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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) एक बार फिर अपने धार्मिक बयानों को लेकर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने गोवर्धन पूजा के मौके पर भगवान कृष्ण के एक और लोकप्रिय नाम गोपाल पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण को गोपाल कहना भी पूरी तरह से सही नहीं है।
सीएम ने गोपाल नाम से क्यों जताई आपत्ति
गोपाल नाम पर आपत्ति जताते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा, हम गलती से भगवान को गोपाल बुलाते हैं, जबकि गोपाल तो वह होता है जो गायों को पालता है। भगवान कृष्ण ने तो हमें यह पहचान कराई कि हम सब गोपाल हैं।
उन्होंने समझाया कि कृष्ण जीवन भर गांव और ग्रामीण संस्कृति के साथ जुड़े रहे। उन्होंने सिर पर मोर मुकुट पहनकर ग्रामीण जीवन का सम्मान किया, लेकिन गोपाल शब्द सिर्फ एक सीमित अर्थ को दर्शाता है, जो उनके व्यक्तित्व की गहराई को नहीं दर्शाता।
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माखनचोर कहे जाने पर भी थी आपत्ति
यह पहली बार नहीं है जब सीएम मोहन यादव ने भगवान कृष्ण के नाम को लेकर टिप्पणी की है। इससे पहले उन्होंने सितंबर 2025 में कहा था कि भगवान को माखनचोर कहना भी सही नहीं है।
उन्होंने कहा था कि उस समय श्रीकृष्ण का मकसद माखन चोरी नहीं, बल्कि अत्याचार के खिलाफ विद्रोह था। सीएम ने बताया कि कृष्ण को इस बात का गुस्सा था कि कंस (Kansa) उनका माखन छीनकर अत्याचार कर रहा था। इसी विरोध के लिए उन्होंने गांव की बाल टीम बनाई और कहा- अपना माखन खुद खाओ या मटकी फोड़ दो, लेकिन दुश्मन तक माखन न पहुंचे।
विरोध को मजाक बनाना गलत है - सीएम यादव
सीएम के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण का मकसद विद्रोह था, लेकिन लोग उसे माखनचोर कहकर हल्के में लेते हैं। उन्होंने कहा, माखनचोर कहना अच्छा नहीं लगता, यह शब्द ही खराब लगता है।उनका कहना है कि यह भगवान कृष्ण के उद्देश्य और नजरिया का अपमान है।
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