MP में 62 प्रकार के पेड़ों की कटाई पर रोक, HC के फैसले के बाद एक्शन में वन विभाग

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के बाद वन विभाग ने आम, इमली, जामुन, बबूल और 62 अन्य पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है। अब इन पेड़ों की बिना अनुमति के कटाई या लकड़ी का परिवहन करना अपराध माना जाएगा। 

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Vikram Jain
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सांकेतिक फोटो

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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के महत्वपूर्ण आदेश के बाद वन विभाग ने 62 प्रकार के पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है। इसमें आम, जामुन, इमली, बबूल और अन्य पेड़ शामिल हैं। यह फैसला राज्य में बढ़ती अवैध कटाई को रोकने के लिए एक निर्णायक कदम है। अब वन विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि इन पेड़ों की कटाई या लकड़ी का परिवहन बिना ट्रांजिट परमिट (टीपी) के अवैध होगा। यह कदम प्रदेश में बढ़ते पेड़ों की अवैध कटाई को रोकने के लिए उठाया गया है, जिसमें पिछले कुछ सालों में बेतहाशा वृद्धि हुई थी।

जानें पूरा मामला

दरअसल, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 1 मार्च को राज्य में पेड़ों की अवैध कटाई को लेकर बड़ा फैसला सुनाया था। इसके बाद से वन विभाग ने 62 प्रकार के पेड़ों की कटाई पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। इसमें आम, इमली, जामुन, बबूल, शू-बबूल, अमरूद, और अन्य प्रजातियों के पेड़ शामिल हैं। साथ ही वन विभाग की संरक्षण शाखा ने इसको लेकर आदेश जारी किया है। अब सरपंच खेत-खलिहान के पेड़ों को काटे जाने की अनुमति दे सकेंगे। और न ही इनकी लकड़ी का परिवहन बिना ट्रांजिट परमिट के किया जा सकेगा।

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पेड़ की 62 प्रजातियों को टीपी से मुक्त करने की अधिसूचना

दरअसल, साल 2015 और 2017 में वन विभाग ने 62 प्रजातियों को ट्रांजिट परमिट (टीपी) से मुक्त कर दिया था, जिससे इन पेड़ों की अंधाधुंध कटाई शुरू हो गई थी। इसके बाद से इन पेड़ों की भारी संख्या में कटाई की घटनाएं हुईं, और अवैध रूप से इन पेड़ों को काटने के 2024 में 10 हजार 688 और 2023 में 50 हजार 180 मामले दर्ज हुए। सामने आया कि सड़क किनारे खेतों से आम, बबूल, शू-बबूल, इमली, जामुन सहित अन्य प्रजातियों के पेड़ों की कटाई धड़ल्ले की जा रही थी। हालांकि, साल 2019 में हाईकोर्ट ने इस अधिसूचना पर स्थगन दे दिया था, लेकिन वन विभाग ने इस पर ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण इस फैसले का क्रियान्वयन नहीं हो सका। जिस पर अब फैसला आया है।

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जुर्माना लेकर छोड़ रहा वन विभाग

एक ओर चिंता का विषय यह है कि वन विभाग के अधिकारी अवैध लकड़ी परिवहन को लेकर काफी ढीले साबित हो रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में आरा-मशीनों से रोज 50 से अधिक गाड़ियां लकड़ी लेकर आती हैं, लेकिन वन विभाग की कार्रवाई सीमित है। कई मामलों में 10,000 रुपए के जुर्माने पर लकड़ी परिवहन को छोड़ दिया जाता है, जबकि इसके लिए कानूनी रूप से लकड़ी के मूल्य का दोगुना जुर्माना वसूलने का प्रावधान है।

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इन पेड़ों की कटाई पर रोक

वन विभाग ने 62 प्रकार के पेड़ों की कटाई पर रोक लगाई है। जिसमें, नीलगिरि, बेर, नीम, कैसूरिना, कटहल, शहतूत, बकैन, पोपलर, सिस्सू, सुबबूल,अमरूद, करंज, इजरायली बबूल, आस्ट्रेलियन बबूल, नींबू, संतरा, आम, मोसंबी पलाश, विलायती बबूल, मुनगा, सफेद, सिरस, मौलश्री, गूलर, बबूल, अशोक, रबर, खमेर, पुत्रजीवा, सेमल, महारूख, इमली, कपोक, कदंब, जामुन, चिरोल, केसिया साइमया, ग्लेरिसीडिया, गुलमोहर, सप्तपर्णी, रिमझा, जेकरंडा, कैथा, सिल्वर ओक, जंगल जलेबी, गुड़हल, जासोन, पाम, पेल्टाफोरम शंकुधारी प्रजातियां शामिल हैं।

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