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मध्य प्रदेश परिवहन विभाग में कार्यरत एक पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा की संपत्तियां पिछले कुछ महीनों से सुर्खियों में हैं। आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। सौरभ शर्मा की प्रॉपर्टी अप्रैल में अटैच की गई थी। अब आयकर विभाग उनके करीबी सहयोगियों तथा रिश्तेदारों की संपत्तियों की भी जांच कर रहा है। विभाग ने उनके रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी गई प्रॉपर्टी की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है।
आयकर विभाग की कार्रवाई
सौरभ शर्मा के सहयोगी चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल और अविरल कंस्ट्रक्शन के खिलाफ आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से बेनामी संपत्ति प्रकरण शुरू किया गया था। ये सभी लोग सौरभ शर्मा के करीबी सहयोगी रहे हैं। अब इनकी अटैच की गई संपत्तियों के साथ-साथ उनके रिश्तेदारों की संपत्तियों का भी ब्योरा खंगाला जा रहा है। माना जा रहा है कि इन संपत्तियों को जल्द ही अटैच किया जाएगा।
52 किलो गोल्ड और 11 करोड़ कैश जब्ती
दिसंबर 2024 में सौरभ शर्मा सुर्खियों में आए थे, जब लोकायुक्त, ईडी और आयकर विभाग ने उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापे के दौरान भोपाल के मेंडोरी इलाके में एक इनोवा कार से 11 करोड़ रुपए कैश और 52 किलो सोने की बरामदगी हुई थी, जो सीधे सौरभ से जुड़ी हुई थी। इसके बाद सौरभ और उनके सहयोगियों की अपार संपत्ति का खुलासा हुआ था।
सौरभ शर्मा और उनके सहयोगियों की संपत्तियांसौरभ शर्मा की प्रॉपर्टी के मामले में कई संपत्तियां अटैच की गई हैं। इनमें से कुछ प्रमुख संपत्तियां इस प्रकार हैं-
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रिश्तेदारों की संपत्तियों की भी जांच जारी
आयकर विभाग अब सौरभ शर्मा के रिश्तेदारों की संपत्तियों की भी जांच कर रहा है। जानकारी के अनुसार, सौरभ शर्मा के जीजा और उनके परिवार के अन्य सदस्य भी इन संपत्तियों के मालिक हो सकते हैं। वहीं इन पर आयकर विभाग जल्द ही कार्रवाई कर सकता है। इसके अलावा, विभाग बेनामी संपत्ति को लेकर सभी दस्तावेजों की छानबीन कर रहा है।
जानें आयकर विभाग के दायरे में कौन सी संपत्तियां हैं?
आयकर विभाग की जांच का दायरा अब सौरभ शर्मा के रिश्तेदारों की संपत्तियों तक फैल चुका है। इन संपत्तियों में जमीनों के अलावा अन्य संपत्तियों की खरीदी भी शामिल है, जो रिश्तेदारों के नाम पर की गई हैं। विभाग का उद्देश्य यह है कि ये संपत्तियां बेनामी कानून के तहत अटैच की जा सकें।
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बेनामी प्रॉपर्टी क्या है?
बेनामी प्रॉपर्टी (Benami Property) का मतलब है ऐसी संपत्ति जिसे किसी व्यक्ति के नाम पर रखा जाए, लेकिन उसका वास्तविक मालिक कोई और हो। यह प्रॉपर्टी आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा अवैध धन के मामले में अटैच की जाती है। बेनामी संपत्ति अधिनियम 1988 के तहत ऐसी संपत्तियां जब्त की जाती हैं। इनके मालिकों की पहचान छिपाई जाती है।
सौरभ शर्मा केस | परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा | सौरभ शर्मा संपत्ति जांच | MP News
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