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Chhindwara. मध्यप्रदेश मेंकोल्ड्रिफ कफ सिरप के कारण बच्चों की मौत का मामला बढ़ता जा रहा है। मध्यप्रदेश और राजस्थान में अब तक 19 बच्चों की जान इस सिरप से जा चुकी है। एमपी के छिंदवाड़ा में एक परिवार ने अपनी दुखभरी कहानी सुनाई। उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे को हल्का बुखार था, तो हम उसे डॉक्टर प्रवीण सोनी के पास ले गए। डॉक्टर ने दवाइयां दीं और हम वही दवाइयां लेकर आए। जब हमने बच्चे को सिरप दिया, तो उसे उल्टियां होने लगीं। हमने डॉक्टर को बताया तो उन्होंने बच्चे को एक इंजेक्शन दिया और कहा कि आप घर जा सकते हैं।
घर जाकर भी बच्चे की उल्टियां बंद नहीं हुईं और उसने खाना भी छोड़ दिया। फिर हम फिर से डॉक्टर के पास गए और स्थिति बिगड़ने पर मेरे बच्चे को पहले सरकारी अस्पताल परासिया, फिर छिंदवाड़ा और अंत में नागपुर भेजा गया। लेकिन 27 तारीख को हमारे बच्चे की मौत हो गई।
कफ सिरप लेने के अगले दिन बढ़ गया बुखार
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परसिया की एक महिला चेनवती यदुवंशी ने बताया कि उनके बच्चे ने कफ सिरप लेने के अगले दिन बुखार बढ़ गया। 18 तारीख की रात को बच्चे को उल्टियां होने लगीं और पेट में दर्द भी था। 19 तारीख को उन्होंने बच्चे को प्रवीण सोनी के क्लिनिक से छिंदवाड़ा के एक निजी अस्पताल में दिखाया। डॉक्टर ने कहा कि बच्चे की हालत बहुत खराब है और उसे नागपुर ले जाने की सलाह दी।
कफ सिरप से बच्चों की मौत का मामला वाली खबर पर एक नजर
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वह परिवार नागपुर गया और वहां कलर्स अस्पताल में बच्चे को एक दिन और एक रात रखा गया। लेकिन जब बच्चे की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ, तो 20 तारीख को उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज भेजा गया। फिर भी बच्चे को कोई आराम नहीं मिला और 26 तारीख को उसकी मौत हो गई। चेनवती यदुवंशी ने कहा कि वह अपने बच्चे की मौत के लिए प्रवीण सोनी की दवाइयों को जिम्मेदार मानती हैं।
छिंदवाड़ा में 14 बच्चों की मौत
छिंदवाड़ा के बाद अब बैतूल जिले में भी दो बच्चों की जान चली गई है। इन बच्चों की किडनी फेल हो गई थी और उनका इलाज डॉक्टर प्रवीण सोनी ने किया था। इन बच्चों को कोल्ड्रिफ (Coldrif) कफ सिरप दी गई थी। छिंदवाड़ा में पहले ही 14 बच्चों की मौत हो चुकी है। प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को मुआवजा प्रदान किया है और वह राशि उनके खातों में भेज दी गई है। इसके अलावा, छिंदवाड़ा के आठ बच्चे अब नागपुर के अस्पताल में भर्ती हैं। इन बच्चों की निगरानी के लिए एक डॉक्टरों और एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट की टीम बनाई गई है। डॉक्टर प्रवीण सोनी को इस मामले में सस्पेंड कर दिया गया है।
जबलपुर में दवा की दुकान सील
जबलपुर में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने कातारिया फार्मास्युटिकल्स के गोदाम को सील कर दिया है। नायब तहसीलदार आदर्श जैन ने बताया कि जांच में पता चला कि खांसी की सिरप इसी गोदाम से भेजी गई थी। कलेक्टर और एसडीएम के आदेश पर उस गोदाम को पूरी तरह सील कर दिया गया है, जहां सिरप का स्टॉक रखा गया था।
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उत्तर प्रदेश में अब मेडिकल स्टोर पर मौजूद कफ सिरप की जांच की जाएगी। उत्तर प्रदेश के असिस्टेंट कमिश्नर ने सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टर को फार्मा कंपनियों और मेडिकल स्टोर से कफ सिरप के सैंपल लेने और किसी भी खतरनाक सिरप को जप्त करने का आदेश दिया है। यूपी के सहायक आयुक्त (ड्रग्स) ने सभी औषधि निरीक्षकों को कड़े निर्देश दिए हैं।