा है। कहीं भी कोई घटना होती है, तो दुख होता है। छिंदवाड़ा में घटी घटना काफी दुखद है। मैं भरे मन से यह बात कह रहा हूं। ऐसे हालात में जवाबदारी सामूहिक होती है। मैं अपने पक्ष के लोगों और विपक्ष दोनों से यह कहा चाहता हूं कि चुनाव 5 साल में एक बार ही आता है। सकारात्मक आलोचनाओं का हम बुरा नहीं मानते हैं। लेकिन अपने-अपने दायरे में रहकर ही और सही बात करना चाहिए, चाहे वह प्रशासन हो, नेता प्रतिपक्ष हो या मीडिया। हम ऐसी सभी बातों का स्वागत करेंगे।
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WHO ने भारत से मांगा स्पष्टीकरण
कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से बच्चों की मौतों के मामले पर अब भारत से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने स्पष्टीकरण मांगा है। WHO ने भारत से पूछा है कि क्या इस सिरप को अन्य देशों में भी निर्यात किया गया था। यह सवाल इसलिए उठाया गया क्योंकि सिरप से मौतें हो रही हैं और यह जानना जरूरी है कि क्या यह खतरा केवल भारत तक सीमित है या अन्य देशों में भी फैल सकता है।
इस बीच, भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (डीसीजीआई) ने सभी राज्यों को एक सख्त निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि अब से दवाओं के हर बैच को बाजार में उतारने से पहले जांचना जरूरी होगा। इसका मतलब यह है कि अब किसी भी दवा को बिक्री के लिए भेजने से पहले उसकी गुणवत्ता और सुरक्षा की पूरी जांच की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।