न बीमा है न पेंशन है, जीवनभर का टेंशन है... 55 हजार सहकारी कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी

मध्य प्रदेश में 55 हजार से अधिक सहकारी समिति और PDS कर्मचारी 8 से 25 सितंबर तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। ये सभी लोग कई मुद्दे पर सरकार से मांग कर रहे हैं।

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Dablu Kumar
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मुश्ताक मंसूरी @खंडवा

मध्य प्रदेश में सहकारी समितियों के 55 हजार से ज्यादा कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। उनके साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के कर्मचारी भी हड़ताल कर रहे हैं।

खंडवा जिले में सभी कर्मचारी कलेक्टर कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए हैं। वे जोर-जोर से नारे लगाकर सरकार से अपनी मांगें पूरी करने की बात कह रहे हैं।

बात तो तुमको करनी होगी, वरना कुर्सी छोड़नी होगी

कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें न बीमा मिलता है और न ही पेंशन, जिस वजह से पूरी जिंदगी टेंशन बनी रहती है। वे नारे लगा रहे हैं जैसे –न बीमा है, ना पेंशन है, जीवन भर का टेंशन है। कर्मचारी एकता जिंदाबाद। अभी तो ये अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है। बात तो तुमको करनी होगी, वरना कुर्सी छोड़नी होगी। कुल मिलाकर कर्मचारी सरकार को चेतावनी दे रहे हैं कि अगर उनकी समस्याओं का हल नहीं निकाला गया तो आंदोलन और तेज होगा।

विधानसभा चुनाव के दौरान भी किया था हड़ताल

खंडवा जिले के सहकारी समिति के जिला अध्यक्ष मिश्रीलाल पटेल ने कहा कि जिले के सभी कर्मचारी एकजुट होकर सरकार के खिलाफ खड़े हो गए हैं। विधानसभा चुनाव के समय भी ये कर्मचारी हड़ताल पर गए थे। उस समय सरकार ने उन्हें भरोसा दिया था कि उनकी सभी उचित मांगें मान ली जाएंगी। लेकिन अब तक वादे पूरे नहीं हुए, इसलिए खंडवा की जिला सहकारी बैंक से जुड़ी 105 समितियों और बुरहानपुर जिले की 52 समितियों ने काम बंद कर हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।

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क्या सहकारी कर्मचारियों की मांग

मध्य प्रदेश के सभी सहकारी कर्मचारी 8 सितंबर से 25 सितंबर तक अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठे हैं। वे अपनी तीन बड़ी मांगों को लेकर विरोध कर रहे हैं। 

पहली मांग: कर्मचारियों का कहना है कि 60% भर्ती सहकारी समितियों से जिला बैंकों में की जानी थी, लेकिन अब तक यह भर्ती नहीं हुई।

दूसरी मांग: अक्टूबर 2023 में आदेश हुआ था कि विक्रेता समिति के कर्मचारियों को हर महीने 3,000 रुपये अतिरिक्त दिए जाएँगे, लेकिन अब तक उनके खातों में यह पैसा नहीं आया। जबकि प्रदेश के 18 जिलों में यह राशि दी जा चुकी है। इन कर्मचारियों को भी 18 महीने का बकाया 54,000 रुपये तुरंत दिया जाए।

तीसरी मांग: 25 जुलाई 2024 को आयुक्त सहकारिता और पंजीयक ने आदेश दिया था कि समिति कर्मचारियों को अनुदान की राशि से एक निश्चित हिस्सा दिया जाएगा, लेकिन अब तक यह भुगतान नहीं हुआ है।

इससे साफ होता है कि कर्मचारी सरकार से अपने पुराने वादे पूरे करने और बकाया भुगतान करने की मांग कर रहे हैं।

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हड़ताल से किसान और उपभोक्ता दोनों होंगे परेशान

मिश्रीलाल पटेल ने कहा कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो 26 सितंबर को प्रदेश के सभी 55 हजार कर्मचारी भोपाल में बड़ा आंदोलन करेंगे। सहकारी समिति और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिसके कारण 105 समितियां और 300 से ज्यादा PDS केंद्र बंद हो गए हैं।

इससे किसानों को समय पर खाद, बीज और ऋण की सुविधा नहीं मिल पाएगी और आम जनता को भी राशन वितरण में दिक्कत होगी। यानी हड़ताल से किसान और उपभोक्ता दोनों परेशान होंगे।

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