डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने बताया नागपुर अस्पताल का हाल, कहा- कफ सिरप से अब तक 20 बच्चों की मौत

मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से 20 बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें 18 बच्चों की मौत नागपुर में इलाज के दौरान और 2 बच्चों की मौत एमपी में हुई है। इस बात की जानकारी डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने दी।

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Dablu Kumar
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Nagpur.मध्यप्रदेश में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। अब तक कुल 20 मासूम अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें से 18 बच्चों की मौत नागपुर में इलाज के दौरान हुई है, जबकि 2 बच्चों की मौत मध्य प्रदेश में दर्ज की गई है। यह जानकारी प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने दी। शुक्ल नागपुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने बीमार बच्चों और उनके परिवारों से मुलाकात की।

नागपुर में बच्चों की हालत गंभीर

डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि नागपुर में जिन बच्चों का इलाज चल रहा है, उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्होंने कहा, "मैं यहां इसलिए आया हूं, ताकि बच्चों के इलाज में किसी भी प्रकार की कमी न रहे। शुक्ल ने बताया कि अब तक 18 बच्चों की मौत हो चुकी है और कल रात एक और बच्चे की मौत हो गई। इसके पहले भी एक अन्य बच्चा अपनी जान गंवा चुका था। इस प्रकार अब तक कुल 20 बच्चों की मौत हो चुकी है।

कफ सिरप पीने से 20 बच्चों की मौत वाली खबर पर एक नजर

मध्य प्रदेश: छिंदवाड़ा के बाद अब बैतूल में 'जानलेवा' कफ सिरप का कहर, 2  बच्चों ने गंवाई जान - madhya pradesh betul coldrif cough syrup two child  deaths ntc - AajTak

  • मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से 20 बच्चों की मौत हो चुकी है, जिनमें 18 बच्चों की मौत नागपुर में इलाज के दौरान और 2 बच्चों की मौत एमपी में हुई है।

  • डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने बताया कि नागपुर में जिन बच्चों का इलाज चल रहा है, उनकी हालत गंभीर बनी हुई है, और उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि इलाज में कोई कमी न रहे।

  • शुक्ला ने बताया कि जो कफ सिरप बच्चों को दिया गया, उसमें जहरीला पदार्थ मिला था, और यह दवा तमिलनाडु से सप्लाई की गई थी।

  • इस मामले में डॉक्टरों की गिरफ्तारी हो चुकी है, और सरकार ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

  • स्वास्थ्य विभाग और पुलिस इस मामले की जांच कर रहे हैं, और दवा के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। तमिलनाडु की कंपनी पर भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

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यहां दो बच्चे एडमिट हैं- राजेंद्र शुक्ला

नागपुर पहुंचे राजेंद्र शुक्ल ने कहा- यहां दो बच्चे एडमिट हैं, जिन्हें देखने आया हूं। उनकी स्थिति गंभीर है और जो कफ सिरप उन्हें दिया गया था, उसमें जहरीला पदार्थ मिला हुआ था। उन्होंने बताया कि दो बच्चे नागपुर में हैं, दो एम्स में भर्ती हैं और एक बच्चा एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा रहा है। शुक्ला ने कहा कि वह इन पांचों बच्चों का इलाज देखेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि उनका इलाज बेहतर हो। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों के इलाज में कोई लापरवाही न हो और उनके परिजनों पर इलाज का कोई अतिरिक्त बोझ न पड़े, इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

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कफ सिरप की सरकार की ओर से सप्लाई नहीं

उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से इस कफ सिरप की सप्लाई नहीं की जाती है। यह सिरप एक निजी फैक्ट्री द्वारा बनाया गया था, जिसे स्टॉकिस्ट को भेजा गया और फिर स्टॉकिस्ट ने इसे रिटेलर्स को भेजा। इसके बाद डॉक्टर ने इसे बच्चों को प्रिस्क्राइब किया। इस प्रकार दुर्भाग्यवश यह दवा बच्चों को दी गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है और सरकार कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी।

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दोषियों के खिलाफ की जा रही है सख्त कार्रवाई

जांच के दौरान यह पता चला है कि बच्चों द्वारा पिया गया कफ सिरप जहरीला था। यह दवा तमिलनाडु से सप्लाई की गई थी और इसमें लापरवाही बरती गई थी। उप मुख्यमंत्री शुक्ला ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। जिन डॉक्टरों ने इस दवा को प्रिस्क्राइब किया था, उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है।

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इस घटना ने पूरे प्रदेश में सनसनी मचा दी है। मासूम बच्चों की मौत से उनके परिजनों का बुरा हाल है और वे गहरे दुख में डूबे हुए हैं। सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही, बीमार बच्चों के इलाज के लिए हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि यह जहरीला कफ सिरप किस तरह और किन चैनलों के माध्यम से बाजार तक पहुंचा। फिलहाल, दवा के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं और तमिलनाडु की कंपनी पर भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

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