बिल्डर नहीं कर सकेंगे अधूरे प्रोजेक्ट में बुकिंग, रेरा ने 13 टाउनशिप पर लगाई रोक

मध्य प्रदेश रेरा ने 13 अधूरी टाउनशिप पर बुकिंग रोक लगाई है। इन टाउनशिप्स के निर्माण में देरी हो रही है। निवेशकों को इन प्रोजेक्ट्स में बुकिंग से बचने की सलाह दी गई है।

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Sanjay Sharma
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BHOPAL. मध्य प्रदेश रेरा ने टाउनशिप बिल्डरों के खिलाफ सख्त दिखाई है। इन्होंने घर का सपना दिखाकर लाखों रुपए निवेश कराए, लेकिन निर्माण पूरा नहीं किया है।

मध्य प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण ने जनवरी 2025 से दिसम्बर 2025 तक टाउनशिप मामलों की सुनवाई की है। इसके बाद इन टाउनशिप्स में नई बुकिंग पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही निवेशकों को भी ऐसी टाउनशिप में घर बुक न करने की समझाइश भी दी गई है।

रेरा की पाबंदी के बाद हो रही बुकिंग

राजधानी भोपाल में टाउनशिप विकसित करने का सपना दिखाकर लोगों से लाखों के निवेश का खेल जमकर चल रहा है। बीते सालों में भी सैंकड़ों की संख्या में निवेश के बाद भी घर न मिलने की शिकायतें रेरा तक पहुंची थीं। इन पर अब भी सुनवाई जारी है।

वहीं इनमें से कई टाउनशिप तो बिल्डर्स के डिफॉल्टर होने की वजह से अब भी अधूरी पड़ी हैं। ऐसे में सैंकड़ों लोग लाखों रुपए जमा कराने के बावजूद अपना घर होने का सपना पूरा नहीं कर पाए हैं।

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वादा किया फिर भी अधूरे प्रोजेक्ट

मध्य प्रदेश रेरा ने उन बिल्डर्स को नोटिस जारी किया है, जो टाउनशिप समय पर नहीं पूरा करते हैं। साल 2019 से 2022 के बीच ऐसी ही 13 बिल्डर्स के मामलों की सुनवाई चल रही है।

इनमें से 10 टाउनशिप भोपाल में हैं, जबकि तीन रीवा, जबलपुर और छिंदवाड़ा में हैं। इन टाउनशिप्स का काम अब भी अधूरा है। इस वजह से इनमें बुकिंग कराने वालों को उनके घर नहीं मिल पाए हैं।

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रेरा ने इन प्रोजेक्ट में रोकी बुकिंग:

  1. ट्रेजर पार्क: रेरा में पंजीकृत इस प्रोजेक्ट को 2017 से 2019 के बीच पूरा किया जाना था। इस संबंध में बिल्डर फर्म की ओर से रेरा को शपथ पत्र भी दिया गया था। वहीं, सितम्बर 2024 में कराए गए भौतिक सत्यापन में टाउनशिप में केवल 38.97 प्रतिशत काम होना पाया गया था।

    इस प्रोजेक्ट के बैंक अकाउंट में 1.92 करोड़ रुपए न्यूनतम बैलेंस रखा जाना था। वहीं, परीक्षण अवधि में केवल 66 हजार रुपए की राशि अकाउंट में पाई गई थी। वहीं प्रोजेक्ट के लिए तय अवधि के बावजूद बुकिंग की शिकायत भी रेरा को मिली थी।

  2. पाम सिटी: तिरुपति रियल्टी एंड इंफ्रा का यह प्रोजेक्ट रेरा पंजीयन के बाद साल 2017 से 2021 में पूरा होना था। बाद में इसकी पूर्णता अवधि में एक साल का इजाफा कर अप्रैल 2022 तक बढ़ा दिया गया। इसके बावजूद दिसम्बर 2024 में परीक्षण के दौरान काम 78 प्रतिशत पूरा होना पाया गया। वहीं रेरा के समक्ष सुनवाई में बिल्डर्स की ओर से गलत और भ्रामक जानकारी देकर समय की मांग की गई। समय मिलने के बाद भी निर्माण पूरा नहीं किया गया।

  3. पीजीएच इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड ने रेरा में पीपुल्स हाई राइज फेज-1 प्रोजेक्ट को रजिस्टर कराया था। इसका निर्माण कार्य 2017 से 2019 के बीच में पूरा होना था। निर्माण में देरी के चलते कंपनी की मांग पर इसे पूरा करने की अवधि बढ़ाकर 2022 कर दी गई थी।

    इसके बावजूद काम मार्च 2024 में भी पूरा नहीं किया गया था। बिल्डर फर्म की ओर से शपथ पत्र देकर जून 2024 में निर्माण पूरा करने का वादा किया गया था। वहीं, अब अगस्त 2026 तक समय देने की मांग की गई है।

  4. चिनार रिटेल एंड इंफ्रा प्रा.लि. के रेरा रजिस्टर प्रोजेक्ट चिनार इनक्यूब बिजनेस सेंटर की पूर्णता अवधि 2018 निर्धारित की गई थी। हालांकि इसे पूरा नहीं किया जा सका है। फर्म के जरिए अपलोड किए गए दस्तावेजों के आधार पर प्रोजेक्ट का बैंक अकाउंट प्रमोटर के नाम पर है। प्रोजेक्ट का तैमासिक डेटा अपलोड न करने पर 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जा चुका है। रेरा के नोटिसों के बाद भी फर्म का प्रतिनिधि सुनवाई में उपस्थित नहीं हो रहा है।

