मध्य प्रदेश के पांच इंस्पेक्टर्स ने हाल ही में पुलिस मुख्यालय के आदेश को चुनौती दी, जिसमें उन्हें कार्यवाहक डीएसपी के पद पर प्रमोट किया गया था। इन पांचों अधिकारियों ने इस प्रमोशन के आदेश को निरस्त करवा लिया, क्योंकि वे अपने मौजूदा पद पर ही बने रहना चाहते थे। ये पांच अधिकारियों में तहजीब काजी, रीतेश साहू, गोपाल परमार, भूर सिंह चौहान और खिलावन सिंह कंवर शामिल हैं।
प्रमोशन की प्रक्रिया
दरअसल, दिसंबर 2023 में, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पुलिस मुख्यालय को निर्देश दिया था कि हर स्तर के पुलिसकर्मियों की प्रमोशन प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने मात्र 15 दिनों के भीतर एक हजार से अधिक पुलिसकर्मियों के प्रमोशन आदेश जारी किए थे। इसके बाद प्रदेश के 84 इंस्पेक्टर्स को कार्यवाहक डीएसपी बनाया गया था।
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प्रमोशन नहीं चाहते थे ये इंस्पेक्टर्स
हालांकि, इन पांच अधिकारियों ने पुलिस मुख्यालय के उस आदेश को आधार बनाते हुए आवेदन दिया, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि अगर वे प्रमोशन नहीं चाहते, तो उन्हें उनके वर्तमान पद पर यथावत रखा जाएगा। इसके बाद, पुलिस मुख्यालय ने इन पांच अधिकारियों का कार्यवाहक डीएसपी के रूप में प्रमोशन आदेश निरस्त कर दिया और उन्हें फिर से इंस्पेक्टर के पद पर बरकरार रखा।
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वन टर्म प्रमोशन की प्रक्रिया
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में पुलिस अफसरों को पिछले कुछ सालों से 'वन टर्म प्रमोशन' (One Term Promotion) की प्रक्रिया के तहत प्रमोशन दिया जा रहा है। दरअसल, प्रदेश में कोर्ट की रोक के कारण पुलिस अफसरों को उच्च पद पर प्रमोशन देने के बजाय, उन्हें कार्यवाहक पद का प्रभार दिया जा रहा है। इसी प्रक्रिया के तहत, इन दिनों प्रदेश के पुलिस अफसरों को उनके उच्च पदों के कार्यवाहक रूप में प्रमोशन दिया जा रहा है।
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