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Photograph: (the sootr)
RAIPUR. देश भर में कोल्ड्रिफ कफ सिरप को लेकर पैदा हुई दहशत और बच्चों की मौत की घटनाओं के बाद छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बड़ा कदम उठाया है। छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल प्रभाव से इस सिरप की बिक्री, वितरण और स्टॉक पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला मुख्य रूप से पड़ोसी राज्यों मध्यप्रदेश और राजस्थान में इस सिरप के सेवन से बच्चों की संदिग्ध किडनी फेल्योर से हुई मौतों के मद्देनजर लिया गया है।
हालाँकि, छत्तीसगढ़ के दवा कारोबारियों ने पुष्टि की है कि राज्य में इस सिरप की कोई आधिकारिक आपूर्ति नहीं है, लेकिन जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह प्रतिबंध लागू किया गया है ताकि किसी भी संभावित खतरे को रोका जा सके और बाजार में किसी भी अवैध स्टॉक की बिक्री न हो पाए।
सिरप में डाईएथिलीन ग्लाइकॉल जो जानलेवा
कोल्ड्रिफ कफ सिरप, जिसका निर्माण तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मा द्वारा किया जाता है, विवादों के केंद्र में आ गया है। इस सिरप के नमूनों की जांच में यह पाया गया है कि इसमें डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की मात्रा अत्यधिक थी।
यह एक टॉक्सिक रसायन है, जो मनुष्यों, खासकर छोटे बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। यह रसायन शरीर में प्रवेश कर गुर्दों (किडनी) को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर देता है, जिससे एक्यूट किडनी इंजरी और अंततः मृत्यु हो सकती है। डाईएथिलीन ग्लाइकॉल का उपयोग अक्सर औद्योगिक सॉल्वैंट्स और एंटी-फ्रीज जैसे उत्पादों में होता है, और इसका दवा में पाया जाना घोर लापरवाही या मिलावट का संकेत है।
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सिरप में घातकडाईएथिलीन ग्लाइकॉल की पुष्टि
तमिलनाडु में सरकारी दवा परीक्षण प्रयोगशाला में किए गए विश्लेषण में कोल्ड्रिफ सिरप के एक बैच को मानक गुणवत्ता का नहीं घोषित किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, नमूने में 48.6% व/वी (w/v) तक डाईएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया, जो कि एक खतरनाक स्तर है और इसे जानबूझकर मिलावट का मामला माना जा रहा है। आमतौर पर,डाईएथिलीन ग्लाइकॉल को ग्लिसरीन या प्रोपलीन ग्लाइकॉल के सस्ते विकल्प के रूप में अवैध रूप से इस्तेमाल किया जाता है, जिनका उपयोग दवा में विलायक (Solvent) के रूप में होता है।
राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि भले ही छत्तीसगढ़ में इस कंपनी की सिरप की कोई सीधी आपूर्ति न हो, लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से फैली तस्वीरों और खबरों के कारण जनता में भ्रम और दहशत का माहौल है। इस भ्रम को दूर करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोल्ड्रिफ कफ सिरप (Coldrif Cough Syrup) के सभी संभावित रास्तों से प्रवेश और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। छत्तीसगढ़ में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर बैन भी लगा दिया है।
बाजार निगरानी और कारोबारियों को सख्त निर्देश
छत्तीसगढ़ फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) (Food and Drug Administration) ने राज्य के सभी दवा कारोबारियों और केमिस्टों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्हें आदेश दिया गया है कि यदि उनके पास गलती से भी कोल्ड्रिफ कफ सिरपका कोई स्टॉक मौजूद है, तो उसे तत्काल प्रभाव से सीज कर दिया जाए और बिक्री के लिए उपलब्ध न कराया जाए।
दवा कारोबारी अश्वनी विग ने इस बात की पुष्टि की है कि राज्य में इस सिरप की थोक में बिक्री या वितरण नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, हमारे रिकॉर्ड्स के अनुसार, छत्तीसगढ़ में कोल्ड्रिफ कफ सिरप की कोई सप्लाई नहीं है और न ही इस कंपनी का कोई गोदाम है। हालांकि, पड़ोसी राज्यों की घटनाओं के कारण छत्तीसगढ़ में भी दहशत का माहौल निर्मित हुआ, खासकर सोशल मीडिया के जरिए सिरप की तस्वीर वायरल होने के बाद। इस पर प्रतिबंध (Ban) लगाना एक जनहित का फैसला है।
स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार बाजार पर नजर बनाए हुए हैं। किसी भी निरीक्षण के दौरान यदि कोल्ड्रिफ कफ सिरप का कोई स्टॉक पाया जाता है, तो संबंधित विक्रेता पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 (Drugs and Cosmetics Act, 1940) के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
डाईएथिलीन ग्लाइकॉल क्या है और यह इतना खतरनाक क्यों है?
विशेषता (Feature) | विवरण (Description) |
क्या है? (What is it?) | एक रंगहीन, गंधहीन और मीठा लगने वाला टॉक्सिक रासायनिक (Toxic Chemical) यौगिक। |
उपयोग (Usage) | मुख्य रूप से औद्योगिक सॉल्वैंट्स, एंटी-फ्रीज और ब्रेक फ्लूइड्स (Brake Fluids) में उपयोग किया जाता है। |
दवा में प्रवेश (Entry in Medicine) | ग्लिसरीन या प्रोपलीन ग्लाइकॉल जैसे सुरक्षित विलायकों के सस्ते विकल्प के रूप में अवैध रूप से (Illegally) उपयोग। |
जानलेवा असर (Deadly Effect) | सेवन करने पर यह किडनी और लीवर को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है, जिससे एक्यूट किडनी फेल्योर और मौत हो सकती है। बच्चों के लिए यह विशेष रूप से खतरनाक है। |
स्वास्थ्य विभाग की जनता से अपील
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने राज्य की जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के कफ सिरप (Cough Syrup) या अन्य दवा का सेवन करने से पहले उसकी जांच करें। यदि किसी को कोल्ड्रिफ कफ सिरप का नाम दिखता है, तो वह उसे तत्काल उपयोग न करे और नजदीकीस्वास्थ्य केंद्र या औषधि निरीक्षक को सूचित करे।
माता-पिता को विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्हें बिना डॉक्टर की सलाह के बच्चों को कफ सिरप देने से बचना चाहिए। कई विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि छोटे बच्चों (दो वर्ष से कम) को तो कफ सिरप बिल्कुल नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि अधिकतर खांसी वायरल होती है और बिना दवा के ठीक हो जाती है।
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दवा सुरक्षा और उपभोक्ता जागरूकता
यह घटना दवा सुरक्षा (Drug Safety) के महत्व और उपभोक्ता जागरूकता की आवश्यकता को उजागर करती है। हर नागरिक को यह जानना चाहिए कि वे जो दवा ले रहे हैं वह मानक गुणवत्ता की है या नहीं।
दवा खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें
पंजीकृत मेडिकल स्टोर (Registered Medical Store) से ही दवा खरीदें।
डॉक्टर के पर्चे (Doctor’s Prescription) के बिना कोई भी दवा, खासकर बच्चों के लिए, न लें।
दवा की एक्सपायरी डेट (Expiry Date) और बैचनंबर (Batch Number) की जाँच करें।
यदि दवा के रंग, गंध या स्वाद में कोई असामान्य परिवर्तन लगे, तो उसका उपयोग न करें।