  5. वेस्टर्न कॉलोनाइजर्स ने अपने प्रोजेक्ट वेस्टर्न कोर्ट का पंजीयन रेरा में कराया था। यह प्रोजेक्ट 2020 में पूरा होना था। वहीं, फर्म के आवेदन पर पूर्णता अवधि 2021 तक बढ़ा दी गई थी। इसे बाद में मार्च 2025 तक बढ़ा दिया गया था। इसके बाद बिल्डर्स की ओर से प्रोजेक्ट की प्रगति रिपोर्ट रेरा को उपलब्ध नहीं कराई गई थी, साथ ही, न ही पोर्टल पर अपलोड किया गया था। रेरा की सुनवाई में भी उनका प्रतिनिधि पेश नहीं हुआ है।

  6. अमन बिल्डर्स एंड डेव्लपर्स के हाउसिंग प्रोजेक्ट वैष्णव धाम फेस-1 की पूर्णता अवधि 2018 थी। तय समय में प्रोजेक्ट का काम पूरा नहीं किया गया है। प्रोजेक्ट की जानकारी के साथ गलत सीए सर्टिफिकेट अपलोड कर भ्रमित किया गया था। बार-बार नोटिस देने के बावजूद कोई जानकारी नहीं दी गई थी। इसके बाद फिर नोटिस जारी किए गए था। फिर भी कोई प्रतिनिधि सुनवाई में नहीं आया है।

  7. रेरा में पंजीकृत हेवन्स ड्रीम प्रोजेक्ट स्टार ड्वेलिंग्स प्रा.लि. का आवासीय प्रोजेक्ट है। इसे साल 2021 में पूरा किया जाना था। बिल्डर फर्म न तो इसे समय पर पूरा कर सकी और न ही प्रोजेक्ट के बैंक अकाउंट में न्यूनतम राशि 2.65 करोड़ रुपए जमा कर पाई है। इस अकाउंट में केवल 1.40 लाख रुपए ही पाए गए है। बिल्डर फर्म की ओर से प्रोजेक्ट की तिमाही रिपोर्ट, सीए सर्टिफिकेट भी रेरा को उपलब्ध नहीं कराया गया है।

  8. वर्टेक्स प्राइम-4 हाउसिंग प्रोजेक्ट प्रमोटर राजू सांवले की ओर से रेरा में पंजीकृत कराया गया था। यह प्रोजेक्ट 2019 में पूरा होना था। तय समय सिमा में निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। इसके बावजूद प्रमोटर ने न तो रेरा पोर्टल पर सीए सर्टिफिकेट अपलोड किया और न ही प्रोजेक्ट की स्थिति बताई।

    आदेश के उल्लंघन के चलते फर्म पर 53 लाख रुपए का जुर्माना भी लग चुका है। इस प्रोजेक्ट में आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई गईं है। साथ ही, लोग दैनिक उपयोग के लिए पानी-बिजली की व्यवस्था स्वयं करने के लिए मजबूर हैं।

  9. हिमांशु इंफ्रा का हाउसिंग प्रोजेक्ट अल्पाइन ग्रीनेज फेस-1 साल 2019 में पूरा होना था। यह प्रोजेक्ट भी बिल्डर के वादे के मुताबिक समय पर पूरा नहीं हो पाया है। प्रमोटर ने नोटिस तामील करने के बावजूद रेरा को जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है। न ही त्रैमासिक प्रगति का विवरण अपलोड किया है।

    इस पर इस फर्म पर भी 53 लाख रुपए का जुर्माना लग चुका है। इस प्रोजेक्ट में 52 भवनों का निर्माण करने के बाद काम रोक दिया गया है। ईडब्ल्युएस इकाइयों का निर्माण शुरू ही नहीं हुआ है। यहां रहने वाले लोगों के लिए सड़क, बिजली और सीवर लाइन की जरूरी सुविधाएं भी अधूरी हैं।

  10. एसबीडी कॉसमॉस सिटी को प्रमोटर विवेक मिश्रा ने रेरा में पंजीकृत कराया था। इस प्रोजेक्ट की पूर्णता अवधि 2019 निर्धारित थी। वहीं, निर्माण अब भी अधूरा है। प्रोजेक्ट की बुकिंग से 34.58 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त की गई थी।

    इसके आधार पर प्रोजेक्ट के अकाउंट में न्यूनतम 3.49 करोड़ का बैलेंस जरूरी था, जबकि केवल 20 लाख रुपए ही जमा रखे गए हैं। प्रमोटर को कई नोटिस दिया गया था। इसके बाद भी न तो प्रोजेक्ट की प्रगति रिपोर्ट अपलोड की गई न ही रेरा को जानकारी दी गई है। मौके पर रहवासियों को जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई गईं है।

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रेरा ने ये पाबंदी लगाई...

प्रोजेक्ट में कोई भी नई बुकिंग नहीं ली जाएगी और न ही आवंटन दिया जाएगा।

  1. हाउसिंग प्रोजेक्ट की संपत्ति किसी अन्य आवंटी को नहीं दी जाएगी।

  2. प्रोजेक्ट में पूर्व से बुक संपत्ति के लिए जमा राशि प्रोजेक्ट के अकाउंट में ही जमा होगी।

  3. प्रोजेक्ट के बैंक अकाउंट से किसी दूसरे काम के लिए राशि नहीं निकाली जा सकेगी।

MP News मध्यप्रदेश रेरा भू संपदा विनियामक प्राधिकरण बिल्डर्स को नोटिस
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